पटना : बिहार विधानसभा में बुधवार को 1648.81 करोड़ का उद्योग का बजट पर चर्चा हुई. चर्चा के बाद इसे सदन से पास कराया गया. ऐसे तो पिछले वर्ष के मुकाबले उद्योग विभाग के बजट में केवल 5 करोड की वृद्धि की गई है, लेकिन उद्योग मंत्री ने बजट भाषण में बिहार में उद्योग के क्षेत्र में लगातार माहौल बनने की बात कही. लेकिन बीजेपी विधायकों का कहना था कि बिहार में केवल अपहरण उद्योग है, कोई नया उद्योग लग नहीं रहा है. पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने भी कहा कि जब तक कृषि मंडी व्यवस्था लागू नहीं होगी बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं लग सकता है. वहीं, कांग्रेस के सदस्य ने कहा कि केंद्र सरकार से मदद नहीं मिल रही है. चर्चा के दौरान जदयू के सदस्यों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की कि जिससे बिहार में उद्योग का तेजी से विकास हो सके.
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उद्योग बजट का प्रस्ताव विधानसभा से पास: उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने विधानसभा में विपक्ष के चर्चा के बाद जब सरकार की तरफ से उत्तर दिया. उन्होंने उद्योग विभाग की कई योजनाओं की चर्चा की. उद्योग मंत्री ने कहा बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 लागू होने के बाद 10 मार्च 2023 तक कुल 431 ऑनलाइन आवेदन मिले. 405 आवेदन को स्टेज 1 का क्लियरेन्स मिल चुका है. जिसमें प्रस्तावित निवेश 8558.23 करोड़ रुपया है. कुल 144 इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन हेतु क्लियरेन्स दिया गया, जिसमें निवेश राशि 2092.09 करोड़ रुपया है. तथा कुल 71 इकाईयां कार्यरत हुईं जिसमें निवेश राशि 1102.93 करोड़ रुपए है. 71 इकाईयों में 3653 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ.
निवेश को मिलेगी गति: उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार औद्योगिक विकास को गति देने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक क्षेत्र में विनिर्माण करने वाली एवं सेवा प्रक्षेत्र की आईटी, स्टार्टअप को वर्किंग स्पेस, ग्रेड ए वेयरहॉउस, लॉजिस्टिक पार्क, रिसर्च टेस्टिंग लैब को जमीन आवंटित की जाएगी. स्टार्टअप नीति 2022 के तहत 28 फरवरी 2023 तक कुल प्राप्त आवेदनों में 327 आवेदकों को प्रमाणिकृत किया गया है. 16.30 करोड़ रुपयों की वित्तीय सहायता दी गई है.
अब तक 36 MoU: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अब तक चयनित 29882 लाभुकों को 1450 करोड़ रुपयों की सहायता की गई है. निवेश आयुक्त कार्यालय मुंबई के प्रयास से 3222 निवेशकों से सम्पर्क किया गया, 8 इन्वेस्टमेंट मीट का आयोजन किया गया, जिसके कारण 2022-23 में अबतक कुल 36 MOU हुए. 1211 करोड़ का निवेश तथा 8902 प्रत्यक्ष रोजगार का प्रस्ताव प्राप्त हुए. देश एवं विदेश में प्रवासी बिहारी समुदाय के सहयोग से 26 चैप्टर खुल चुके हैं. जिसमें विदेशों में 14 और भारत में 12 चैप्टर हैं.
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गालियारा: आयडा के अंतर्गत गया जिला में डोभी अंचल में अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गालियारा के स्थापना के लिए 1670 एकड़ भूमि अर्जन तथा फतुहा के पास मल्टी मॉडल लोजिस्टिक पार्क की स्थापना के लिए 108.21 एकड़ भूमि का अर्जन किया जा रहा. खादी मॉल पटना में साल 2022-23 में अबतक कुल 16 करोड़ रुपए की बिक्री हुई. पूर्णिया मुजफ्फरपुर में खादी मॉल के निर्माण के लिए 16.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 8 हजार लाभुकों को प्रशिक्षण देकर राशि का वितरण किया जाएगा. मलबरी रीलिंग यूनिट की स्थापना धमदहा पूर्णिया में किया जाएगा.
'बिहार में अपहरण उद्योग': उद्योग बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि ''बिहार में केवल अपहरण उद्योग फल फूल रहा है, कोई नया उद्योग लग नहीं रहा है''. तो वहीं, कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि ''केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है. जब तक बिहार में उद्योग नहीं लगेगा युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता है''. पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा ''कृषि को उद्योग से जोड़ने के लिए मंडी व्यवस्था लागू करनी होगी. लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं है. जब तक मंडी व्यवस्था लागू नहीं होगी प्रोसेसिंग यूनिट नहीं लगेगी''.
सरकार के सामने बड़ी चुनौती: वर्ष 2022- 23 में उद्योग विभाग का कुल बजट 1643.70करोड़ था. जिसमें स्कीम मद में 1545 करोड़ रखा गया था. वित्तीय वर्ष 2023 -24 में भी स्कीम मद में 1545 करोड़ की व्यवस्था की गई है. उद्योग विभाग का कुल बजट 1648.81 करोड रुपए रखा गया है. जो पिछले वर्ष से केवल 5 करोड़ अधिक है. इसके कारण उद्योग के क्षेत्र में नई योजना लागू करना और उद्योग प्रोत्साहन के लिए अधिक से अधिक स्टार्टअप और अन्य क्षेत्रों में लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है.