पटना: बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को आरजेडी के सदस्य रामचंद्र पूर्वे, आर आर अजलन शाह ने राज्य के प्रयोगशालाओं में उपकरण खरीदने में घोर अनियमितता बरतने का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य के 3 लाख माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लैब उपकरण की खरीद के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है. जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी. जो अधिकारी इसमें संलिप्त होंगे उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.
'सामानों की खरीद में बरती गई घोर अनियमितता'
बीजेपी सदस्य नवल किशोर यादव ने कहा कि राज्य के 3 लाख माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लैब उपकरण के लिए 5-5 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई थी. सदन में कई सदस्यों का कहना था कि स्कूलों में लाभ के सामानों की खरीद में घोर अनियमितता बरती गई है. सदस्यों का आरोप था कि स्कूलों में प्रशासन की ओर से उपकरण खरीदने में पैसे का बंदरबांट किया गया है. साथ ही स्कूलों के प्रिंसिपल की ओर से तय दुकानों से सामान खरीदा गया और भारी संख्या में कमीशन के नाम पर पैसे भी लिए गए हैं.
'मामले की पूरी जांच कराएगी सरकार'
नवल किशोर यादव ने कहा कि उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी कई प्रिंसिपलों का वेतन अभी तक रोक रखे हैं. उन्होंने सीधा कहा कि यह सारा मामला पैसे के लेनदेन के लिए किया जा रहा है. वहीं, इस मामले पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का कहना है कि नीतीश सरकार में सभी लाभुकों को सीधे उनके खाते पर पैसा पहुंचाया जाता है. लेकिन सदस्यों के आरोप के बाद सरकार मामले की पूरी जांच कराएगी.