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डिब्बा खोलते ही निकला लाखों का सोना, खुल ही गई थी उसकी किस्मत....लेकिन फिर हुआ कुछ ऐसा - LOST GOLD FOUND

ओडिशा में रंजन नाम के शख्स ने सोने के कई सारे लॉकेट उसके मालिक को लौटा दिए. अब उनकी चर्चा हो रही है.

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ईमानदारी की मिसाल पेश करता युवक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2025, 10:39 PM IST

Updated : Jan 2, 2025, 10:44 PM IST

बालासोर: ओडिशा के बालासोर जिले से ईमानदारी की मिसाल वाली खबर निकल कर सामने आई है. ऐसी दुनिया में जहां अक्सर छल-कपट हावी रहता है, यहां एक व्यक्ति द्वारा दिखाए गए नेक काम ने यह पुष्टि की है कि मानवता अभी भी मौजूद है और हमारी पहुंच में है. रंजन कुमार सामंतराय उस शख्स का नाम है जिन्हें 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य के 45 सोने के लॉकेट मिले थे.

वे चाहते तो वे बेशकीमती सोने की लॉकेट को अपने पास रख सकते थे. हालांकि, वे लालच में नहीं आए और सोने के लॉकेट को उन जौहरी को लौटा दिया, जिन्होंने उसे कहीं खो दिया था.

पूरी घटना कुछ इस प्रकार है...
1 जनवरी को, ओडिशा के बालासोर जिले के बलियापाल इलाके के कौमारी बाजार के एक जौहरी गौतम कामिला 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य के 45 सोने के लॉकेट लेकर चांदमनी में अपने घर लौट रहे थे. हालांकि, गलती से गहनों वाला डिब्बा रास्ते में कहीं गिर गया. उसके बाद वह और उनके परिवार के सदस्य चिंतित हो गए. इसी बीच, एक छोटे लड़के की नजर उस डिब्बे पर पड़ी और उसने उसे काशीपुर में क्लीनिक चलाने वाले रंजन कुमार सामंतराय को सौंप दिया.

जब तक रंजन कुछ कह पाता, लड़का क्लीनिक से गायब हो गया. रंजन को पहले संदेह हुआ. आखिरकार उन्होंने डिब्बा खोलने का फैसला किया. जब उन्होंने डिब्बा खोला तो वे चौंक गए. डिब्बे के अंदर सोने के कई सारे लॉकेट थे. जब उन्हें एहसास हुआ कि यह असली सोना है, तो रंजन तुरंत बलियापाल पुलिस स्टेशन पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस को बॉक्स सौंप दिया.

रंजन ने बताया, "मैं अपने क्लिनिक में बैठा था, तभी एक 10 से 12 साल के लड़के ने मुझे एक बॉक्स दिया और कहा कि इसमें सोना है. उसने कहा कि किसी ने इसे गिरा दिया है. मुझे उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ. मैं समझ पाता कि वह क्या कह रहा है, इससे पहले ही लड़का चला गया. जब मैंने बॉक्स के अंदर सोना देखा, तो मैंने बलियापाल पुलिस को मामले की जानकारी दी."

रंजन ने बताया, "मैं समझ सकता था कि इस नुकसान से किसी को कितनी चिंता होगी. एक व्यवसायी के तौर पर, मैं किसी कीमती चीज को खोने के दर्द को समझता हूं. यह सिर्फ पैसे की बात नहीं है. किसी और का कीमती सामान रखना पाप होगा," पुलिस की सहायता से गौतम कामिला को उसके सोने के लॉकेट मिलने की सूचना दी गई. वह आभूषण वापस लेने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे.

गौतम ने अपने आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा...
"जब उन्होंने लॉकेट खो दिए तो उन्हें लगा कि उनकी जिंदगी खत्म हो गई है. इस युवक की ईमानदारी ने उन्हें बचा लिया. उसने सोना लौटा दिया. उन्हें लगा था कि, अब उनका खोया हुआ सोना कभी नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि, वे एक छोटे से व्यापारी हैं. वे रंजन की ईमानदारी को कभी नहीं भुला पाएंगे.

जब रंजन की ईमानदारी की खबर चारों तरफ फैलने लगी तो बालासोर के एसपी राज प्रसाद ने जिला पुलिस मुख्यालय में रंजन को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया. एसपी ने कहा "इन दिनों ईमानदारी दुर्लभ लगती है, लेकिन रंजन के कार्य हमें उस मानवता की याद दिलाते हैं जो अभी भी लोगों में मौजूद है. मैं समाज को एक संदेश देना चाहता हूं कि, सभी लोग ईमानदारी और मानवता के साथ काम करें. जो चीज दूसरों की है उसे लौटाना न केवल सही बात है बल्कि इससे मन को बहुत संतुष्टि भी मिलती है.

