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Patna News: IIT रूड़की के प्रोफेसर ने गंगा पाथ का किया सर्वेक्षण - IIT Roorkee professor conducted survey

गंगा नदी पर बन रहे पाथ के निर्माण में रुकावट आने के बाद आईआईटी रूड़की के प्राध्यापक ने पाथ वे का सर्वेक्षण किया. जल्दी ही आईआईटी रूड़की की ओर से एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. जिसके बाद निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

गंगा पथ का सर्वेक्षण करते हुए आईआईटी रूड़की के प्राध्यापक
गंगा पथ का सर्वेक्षण करते हुए आईआईटी रूड़की के प्राध्यापक
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Published : Aug 18, 2021, 10:03 AM IST

पटना: गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण राजधानी पटना ( Patna ) के दीघा ( Digha ) से दीदारगंज ( Didarganj ) तक निर्माणाधीन जेपी गंगा पथ ( Ganga Path ) का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है. जेपी गंगा पथ के पथांश नुरूद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक पथांश में कार्य संवेदक के द्वारा शुरू नहीं किया गया है. संवेदक की ओर से नदी के बहाव के निरंतर बदलाव के कारण निर्माण संभव प्रतीत नहीं होने की बात बताने के बाद इसकी समीक्षा की गई.

ये भी पढ़ें:पथ निर्माण विभाग की कई बड़ी परियोजनाओं पर कोरोना ने लगाया ग्रहण, लॉकडाउन ने बढ़ाई परेशानी

संवेदक की ओर से यह बताया गया कि गंगा नदी में बहाव के निरंतर बदलाव के कारण मूलतः इसका निर्माण जो बांध पर किया जाना था. वह संभव प्रतीत नहीं होता है. जिसके बाद बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से उच्च स्तर पर इस पथांश में निर्माण की समीक्षा की गई.

जहां यह निर्णय हुआ कि नदी के बहाव के प्रकृति का अध्ययन आईआईटी रूड़की से कराया जाय और इसके अनुरूप निर्माण कार्य कैसे कराया जाय. इसके लिए उनसे सुझाव प्राप्त किया जाय. इसी क्रम में आईआईटी रूड़की के हाईड्रोलाॅजिकल डिपार्टमेंट के प्रध्यापक जेड अहमद ने पगंगा पाथ का सर्वेक्षण किया.

आईआईटी रूड़की के हाईड्रोलाॅजिकल डिपार्टमेंट के प्रध्यापक जेड अहमद ने बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ निरूद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक का स्थल सर्वेक्षण कर बीएसआरडीसीएल के पदाधिकारियों से प्रारंभिक विमर्श की. अब जल्द ही आईआईटी रूड़की की ओर से एक समेकित रिपोर्ट समर्पित की जाएगी. जिससे निविदा की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी.

बता दें कि पथ के प्रारम्भ में 5.90 किमी में पथ पटरी के अलावा दोनों छोर पर 5 मीटर की हरित पट्टी और गंगा नदी की ओर तट पर 5 मीटर के वाकिंग ट्रैक का प्रावधान किया गया है. वहीं पीएमसीएच में मरीजों के आवागमन के लिए विशेष रुप से 4 लेन की सड़क कनेक्टिविटी दी जा रही है.

एम्स-दीघा पथ, जेपी सेतु और आर ब्लाॅक-दीघा पथ से सम्पर्कता के लिए दीघा छोर पर विश्व स्तरीय रोटरी का निर्माण किया जा रहा है. जिससे इन तीनों मार्गों से आने वाले वाहन सुगमतापूर्वक गंगा पथ पर जा सकेगा. यह एक बहु प्रतिक्षित परियोजना है जिसके पूरा होते ही उत्तर और दक्षिण बिहार जाने वाले वाहनों को अत्याधिक सुविधा मिलेगी.

जिससे दीदारगंज से दीघा तक अशोक राजपथ यातायात के दवाब से मुक्त होगा. पटना सिटी से दानापुर तक आने-जाने वाले नागरिकों को जाम से मुक्ति मिलेगी. आम नागरिकों को धार्मिक और सामाजिक कार्य के लिए गंगा नदी के तट पर पहुंचने के लिए कुल 13 स्थानों पर अंडरपास का निर्माण किया गया है.

बिहार स्टेट रोड डेवलमपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बताया कि मैरीन ड्राईव के तर्ज पर पटना में गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक पथ निर्माण की कल्पना 25 वर्ष पूर्व की गई थी. इस परियोजना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में इसका शिलान्यास किया था.

