पटना : पटना हाईकोर्ट ने (Patna High Court News) पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को बिना वैकल्पिक (Patna Collectorate Bar Association Building) व्यवस्था किये तोड़े जाने के मामलें पर सुनवाई की. उपेंद्र नारायण सिंह की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को वकीलों के बैठने और कार्य करने की वैकल्पिक व्यवस्था किये जाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने इस मामलें पर विशेष रूप से सुनवाई की. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये तोड़े जाना सही नहीं है.कोर्ट ने प्रशासन और एसोसिएशन को आपसी सहमति से इन मुद्दों को सुलझा कर वकीलों की समस्यायों का निदान निकालने का निर्देश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.
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विकास भवन में दो सौ वकीलों के बैठने की व्यवस्था हो रही है: कोर्ट ने प्रशासन और एसोसिएशन के आपसी सहमति के वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था की जाए. वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने जानकारी दी कि तत्काल विकास भवन में लगभग दो सौ वकीलों के बैठने की व्यवस्था हो रही है. उन्होंने कहा कि वकीलों के स्टाफ,टाईपिस्ट आदि के लिए भी बैठने और कार्य करने की व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है. वकीलों के लिए बुनियादी सुविधाएं और आधुनिक डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि वकील अपना पेशागत कार्य सही तरीके से कर पाये.
बार एसोसिएशन भवन की है जर्जर हालत: वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट को बताया कि वकीलों के बैठने और काम करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशन के भवन या तो है ही नहीं या काफी बुरी स्थिति में है.
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