पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू हो गयी है. सभी राजनीतिक दल महापुरुषों को उनकी जाति को ध्यान रखते हुए याद कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार की राजनीति में सम्राट अशोक को लेकर सियासत शुरू हो गई है. एक ओर भाजपा जहां सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप कर सम्राट अशोक की जाति कुशवाहा वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल भी सम्राट अशोक के जरिए कुशवाहा वोट बैंक को साधना चाहता है.
इसे भी पढ़ेंः Jagdev Prasad Jayanti: गया में जगदेव प्रसाद की मनाई गई जयंती, तस्वीर पर माल्यार्पण कर दी गयी श्रद्धांजलि
सम्राट अशोक पर होगी परिचर्चाः राष्ट्रीय जनता दल ने 5 सितंबर को मंगलवार को परिचर्चा का आयोजन किया है. जगदेव प्रसाद के शहादत दिवस पर सम्राट अशोक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को नफरत क्यों है, विषय पर परिचर्चा होगी. परिचर्चा में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मौजूद रहेंगे. पार्टी की नजर 5 से 6% कुशवाहा वोट बैंक पर है. राष्ट्रीय जनता दल द्वारा आयोजित परिचर्चा को लेकर भाजपा हमलावर है.
"नये संसद भवन में जब अशोक स्तंभ स्थापित किया जा रहा था तब राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के लोग विरोध कर रहे थे. जबकि भाजपा ने सम्राट अशोक का मान सम्मान बढ़ाने का काम किया है."- सम्राट चौधरी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
इसे भी पढ़ेंः High Court bench: संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज
सम्राट अशोक को आरएसएस ने अपमानित कियाः राजद प्रवक्ता चितरंजन का कहना है कि सम्राट अशोक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के लोगों ने अपमानित किया है. राजद प्रवक्ता ने मोहन भागवत के उस बयान को याद दिलाया जिसमें उन्होंने सम्राट अशोक को खलनायक कहा था. जिस धर्म को सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को देश-विदेश तक फैलाया उसे ये लोग देशद्रोही मानते हैं.
क्या कहा था मोहन भागवत नेः बता दें कि मोहन भागवत ने 2022 में एक कार्यक्रम में सम्राट अशोक को खलनायक और बौद्ध को राष्ट्रद्रोही बताया था. यह मुद्दा उस वक्त काफी गरमाया था. यूपी की एक अदालत में इसे लेकर केस भी दर्ज कराया गया था. इससे पहले भी राजद ने 2015 के चुनाव में मोहन भागवत द्वारा आरक्षण के विरोध में दिये गये बयान को मुद्दा बनाया था.