पटना: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम (National Monetisation Pipeline) को लेकर विपक्ष की ओर से विरोध तेज हो गया है. उसी कड़ी में शनिवार को जन अधिकार पार्टी (Jan Adhikar Party) ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के एक नंबर गेट से लेकर राम गुलाम चौक तक पदयात्रा निकाला. कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का पुतला दहन किया.
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जाप के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर निजीकरण का विरोध किया. जाप की ओर से शनिवार को राम गुलाम चौक पर प्रदर्शन किया गया. जाप नेताओ ने कहा सरकार देश विरोधी कार्य कर रही है. देश की संपत्ति को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. दरअसल सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का शुभारंभ किया था. इसके जरिए अगले चार वर्षों में बेची जाने वाली सरकार की बुनियादी ढांचा संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी. इसी का विरोध विपक्ष कर रहा है.
देश को बेचने से बचाने के लिए हम सड़क पर उतरे हैं. देश में एक नए संघर्ष की आवश्यकता है. मोदी के राज में बेरोजगारी बढ़ गई है. सरकार हर मोर्चे पर फेल है. हम निजीकरण के खिलाफ हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.- बबन यादव, प्रदेश प्रवक्ता, जाप
दरअसल केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में देने की पूरी तैयारी कर चुकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम की शुरुआत की. बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसे संस्थानों के बाद मोदी सरकार ने एक साथ रोडवेज, देश की रीढ़ कही जाने वाली रेलवे, गेल की पाइप लाइन, पेट्रोलियम की पाइपलाइन व वेयरहाउसिंग को भी निजी हाथों में देने की योजना बनाई है. इसे लेकर जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के विरोध में हाथों में बैनर पोस्टर लिए व जमकर नारे लगाते हुए मार्च निकाला.
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने साफ किया है कि इन एसेट का ओनरशिप सरकार के पास ही रहेगा, बस इन्हें कमाने के लिए ही कंपनियों को दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल के बाद वापस कर देंगे. हमारी नीति बेचने के बारे में नहीं है. केंद्र सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर केंद्र की मोदी सरकार करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है.
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