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सदन में नीतीश का बर्ताव निंदनीय, मुख्यमंत्री को नहीं है संविधान का ज्ञान: जगदानंद सिंह

सोमवार को विधानसभा में सीएम नीतीश और स्पीकर विजय सिन्हा के बीच नोकझोंक (CM Nitish VS Speaker Vijay Sinha Issue) का मुद्दा गरमाता जा रहा है. इस पर आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कहीं से भी सदन में इस तरह का बर्ताव उचित नहीं है. विपक्ष इसकी जितनी भी निंदा करे वह कम है. मुख्यमंत्री को संविधान का ज्ञान नहीं है.

आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह
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Published : Mar 15, 2022, 4:14 PM IST

पटना: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD state president Jagdanand Singh) ने विधानसभा में हुई घटना की निंदा की है. आरजेडी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष से मुख्यमंत्री ने भरी सभा में दो बात की है और बात करने का जो उनका तरीका था, उसको सभी ने देखा है. इससे लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार हुई है.

ये भी पढ़ें- विधानसभा में नहीं आए स्पीकर, नीतीश से माफी की मांग पर अड़ा विपक्ष, कार्यवाही स्थगित

''इन घटनाओं को पूरे विश्व ने देखा और पहली बार किसी भी सदन में इस तरह की घटना हुई है कि मुख्यमंत्री सभा अध्यक्ष को ही सदन के अंदर कई तरह की बात कह रहे थे. बात कहने का लहजा कैसा था और क्या वो कह रहे थे वो भी सभी ने सुना है. कहीं से भी सदन में इस तरह का बर्ताव उचित नहीं है. विपक्ष इसकी जितनी भी निंदा करे वह कम है.''- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी

जगदानंद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में कह रहे थे कि संविधान का उन्हें ज्ञान है, लेकिन हम शुरू से कहते रहे हैं कि कभी भी मुख्यमंत्री को संविधान का ज्ञान नहीं है. उन्हें अगर यह पता रहता कि कार्यपालिका से ऊपर विधायक का होता है तो सदन में इस तरह की बात को वह नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जिस तरह से बिहार विधानसभा में शर्मसार किया गया है. निश्चित तौर पर यह गलत है, राष्ट्रीय जनता दल इसकी निंदा करता है. ऐसी परंपरा लोकतंत्र के लिए घातक है जिसमें सभाध्यक्ष जो कि कुर्सी पर बैठे हैं, उन्हें सदन चलाने के नियम को बताया जाए.

क्या है पूरा मामला?: लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी.

स्पीकर पर बिफरे नीतीश : सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.

नीतीश की नसीहत पर स्पीकर ने क्या कहा?: वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा, वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगी, उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है, उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार ने क्यों गंभीरता से नहीं लिया? पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.

ये भी पढ़ें: नीतीश कुमार पर भड़के RJD प्रवक्ता, कहा- 'इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ... देखते हैं क्या करेंगे स्पीकर'

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पटना: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD state president Jagdanand Singh) ने विधानसभा में हुई घटना की निंदा की है. आरजेडी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष से मुख्यमंत्री ने भरी सभा में दो बात की है और बात करने का जो उनका तरीका था, उसको सभी ने देखा है. इससे लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार हुई है.

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''इन घटनाओं को पूरे विश्व ने देखा और पहली बार किसी भी सदन में इस तरह की घटना हुई है कि मुख्यमंत्री सभा अध्यक्ष को ही सदन के अंदर कई तरह की बात कह रहे थे. बात कहने का लहजा कैसा था और क्या वो कह रहे थे वो भी सभी ने सुना है. कहीं से भी सदन में इस तरह का बर्ताव उचित नहीं है. विपक्ष इसकी जितनी भी निंदा करे वह कम है.''- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी

जगदानंद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में कह रहे थे कि संविधान का उन्हें ज्ञान है, लेकिन हम शुरू से कहते रहे हैं कि कभी भी मुख्यमंत्री को संविधान का ज्ञान नहीं है. उन्हें अगर यह पता रहता कि कार्यपालिका से ऊपर विधायक का होता है तो सदन में इस तरह की बात को वह नहीं बोलते. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जिस तरह से बिहार विधानसभा में शर्मसार किया गया है. निश्चित तौर पर यह गलत है, राष्ट्रीय जनता दल इसकी निंदा करता है. ऐसी परंपरा लोकतंत्र के लिए घातक है जिसमें सभाध्यक्ष जो कि कुर्सी पर बैठे हैं, उन्हें सदन चलाने के नियम को बताया जाए.

क्या है पूरा मामला?: लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी.

स्पीकर पर बिफरे नीतीश : सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.

नीतीश की नसीहत पर स्पीकर ने क्या कहा?: वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा, वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगी, उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है, उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार ने क्यों गंभीरता से नहीं लिया? पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.

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