पटना: राजधानी के बेली रोड में बना बिहार म्यूजियम अपने निर्माण के समय से ही विवादों में है. इन दिनों यह म्यूजियम घोटालों को लेकर चर्चा में है. पहले टिकट घोटाला को लेकर यहां के निदेशक मोहम्मद यूसुफ की तरफ से उठाए गए सवाल के कारण यह म्यूजियम चर्चा में रहा और अब मेंटेनेंस में भारी गड़बड़ी किए जाने की खबर के बाद चर्चा में हैं.
बता दें मामला सामने आने के बाद सरकार ने जांच के लिए टीम बना दी है. कला संस्कृति विभाग के सचिव ने जांच की प्रक्रिया शुरू की कर दी है. बताया जाता है कि बिहार म्यूजियम के मेंटेनेंस पर पहले 10 लाख रूपये खर्च किए जाते थे. लेकिन एक दिसंबर 2018 से मेंटेनेंस का काम एफएमएस नामक एजेंसी को दिया गया और एजेंसी को प्रतिमाह मेंटेनेंस के लिए 20 लाख रूपये दिए जाने लगे. वहीं, एजेंसी ने मेंटेनेंस भी सही ढंग से नहीं किया.
जांच के लिए पहुंचे प्रधान सचिव
मेंटेनेंस में घोटाला सामने आने से पहले बिहार म्यूजियम के निदेशक ने टिकट को लेकर कई तरह के आरोप लगाए थे. एक ही नंबर के कई टिकट छपाकर पांच करोड़ से अधिक रूपयों का घोटाला करने का आरोप लगाया था. निदेशक ने इस मामले को लेकर एफआईआर भी करवाया था. वहीं, बुधवार को प्रधान सचिव, बिहार म्यूजियम पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में सचिव ने कुछ भी जानकारी देने और बात करने से मना कर दिया.
कई बार चर्चा में आ चुका है बिहार म्यूजियम
राजधानी में पहले से एक म्यूजियम के रहते हुए भी बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया गया. इसका निर्माण 600 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से हुआ है. इतनी बड़ी राशि म्यूजियम के निर्माण पर खर्च किए जाने को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी म्यूजियम बनाने को लेकर सवाल उठाए थे. पिछले दिनों नीतीश कुमार ने बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को एक टनल से जोड़ने की भी घोषणा की थी. जिसके कारण भी यह म्यूजियम चर्चा में आया था, लेकिन अब घोटालों के कारण चर्चा में है.