पटनाः छत्तीसगढ़ के कारोबारी को अगवा करने के मामले में पुलिस की कार्रवाई अभी जारी रहेगी. यह कहना है एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार का. वैसे, कारोबारी प्रवीण सोमानी की बरामदगी उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से हो चुकी है. उनके अपहरण के तार बिहार से जुड़े थे. बिहार पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रूप से उन्हें सही सलामत अपहरणकर्ताओं के चंगुल से गुरुवार को मुक्त करा लिया था.
'इस कांड को लेकर अभी चलेगी कार्रवाई'
एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा है कि अभी इस कांड को लेकर कार्रवाई चल ही रही है. इसका मतलब साफ है कि पुलिस चंदन सोनार को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है. जितेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे सभी जिले में स्पेशल टास्क फोर्स हैं. जो अपहरण जैसी घटनाओं को लेकर लगातार चौकस रहते हैं. इस बार भी हमारे स्पेशल टास्क फोर्स के लोग छत्तीसगढ़ पुलिस का लगातार सहयोग करते रहे. निश्चित तौर पर बिहार पुलिस ने माना कि प्रवीण सोमानी का अपहरण का कनेक्शन पूरी तरह से बिहार से ही है.
वैशाली से जुड़े हैं अपहरण के तार
दरअसल संयुक्त रूप से चलाए गए अभियान में वैशाली के पप्पू चौधरी को जब गिरफ्तार किया तब जाकर प्रवीण सोमानी के बारे में पूरा पता चल पाया. उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर से उन्हें बरामद किया गया. अपहरण के मुख्य साजिशकर्ता वैशाली के ही चंदन सोनार की गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने अनुसंधान चलाने की बात कही है.
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अपहरण में चंदन सोनार गिरोह का हाथ
बता दें कि चंदन सोनार गिरोह बिहार में 2014 में उस समय प्रकाश में आया था, जब दमन के कपड़ा व्यवसाई सोहेल हिंगोरा का अपहरण कर 9 करोड़ से ज्यादा रुपए की फिरौती भी वसूली थी. इस बार भी उसी गिरोह के पप्पू चौधरी को गिरफ्त में लेने के बाद छत्तीसगढ़ के व्यापारी की बरामदगी हुई है. कहीं ना कहीं पुलिस अब चंदन सोनार के गिरफ्तार करने की फिराक में लगी है.
पुलिस चाहती है चंदन सोनार की गिरफ्तारी
पुलिस मुख्यालय ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि आगे क्या कार्रवाई हो रही है? लेकिन फिलहाल इस कांड पर से पूरी तरह से पर्दा तभी उठेगा जब चंदन सोनार की गिरफ्तारी होगी. अब देखना यह है कि इस बार अपहरण के गैंग चलानेवाले चंदन सोनार को बिहार पुलिस गिरफ्तार कर पाती है या नहीं.