पटना: बिहार इस साल लोकतंत्र के महापर्व का गवाह बन रहा है. साल 2020 में बिहार चुनावी महासमर का अखाड़ा बना है. बुधवार को पहले चरण के अंतर्गत वोट डाले गए. इस दौरान विभिन्न विधानसभा सीटों से ऐसी कई घटनाएं सामने आई, जिसने पहले चरण की वोटिंग में लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.
वोटिंग की शुरुआत हुई गिरिराज सिंह के पोलिंग बूथ लखीसराय के बड़हिया से. गिरिराज सिंह वोट करने पहुंचे तो थे सुबह-सुबह, लेकिन उनके बूथ पर ईवीएम ही खराब हो गया. बीजेपी नेताओं के लिए शुरुआत थोड़ी अच्छी नहीं रही. जहां गिरिराज सिंह को वोट डालने में परेशानी हुई तो बिहार के कृषि मंत्री चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में फंस गए. मंत्री प्रेम कुमार कमल छाप वाला मास्क लगाकर वोट डालने पहुंचे थे, हालांकि बाद में उन्होंने खेद जताया.
विधायक और स्थानीय लोगों के बीच झड़प
भोजपुर के बड़हरा से आरजेडी विधायक सरोज यादव और स्थानीय लोगों के बीच झड़प की घटना हो गई. ये घटना बड़हरा के सिन्हा ओपी के छीनेगांव स्थित बूथ संख्या 115 पर हुई. इसमें विधायक की गाड़ी का शीशा टूट गया. उन्होंने इसका आरोप बीजेपी समर्थकों पर लगाया.
दो लोगों की मौत
लोकतंत्र के महापर्व में कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आई. रोहतास और नवादा में दो लोगों की मौत हो गई. वहीं औरंगाबाद में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की नक्सलियों की साजिश पर जवानों ने पानी फेर दिया. यहां नक्सलियों ने 2 केन बम से आईईडी ब्लास्ट की प्लानिंग की थी. इन दोनों बमों को पुलिस ने बरामद कर लिया है.
मुंगेर कांड को लेकर सियासत
दुर्गा पूजा के दौरान मुंगेर गोलीबारी कांड पर सियासत का पारा चढ़ गया. प्रतिमा विसर्जन के दौरान चली गोली में एक युवक की मौत की खबर बाद मुंगेर में लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया, इसके अलावा कई क्षेत्रों में भी लोगों ने वोट का बहिष्कार किया.
ट्रैक्टर भाड़ा कर पहुंचे मतदान के लिए
एक ओर जहां मुंगेर में लोगों ने वोट बहिष्कार किया तो वहीं नवादा के नक्सल प्रभावित गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर्स के बीच जबरदस्त उत्साह दिखा, उत्साह ऐसा कि तमाम विपरित परिस्थितियों का सामना कर लोगों ने वोटिंग केंद्र पहुंचने के लिए पहले चंदा इकट्ठा किया. उस पैसे से ट्रैक्टर की व्यवस्था की. फिर जंगल से 35 किमीं का सफर तय कर मतदाता मतदान संख्या-311 करने पहुंचे. कुल मिलाकर बिहार विधानसभा के पहले चरण का चुनाव कई वाक्यों से खास रहा.