पटना: शिक्षा में सुधार को लेकर लंबे समय से राज्य सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने 26 नवंबर से आमरण अनशन शुरू कर दिया है. राजधानी के मिलर हाई स्कूल मैदान में अपने सहयोगी दलों के साथ उपेंद्र कुशवाहा ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. कुशवाहा के इस आंदोलन में सहयोगी दलों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है.
बता दें पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी, आरजेडी के विधायक रामानुज प्रसाद, सीपीआई सीपीएम के सत्येंद्र नारायण सिंह के साथ अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ उपेंद्र कुशवाहा ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. हड़ताल पर जाने से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और कहा कि सरकार की नीति के कारण राज्य में केंद्रीय विद्यालय नहीं खुल रहे हैं.
मांग पूरी होने तक करेंगे आमरण अनशन
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब मैं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री था, तो बिहार के हर जिले में गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए केंद्रीय विद्यालय खोलना चाहता था. हमने राज्य सरकार से प्रस्ताव भी मांगा था, लेकिन नीतीश कुमार नहीं दे पाए. हम सरकार की नीतियों से हटकर के राज्य के 2 जिलों में केंद्रीय विद्यालय के लिए सुकृति भी दिलवाई. औरंगाबाद के देव प्रखंड और नवादा जिले में भी केंद्रीय विद्यालय को स्वीकृति मिली है, लेकिन राज्य सरकार जमीन उपल्ब्ध नहीं करवा पाई जिससे वहां पर केंद्रीय विद्यालय नहीं खुल पाया है. वहीं, उन्होंने कहा कि अब वह गरीब बच्चों के लिए सरकार से लंबी लड़ाई लड़ेंगे. इसलिए मांग पूरी होने तक अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करने का फैसला किया है.