पटना: पिछले 48 घंटों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड से तकरीबन 1 लाख से भी अधिक लोग बिहार आए हैं. इन लोगों के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों में राहत शिविर का इंतजाम किया है, जिसमें लोगों की मेडिकल जांच, रहने और खाने का पर्याप्त इंतजाम किया गया है. लेकिन जानकारी के अनुसार इनमें बिना जांच के ही हजारों अप्रवासी भी बिहार में घुस गए हैं.
1 लाख 80 हजार 652 लोग पहुंचे बिहार
आज सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रत्यय अमृत ने बताया कि बाहर से अब तक 1 लाख 80 हजार 652 लोग बिहार आए हैं. उनकी स्क्रीनिंग कराई जा रही है. गरूड़ एप के माध्यम से इन लोगों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है. राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में आपदा सीमा केंद्र बनाए गए हैं. साथ ही गांव के स्कूलों में भी इनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई है.
बिना जांच के ही बिहार घुस गए हजारों अप्रवासी
आपको बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों और विदेश से पिछले 21 दिनों में सवा लाख से अधिक लोग बिहार पहुंचे हैं. यहां घोर लापरवाही बरती जा रही है, जिसे-जैसे मौका मिल रहा है, वह बिहार पहुंच जा रहा है. इनमें से कई ऐसे भी हैं जो घर पहुंच गए हैं. अब प्रशासन ने इनकी धड़-पकड़ शुरू की है. आपदा प्रबंधन विभाग ने इनका डाटाबेस तैयार किया है. प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अनुसार ऐसे लोगों की ट्रैकिंग शुरू कर दी गयी है. यह लापरवाही गांव में रह रही आबादी के लिए खतरा साबित हो सकती है.
मदद के लिए प्रतिबद्ध सरकार
वहीं आज हुई उच्चस्तरीय बैठक में सीएम नीतीश ने कहा है कि जो लोग बिहार के बाहर अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, वे जहां भी हैं वहीं रहें. बिहार सरकार उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सतर्कता का दावा फेल
बता दें कि इससे पहले विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा था कि लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए आपदा विभाग पूरी तरह से सजग है. राज्य में इंप्लीमेंट करने के लिए आपदा वॉलिंटियर्स सड़कों पर जल्द ही दिखेंगे. वहीं, सघन जांच में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.