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'विकास में बाधक नहीं, सहयोगी बनें बैंककर्मी'- उद्योग मंत्री श्याम रजक - बाधक

उद्योग मंत्री ने बैंक कर्मचारियों को निष्ठावान बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि जनता के दिए टैक्स के पैसे से ही हमारा घर परिवार चलता है. इसलिए उनके प्रति हमें समर्पित होना चाहिए.

उद्योग मंत्री श्याम रजक
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Published : Jun 14, 2019, 7:23 PM IST

पटनाः बिहार विकास की पटरी पर तेजी से आगे बढ़े इसको लेकर सरकार की ओर से कई योजनाएं बनाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिए सरकार कई तरह के अवसर प्रदान कर रही है. लेकिन बैंकों के रवैये से सरकार के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

केंद्र में दोबारा सत्ता पर आसीन होने के बाद पीएम मोदी ने सभी विभागों को सौ दिन की कार्य योजना बनाने के आदेश का असर दिखने लगा है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से चलायी जा रही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना में किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उद्योग विभाग के मंत्री श्याम रजक ने पिछले साल के आंकड़ों पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे में विकास को रफ्तार कैसे मिलेगा.

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यशाला

लोन दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल
उन्होंने बैंकों द्वारा लोन दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि जरूरतमंद लोग अपने रोजगार के लिए प्रपोजल के अनुसार राशि की मांग करते हैं. लेकिन बैंक उसको कम राशि देती है. ऐसे में रोजगार शुरू होने से पहले ही फ्लॉप हो जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र से भी अधिक बिहार के लोग लोन का पैसा जाम करते हैं. फिर भी वहां नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों को लोन मिल जाता है और उनके साथ व्यापार करने में कोई परेशानी नहीं होती है.

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उद्योग मंत्री श्याम रजक

सरकारी अधिकारियों को लगायी फटकार
उधोग मंत्री श्याम रजक ने कार्यक्रम में शामिल सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निष्ठावान बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि जनता के दिए टैक्स के पैसे से ही हमारा घर परिवार चलता है. इसलिए उनके प्रति हमें समर्पित होना चाहिए.

बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील
उन्होंने लोन देने के उदासीन रवैयों को लेकर बैंकरों की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि वन एप्लिकेशन, वन डे और वन ब्रांच अच्छा है. अगर इसपर काम हो तो पूरे राज्य में 7425 बैंकों के ब्रांच है और हर ब्रांच एक को लोन दे तो टारगेट अचीव कर लेंगे. लेकिन केवल 15 से 20 प्रतिशत तक ही होता है. इससे यह पता चलता है कि हमारी नियत में खोट है या फिर मन में शंका रहती है. उन्होंने बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील की.

पटनाः बिहार विकास की पटरी पर तेजी से आगे बढ़े इसको लेकर सरकार की ओर से कई योजनाएं बनाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिए सरकार कई तरह के अवसर प्रदान कर रही है. लेकिन बैंकों के रवैये से सरकार के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

केंद्र में दोबारा सत्ता पर आसीन होने के बाद पीएम मोदी ने सभी विभागों को सौ दिन की कार्य योजना बनाने के आदेश का असर दिखने लगा है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से चलायी जा रही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना में किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उद्योग विभाग के मंत्री श्याम रजक ने पिछले साल के आंकड़ों पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे में विकास को रफ्तार कैसे मिलेगा.

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यशाला

लोन दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल
उन्होंने बैंकों द्वारा लोन दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि जरूरतमंद लोग अपने रोजगार के लिए प्रपोजल के अनुसार राशि की मांग करते हैं. लेकिन बैंक उसको कम राशि देती है. ऐसे में रोजगार शुरू होने से पहले ही फ्लॉप हो जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र से भी अधिक बिहार के लोग लोन का पैसा जाम करते हैं. फिर भी वहां नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों को लोन मिल जाता है और उनके साथ व्यापार करने में कोई परेशानी नहीं होती है.

patna
उद्योग मंत्री श्याम रजक

सरकारी अधिकारियों को लगायी फटकार
उधोग मंत्री श्याम रजक ने कार्यक्रम में शामिल सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निष्ठावान बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि जनता के दिए टैक्स के पैसे से ही हमारा घर परिवार चलता है. इसलिए उनके प्रति हमें समर्पित होना चाहिए.

बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील
उन्होंने लोन देने के उदासीन रवैयों को लेकर बैंकरों की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि वन एप्लिकेशन, वन डे और वन ब्रांच अच्छा है. अगर इसपर काम हो तो पूरे राज्य में 7425 बैंकों के ब्रांच है और हर ब्रांच एक को लोन दे तो टारगेट अचीव कर लेंगे. लेकिन केवल 15 से 20 प्रतिशत तक ही होता है. इससे यह पता चलता है कि हमारी नियत में खोट है या फिर मन में शंका रहती है. उन्होंने बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील की.

Intro:राज्य के विकास की पटरी को कमजोर कर रहे बैंकों को पर बरसे उधोग मंत्री...कहा नियत साफ करें तभी होगा विकास।




Body:बिहार विकास की पटरी पर तेज दौड़े इसको लेकर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के अवसर प्रदान किये जा रहे है...लेकिन बैंकों के रवैये के मानो सरकार के सपनों पर पानी फेर रहा हो।

केंद्र की सरकार में दोबारा सत्ता पर आसीन होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों को सौ दिन की कार्य योजना बनाने के दिये आदेश का असर देखने लगा है...सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उधम मंत्रालय की ओर से चल जा रहे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना में किया गया...इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उद्योग विभाग के मंत्री श्याम रजक ने पिछले साल के आंकड़ों को चिंता जताते हुए कहा ऐसे में विकास को रफ्तार कैसे मिलेगा।

वही उन्होंने बैंकों द्वारा लोन दिए जाने की परिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा जरूरतमंद लोग अपने रोजगार के लिए प्रपोजल के अनुसार राशि की मांग करते है..लेकिन बैंक उसको कम राशि देती है...ऐसे में रोजगार शुरू होने से पहले ही फ्लॉप हो जाता है..वही उन्होंने कहा गुजरात और महाराष्ट्र से भी अधिक बिहार के लोग लोन का पैसा जाम करते है।उन्होंने कहा फिर भी वहां नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगो को लोन मिल जाता है और को उनके साथ व्यापार करने में कोई परेशानी नही होती है।

उधोग मंत्री श्याम रजक ने कार्यक्रम शामिल सभी सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों को निष्ठावान बनाने का संकल्प दोहराते हुए कहा जनता के दिए टैक्स के रूप पैसे ही हमारा घर परिवार चलता है..इसलिए उनके प्रति हम लोग को समर्पित होना चाहिए।

वही उन्होंने लोन देने के उदासी रवैयों को लेकर बैंकरों की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा वन एप्लिकेशन वन डे और वन ब्रांच अच्छा है...अगर इसपर काम हो तो जैसा कि पूरे राज्य में 7 हाजर 4 सौ 25 बैंकों के ब्रांच है और हर ब्रांच एक को लोन दे तो टारगेट अचीव कर लेंगे...लेकिन होता क्या केवल 15 से 20 प्रतिशत तक ही होता है..इससे यह पता चलता है कि हमारी नियत में खोट है या फिर मन मे शंका रहती है...उन्होंने बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील की।


Conclusion:बहरहाल जिनके ऊपर विकास को रफ्तार देने की जिम्मेवारी है..अगर वही बाधक बनाने लगे तो विकास को कितनी रफ्तार मिल पायेगी..इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते है।
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