ये भी पढ़ें: साल के आखिरी दिन सोने-चांदी की कीमतें हुईं अपडेट, जानिए लेटेस्ट रेट

बालासोर: ओडिशा के बालासोर जिले से ईमानदारी की मिसाल वाली खबर निकल कर सामने आई है. ऐसी दुनिया में जहां अक्सर छल-कपट हावी रहता है, यहां एक व्यक्ति द्वारा दिखाए गए नेक काम ने यह पुष्टि की है कि मानवता अभी भी मौजूद है और हमारी पहुंच में है. रंजन कुमार सामंतराय उस शख्स का नाम है जिन्हें 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य के 45 सोने के लॉकेट मिले थे.

वे चाहते तो वे बेशकीमती सोने की लॉकेट को अपने पास रख सकते थे. हालांकि, वे लालच में नहीं आए और सोने के लॉकेट को उन जौहरी को लौटा दिया, जिन्होंने उसे कहीं खो दिया था.

पूरी घटना कुछ इस प्रकार है...
1 जनवरी को, ओडिशा के बालासोर जिले के बलियापाल इलाके के कौमारी बाजार के एक जौहरी गौतम कामिला 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य के 45 सोने के लॉकेट लेकर चांदमनी में अपने घर लौट रहे थे. हालांकि, गलती से गहनों वाला डिब्बा रास्ते में कहीं गिर गया. उसके बाद वह और उनके परिवार के सदस्य चिंतित हो गए. इसी बीच, एक छोटे लड़के की नजर उस डिब्बे पर पड़ी और उसने उसे काशीपुर में क्लीनिक चलाने वाले रंजन कुमार सामंतराय को सौंप दिया.

जब तक रंजन कुछ कह पाता, लड़का क्लीनिक से गायब हो गया. रंजन को पहले संदेह हुआ. आखिरकार उन्होंने डिब्बा खोलने का फैसला किया. जब उन्होंने डिब्बा खोला तो वे चौंक गए. डिब्बे के अंदर सोने के कई सारे लॉकेट थे. जब उन्हें एहसास हुआ कि यह असली सोना है, तो रंजन तुरंत बलियापाल पुलिस स्टेशन पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस को बॉक्स सौंप दिया.

रंजन ने बताया, "मैं अपने क्लिनिक में बैठा था, तभी एक 10 से 12 साल के लड़के ने मुझे एक बॉक्स दिया और कहा कि इसमें सोना है. उसने कहा कि किसी ने इसे गिरा दिया है. मुझे उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ. मैं समझ पाता कि वह क्या कह रहा है, इससे पहले ही लड़का चला गया. जब मैंने बॉक्स के अंदर सोना देखा, तो मैंने बलियापाल पुलिस को मामले की जानकारी दी."

रंजन ने बताया, "मैं समझ सकता था कि इस नुकसान से किसी को कितनी चिंता होगी. एक व्यवसायी के तौर पर, मैं किसी कीमती चीज को खोने के दर्द को समझता हूं. यह सिर्फ पैसे की बात नहीं है. किसी और का कीमती सामान रखना पाप होगा," पुलिस की सहायता से गौतम कामिला को उसके सोने के लॉकेट मिलने की सूचना दी गई. वह आभूषण वापस लेने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे.

गौतम ने अपने आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा...
"जब उन्होंने लॉकेट खो दिए तो उन्हें लगा कि उनकी जिंदगी खत्म हो गई है. इस युवक की ईमानदारी ने उन्हें बचा लिया. उसने सोना लौटा दिया. उन्हें लगा था कि, अब उनका खोया हुआ सोना कभी नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि, वे एक छोटे से व्यापारी हैं. वे रंजन की ईमानदारी को कभी नहीं भुला पाएंगे.

जब रंजन की ईमानदारी की खबर चारों तरफ फैलने लगी तो बालासोर के एसपी राज प्रसाद ने जिला पुलिस मुख्यालय में रंजन को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया. एसपी ने कहा "इन दिनों ईमानदारी दुर्लभ लगती है, लेकिन रंजन के कार्य हमें उस मानवता की याद दिलाते हैं जो अभी भी लोगों में मौजूद है. मैं समाज को एक संदेश देना चाहता हूं कि, सभी लोग ईमानदारी और मानवता के साथ काम करें. जो चीज दूसरों की है उसे लौटाना न केवल सही बात है बल्कि इससे मन को बहुत संतुष्टि भी मिलती है.

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Last Updated : Jan 2, 2025, 10:44 PM IST
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