हैदराबाद: अलकनंदा अस्पताल मामले में देशभर में चल रहे सनसनीखेज किडनी रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. जांच से पता चला है कि हैदराबाद ही नहीं, बल्कि कई राज्यों में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी की जा रही थी, जिसमें करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ.
मामले में चेन्नई के सर्जन डॉक्टर राजशेखर पेरुमल को रैकेट में अहम भूमिका निभाने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया. वह पिछले दो सालों से अवैध किडनी ट्रांसप्लांट कर रहे थे. पुलिस जांच से पता चला है कि ये सर्जरी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर के प्रमुख शहरों के छोटे अस्पतालों में की गई, जहां मेडिकल निगरानी बहुत कम है.
पहले भी हुई थी गिरफ्तारी
तेलंगाना की राचकोंडा पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए कई राज्यों में टीमें तैनात की थीं. बता दें कि डॉ राजशेखर को पहले भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जहां विशाखापट्टनम में पवन नाम का शख्स रैकेट का संचालन कर रहा था. पवन ने कथित तौर पर किडनी दाताओं और प्राप्तकर्ताओं के चयन से लेकर डॉक्टरों और अस्पतालों के साथ कोर्डिनेट करने तक का सब काम संभाला.
जेल जाने के बाद भी जारी रहा ऑपरेशन
जांचकर्ताओं को संदेह है कि राजशेखर और पवन ने अपनी पिछली रिहाई के बाद हैदराबाद में अपनी अवैध गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया. पुलिस को यह आशंका है कि पवन गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश भाग गया हो.
पुलिस की जांच जारी
इस बीच सरूरनगर पुलिस ने डॉक्टर सुमंत और अविनाश के साथ-साथ वर्तमान में रिमांड पर मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के लिए याचिका दायर की है.अधिकारी उन अस्पतालों और शहरों में जांच का विस्तार कर रहे हैं, जहां इस तरह गतिविधियां होने का शक है. उनका लक्ष्य रैकेट के नेटवर्क को खत्म करना और सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना है.