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बिहार म्यूजियम में घोटाले की जांच शुरू, मेंटेनेंस और टिकट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी आई सामने - investigation start on bihar museum scame

बिहार म्यूजियम के मेंटेनेंस पर पहले 10 लाख रूपये खर्च किए जाते थे. लेकिन एक दिसंबर 2018 से मेंटेनेंस का काम एफएमएस नामक एजेंसी को दिया गया और एजेंसी को प्रतिमाह मेंटेनेंस के लिए 20 लाख रूपये दिए जाने लगे.

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Published : Oct 22, 2019, 11:50 PM IST

पटना: राजधानी के बेली रोड में बना बिहार म्यूजियम अपने निर्माण के समय से ही विवादों में है. इन दिनों यह म्यूजियम घोटालों को लेकर चर्चा में है. पहले टिकट घोटाला को लेकर यहां के निदेशक मोहम्मद यूसुफ की तरफ से उठाए गए सवाल के कारण यह म्यूजियम चर्चा में रहा और अब मेंटेनेंस में भारी गड़बड़ी किए जाने की खबर के बाद चर्चा में हैं.

बता दें मामला सामने आने के बाद सरकार ने जांच के लिए टीम बना दी है. कला संस्कृति विभाग के सचिव ने जांच की प्रक्रिया शुरू की कर दी है. बताया जाता है कि बिहार म्यूजियम के मेंटेनेंस पर पहले 10 लाख रूपये खर्च किए जाते थे. लेकिन एक दिसंबर 2018 से मेंटेनेंस का काम एफएमएस नामक एजेंसी को दिया गया और एजेंसी को प्रतिमाह मेंटेनेंस के लिए 20 लाख रूपये दिए जाने लगे. वहीं, एजेंसी ने मेंटेनेंस भी सही ढंग से नहीं किया.

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बिहार म्यूजियम

जांच के लिए पहुंचे प्रधान सचिव
मेंटेनेंस में घोटाला सामने आने से पहले बिहार म्यूजियम के निदेशक ने टिकट को लेकर कई तरह के आरोप लगाए थे. एक ही नंबर के कई टिकट छपाकर पांच करोड़ से अधिक रूपयों का घोटाला करने का आरोप लगाया था. निदेशक ने इस मामले को लेकर एफआईआर भी करवाया था. वहीं, बुधवार को प्रधान सचिव, बिहार म्यूजियम पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में सचिव ने कुछ भी जानकारी देने और बात करने से मना कर दिया.

जानकारी देते संवाददाता अविनाश

कई बार चर्चा में आ चुका है बिहार म्यूजियम
राजधानी में पहले से एक म्यूजियम के रहते हुए भी बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया. इसका निर्माण 600 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से हुआ है. इतनी बड़ी राशि म्यूजियम के निर्माण पर खर्च किए जाने को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी म्यूजियम बनाने को लेकर सवाल उठाए थे. पिछले दिनों नीतीश कुमार ने बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को एक टनल से जोड़ने की भी घोषणा की थी. जिसके कारण भी यह म्यूजियम चर्चा में आया था, लेकिन अब घोटालों के कारण चर्चा में है.

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जांच के लिए पहुंचे प्रधान सचिव

पटना: राजधानी के बेली रोड में बना बिहार म्यूजियम अपने निर्माण के समय से ही विवादों में है. इन दिनों यह म्यूजियम घोटालों को लेकर चर्चा में है. पहले टिकट घोटाला को लेकर यहां के निदेशक मोहम्मद यूसुफ की तरफ से उठाए गए सवाल के कारण यह म्यूजियम चर्चा में रहा और अब मेंटेनेंस में भारी गड़बड़ी किए जाने की खबर के बाद चर्चा में हैं.

बता दें मामला सामने आने के बाद सरकार ने जांच के लिए टीम बना दी है. कला संस्कृति विभाग के सचिव ने जांच की प्रक्रिया शुरू की कर दी है. बताया जाता है कि बिहार म्यूजियम के मेंटेनेंस पर पहले 10 लाख रूपये खर्च किए जाते थे. लेकिन एक दिसंबर 2018 से मेंटेनेंस का काम एफएमएस नामक एजेंसी को दिया गया और एजेंसी को प्रतिमाह मेंटेनेंस के लिए 20 लाख रूपये दिए जाने लगे. वहीं, एजेंसी ने मेंटेनेंस भी सही ढंग से नहीं किया.