उन्होंने बताया कि नौजार घाट से दीदारगंज तक का हिस्सा जो तकरीबन 4.1 किमी का है. इसमें से 2 किमी तक पायों का फाउण्डेशन वर्क पूर्ण हो चुका है और सुपर स्ट्रेक्चर का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:Chapra News: सड़क निर्माण में कोताही नहीं की जाएगी बर्दाश्त: मंत्री नितिन नवीन

पटना: गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण राजधानी पटना ( Patna ) के दीघा ( Digha ) से दीदारगंज ( Didarganj ) तक निर्माणाधीन जेपी गंगा पथ ( Ganga Path ) का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है. जेपी गंगा पथ के पथांश नुरूद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक पथांश में कार्य संवेदक के द्वारा शुरू नहीं किया गया है. संवेदक की ओर से नदी के बहाव के निरंतर बदलाव के कारण निर्माण संभव प्रतीत नहीं होने की बात बताने के बाद इसकी समीक्षा की गई.

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संवेदक की ओर से यह बताया गया कि गंगा नदी में बहाव के निरंतर बदलाव के कारण मूलतः इसका निर्माण जो बांध पर किया जाना था. वह संभव प्रतीत नहीं होता है. जिसके बाद बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से उच्च स्तर पर इस पथांश में निर्माण की समीक्षा की गई.

जहां यह निर्णय हुआ कि नदी के बहाव के प्रकृति का अध्ययन आईआईटी रूड़की से कराया जाय और इसके अनुरूप निर्माण कार्य कैसे कराया जाय. इसके लिए उनसे सुझाव प्राप्त किया जाय. इसी क्रम में आईआईटी रूड़की के हाईड्रोलाॅजिकल डिपार्टमेंट के प्रध्यापक जेड अहमद ने पगंगा पाथ का सर्वेक्षण किया.

आईआईटी रूड़की के हाईड्रोलाॅजिकल डिपार्टमेंट के प्रध्यापक जेड अहमद ने बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड के पदाधिकारियों के साथ निरूद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक का स्थल सर्वेक्षण कर बीएसआरडीसीएल के पदाधिकारियों से प्रारंभिक विमर्श की. अब जल्द ही आईआईटी रूड़की की ओर से एक समेकित रिपोर्ट समर्पित की जाएगी. जिससे निविदा की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी.

बता दें कि पथ के प्रारम्भ में 5.90 किमी में पथ पटरी के अलावा दोनों छोर पर 5 मीटर की हरित पट्टी और गंगा नदी की ओर तट पर 5 मीटर के वाकिंग ट्रैक का प्रावधान किया गया है. वहीं पीएमसीएच में मरीजों के आवागमन के लिए विशेष रुप से 4 लेन की सड़क कनेक्टिविटी दी जा रही है.

एम्स-दीघा पथ, जेपी सेतु और आर ब्लाॅक-दीघा पथ से सम्पर्कता के लिए दीघा छोर पर विश्व स्तरीय रोटरी का निर्माण किया जा रहा है. जिससे इन तीनों मार्गों से आने वाले वाहन सुगमतापूर्वक गंगा पथ पर जा सकेगा. यह एक बहु प्रतिक्षित परियोजना है जिसके पूरा होते ही उत्तर और दक्षिण बिहार जाने वाले वाहनों को अत्याधिक सुविधा मिलेगी.

जिससे दीदारगंज से दीघा तक अशोक राजपथ यातायात के दवाब से मुक्त होगा. पटना सिटी से दानापुर तक आने-जाने वाले नागरिकों को जाम से मुक्ति मिलेगी. आम नागरिकों को धार्मिक और सामाजिक कार्य के लिए गंगा नदी के तट पर पहुंचने के लिए कुल 13 स्थानों पर अंडरपास का निर्माण किया गया है.

बिहार स्टेट रोड डेवलमपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बताया कि मैरीन ड्राईव के तर्ज पर पटना में गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक पथ निर्माण की कल्पना 25 वर्ष पूर्व की गई थी. इस परियोजना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में इसका शिलान्यास किया था.

उन्होंने बताया कि नौजार घाट से दीदारगंज तक का हिस्सा जो तकरीबन 4.1 किमी का है. इसमें से 2 किमी तक पायों का फाउण्डेशन वर्क पूर्ण हो चुका है और सुपर स्ट्रेक्चर का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा.

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