पटनाः बिहार विकास की पटरी पर तेजी से आगे बढ़े इसको लेकर सरकार की ओर से कई योजनाएं बनाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिए सरकार कई तरह के अवसर प्रदान कर रही है. लेकिन बैंकों के रवैये से सरकार के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
केंद्र में दोबारा सत्ता पर आसीन होने के बाद पीएम मोदी ने सभी विभागों को सौ दिन की कार्य योजना बनाने के आदेश का असर दिखने लगा है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की ओर से चलायी जा रही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी पटना में किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे उद्योग विभाग के मंत्री श्याम रजक ने पिछले साल के आंकड़ों पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे में विकास को रफ्तार कैसे मिलेगा.
लोन दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल
उन्होंने बैंकों द्वारा लोन दिए जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि जरूरतमंद लोग अपने रोजगार के लिए प्रपोजल के अनुसार राशि की मांग करते हैं. लेकिन बैंक उसको कम राशि देती है. ऐसे में रोजगार शुरू होने से पहले ही फ्लॉप हो जाता है. वहीं उन्होंने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र से भी अधिक बिहार के लोग लोन का पैसा जाम करते हैं. फिर भी वहां नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे लोगों को लोन मिल जाता है और उनके साथ व्यापार करने में कोई परेशानी नहीं होती है.
सरकारी अधिकारियों को लगायी फटकार
उधोग मंत्री श्याम रजक ने कार्यक्रम में शामिल सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निष्ठावान बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि जनता के दिए टैक्स के पैसे से ही हमारा घर परिवार चलता है. इसलिए उनके प्रति हमें समर्पित होना चाहिए.
बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील
उन्होंने लोन देने के उदासीन रवैयों को लेकर बैंकरों की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि वन एप्लिकेशन, वन डे और वन ब्रांच अच्छा है. अगर इसपर काम हो तो पूरे राज्य में 7425 बैंकों के ब्रांच है और हर ब्रांच एक को लोन दे तो टारगेट अचीव कर लेंगे. लेकिन केवल 15 से 20 प्रतिशत तक ही होता है. इससे यह पता चलता है कि हमारी नियत में खोट है या फिर मन में शंका रहती है. उन्होंने बैंककर्मियों से उदार बनने की अपील की.