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सर्दी में संभल कर.. हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़े, एक्सपर्ट से जानिए कैसे रखें स्वास्थ्य का ख्याल

सर्दी बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा (Risk of Heart Attack And Stroke) बढ़ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि टंड बढ़ते ही दिल और दिमाग के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगता है. सबसे ज्यादा समस्या बुजुर्गों को होती है. अगर कोई पहले से ही किसी कार्डिएक या ब्रेन की बीमारी से पीड़ित है, तो उसे विशेषकर ध्यान रखना चाहिए. वह कहते हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखें तो खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. अटैक आने पर मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो जान बचाई जा सकती है.

हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
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Published : Jan 3, 2023, 8:04 AM IST

हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

पटना: इन दिनों बिहार में कड़ाके की ठंड (Cold in Bihar) पड़ रही है. ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी हो रहा है. बीते एक सप्ताह में अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक (Heart Attack And Stroke in Winter) के मामले में 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है और पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों में 60% के करीब उन मरीजों की संख्या रह रही है, जिन्हें ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक की शिकायत रह रही है. रोजाना मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में समय पर न पहुंचने के कारण 2 से 5 की संख्या में ऐसे मरीजों की मौत भी दर्ज की जा रही है.

ये भी पढ़ें: हार्ट अटैक में नई तकनीक 'वरदान' : एनजीओप्लास्टी में अब घुलने वाले स्टेंट से मरीज को राहत

हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़े: पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर में रक्त प्रवाह की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि कई लोग जो प्रतिदिन ब्लड प्रेशर की दवा खाते हैं, उनका भी ब्लड प्रेशर इन दिनों बढ़ा हुआ रह रहा है. ऐसे में ऐसे मरीजों के लिए जरूरी है कि अपने फिजीशियन से मिलें, क्योंकि इस समय ब्लड प्रेशर की दवा की पावर बढ़ाने की आवश्यकता होती है. डॉक्टर इस समय दवा का पावर बड़ा करके डिस्क्राइब कर देंगे और जब तक ठंड रहेगी, तब तक उन्हें इस दवा का सेवन करना होगा.

हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की वजह?: डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि इस समय ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक और कारण है कि ठंड के मौसम में फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे बीपी बढ़ने लगता है. इसके अलावा इस मौसम में लोग तैलीय पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं और यह भी ब्लड प्रेशर बढ़ाने का प्रमुख कारण है. ब्लड प्रेशर जब बढ़ता है तो ब्रेन स्ट्रोक आना और कार्डियक अरेस्ट आना कॉमन है.

"ठंड के मौसम में शरीर में रक्त प्रवाह की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ठंड के मौसम में चूकि फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे बीपी बढ़ने लगता है. इसके अलावा इस मौसम में लोग तैलीय पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं और यह भी ब्लड प्रेशर बढ़ाने का प्रमुख कारण है. ब्लड प्रेशर जब बढ़ता है तो ब्रेन स्ट्रोक आना और कार्डियक अरेस्ट आना कॉमन है"- डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, पटना

सर्दी में रखना चाहिए स्वास्थ्य का विशेष ख्याल: न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि इस मौसम में सावधानी बेहद जरूरी है और खासकर जो मधुमेह रोग से पीड़ित हैं. उन्हें अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की विशेष आवश्यकता है, क्योंकि मधुमेह के रोगियों का ब्लड प्रेशर जैसे ही थोड़ा अधिक भरता है ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक हो जाता है. इसके लिए जरूरी है कि लोग अपने ब्लड प्रेशर और मधुमेह की लगातार मॉनिटरिंग करें. सुबह के समय मॉर्निंग वॉक के लिए ना जाएं. जब धूप निकल जाए तभी बाहर टहलने निकले. घर में सिर्फ आराम नहीं करें, थोड़ा फिजिकल वर्क करें, कमरे के अंदर ही टहले और कुछ योगासन करें. घर में भी रहे तो भरपूर मात्रा में गर्म कपड़े पहन कर रहे और बाहर निकलने समय कान हाथ पैर मुंह गर्दन इत्यादि को पूरी तरह गर्म कपड़े से ढककर बाहर निकले. खानपान में अत्यधिक तेल मसाला का सेवन नहीं करें और सुपाच्य भोजन का ही सेवन करें. लो कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन करें. 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग विशेष सावधानी बरतें.

हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

पटना: इन दिनों बिहार में कड़ाके की ठंड (Cold in Bihar) पड़ रही है. ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी हो रहा है. बीते एक सप्ताह में अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक (Heart Attack And Stroke in Winter) के मामले में 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है और पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों में 60% के करीब उन मरीजों की संख्या रह रही है, जिन्हें ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक की शिकायत रह रही है. रोजाना मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में समय पर न पहुंचने के कारण 2 से 5 की संख्या में ऐसे मरीजों की मौत भी दर्ज की जा रही है.

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हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के केस बढ़े: पटना के न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि ठंड के मौसम में शरीर में रक्त प्रवाह की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि कई लोग जो प्रतिदिन ब्लड प्रेशर की दवा खाते हैं, उनका भी ब्लड प्रेशर इन दिनों बढ़ा हुआ रह रहा है. ऐसे में ऐसे मरीजों के लिए जरूरी है कि अपने फिजीशियन से मिलें, क्योंकि इस समय ब्लड प्रेशर की दवा की पावर बढ़ाने की आवश्यकता होती है. डॉक्टर इस समय दवा का पावर बड़ा करके डिस्क्राइब कर देंगे और जब तक ठंड रहेगी, तब तक उन्हें इस दवा का सेवन करना होगा.

हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की वजह?: डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि इस समय ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक और कारण है कि ठंड के मौसम में फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे बीपी बढ़ने लगता है. इसके अलावा इस मौसम में लोग तैलीय पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं और यह भी ब्लड प्रेशर बढ़ाने का प्रमुख कारण है. ब्लड प्रेशर जब बढ़ता है तो ब्रेन स्ट्रोक आना और कार्डियक अरेस्ट आना कॉमन है.

"ठंड के मौसम में शरीर में रक्त प्रवाह की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. ठंड के मौसम में चूकि फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे बीपी बढ़ने लगता है. इसके अलावा इस मौसम में लोग तैलीय पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं और यह भी ब्लड प्रेशर बढ़ाने का प्रमुख कारण है. ब्लड प्रेशर जब बढ़ता है तो ब्रेन स्ट्रोक आना और कार्डियक अरेस्ट आना कॉमन है"- डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल, पटना

सर्दी में रखना चाहिए स्वास्थ्य का विशेष ख्याल: न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि इस मौसम में सावधानी बेहद जरूरी है और खासकर जो मधुमेह रोग से पीड़ित हैं. उन्हें अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की विशेष आवश्यकता है, क्योंकि मधुमेह के रोगियों का ब्लड प्रेशर जैसे ही थोड़ा अधिक भरता है ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक हो जाता है. इसके लिए जरूरी है कि लोग अपने ब्लड प्रेशर और मधुमेह की लगातार मॉनिटरिंग करें. सुबह के समय मॉर्निंग वॉक के लिए ना जाएं. जब धूप निकल जाए तभी बाहर टहलने निकले. घर में सिर्फ आराम नहीं करें, थोड़ा फिजिकल वर्क करें, कमरे के अंदर ही टहले और कुछ योगासन करें. घर में भी रहे तो भरपूर मात्रा में गर्म कपड़े पहन कर रहे और बाहर निकलने समय कान हाथ पैर मुंह गर्दन इत्यादि को पूरी तरह गर्म कपड़े से ढककर बाहर निकले. खानपान में अत्यधिक तेल मसाला का सेवन नहीं करें और सुपाच्य भोजन का ही सेवन करें. लो कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन करें. 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग विशेष सावधानी बरतें.

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