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बिहार म्यूजियम

जांच के लिए पहुंचे प्रधान सचिव
मेंटेनेंस में घोटाला सामने आने से पहले बिहार म्यूजियम के निदेशक ने टिकट को लेकर कई तरह के आरोप लगाए थे. एक ही नंबर के कई टिकट छपाकर पांच करोड़ से अधिक रूपयों का घोटाला करने का आरोप लगाया था. निदेशक ने इस मामले को लेकर एफआईआर भी करवाया था. वहीं, बुधवार को प्रधान सचिव, बिहार म्यूजियम पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में सचिव ने कुछ भी जानकारी देने और बात करने से मना कर दिया.

जानकारी देते संवाददाता अविनाश

कई बार चर्चा में आ चुका है बिहार म्यूजियम
राजधानी में पहले से एक म्यूजियम के रहते हुए भी बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया. इसका निर्माण 600 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से हुआ है. इतनी बड़ी राशि म्यूजियम के निर्माण पर खर्च किए जाने को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी म्यूजियम बनाने को लेकर सवाल उठाए थे. पिछले दिनों नीतीश कुमार ने बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को एक टनल से जोड़ने की भी घोषणा की थी. जिसके कारण भी यह म्यूजियम चर्चा में आया था, लेकिन अब घोटालों के कारण चर्चा में है.

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जांच के लिए पहुंचे प्रधान सचिव
Intro:पटना-- राजधानी पटना के बेली रोड पर बना बिहार म्यूजियम अपने निर्माण काल से ही विवादों में है अब इन दिनों घोटालों को लेकर चर्चा में है पहले टिकट घोटाला को लेकर निदेशक मोहम्मद युसूफ के तरफ से उठाए गए सवाल पर चर्चा में रहा और अब मेंटेनेंस में भी गड़बड़ी की जाने की खबर मिल रही है। सरकार ने जांच टीम बना दी है और कला संस्कृति विभाग के सचिव ने जांच शुरू की कर दी है।


Body:बिहार म्यूजियम के मेंटेनेंस पर पहले 10 लाख खर्च किए जाते थे लेकिन एक दिसंबर 2018 से मेंटेनेंस का काम एफएमएस नामक एजेंसी को दिया गया एजेंसी को प्रतिमाह मेंटेनेंस के लिए 20 लाख दिए जाने लगे। इस तरह 10 लाख के बदले 2 गुना 20 लाख खर्च होने लगे मेंटेनेंस के नाम पर। लेकिन एजेंसी ने सही ढंग से काम नहीं किया ।
उससे पहले बिहार म्यूजियम के निदेशक ने टिकट को लेकर कई तरह के आरोप लगाए थे एक नंबर के एक से अधिक की टिकट छपाकर पांच करोड़ से अधिक घोटाले का आरोप लगाया था। निदेशक ने एफआईआर भी करवाया था हालांकि निदेशक भी कई तरह के विवादों में है और छुट्टी में चले गए हैं इधर आज प्रधान सचिव बिहार म्यूजियम पहुंचकर जांच शुरू कर दी है हालांकि इस मामले में सचिव ने कुछ भी जानकारी देने और बात करने से मना कर दिया ।


Conclusion: राजधानी पटना में पहले से एक म्यूजियम के रहते बिहार म्यूजियम का निर्माण किया गया। इसका निर्माण 600 करोड़ से अधिक की राशि में हुआ है। इतनी बड़ी राशि म्यूजियम के निर्माण पर खर्च किए जाने को लेकर भी नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी सवाल खड़े किए थे इसका निर्माण पूरा किया गया लेकिन उसके बाद उसके रखरखाव से लेकर टिकट में हुए बड़े अनियमितता से फिर से यह म्यूजियम चर्चा में है। पिछले दिनों नीतीश कुमार ने बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को एक टनल से जोड़ने की भी घोषणा की थी और उसके कारण भी यह चर्चा में आया था लेकिन अब घोटालों के कारण चर्चा में है।
अविनाश, पटना।
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