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वाह रे बिहार का हेल्थ सिस्टम: कोई दवाई बिना मरे, कहीं UPSC के कूड़े में मेडिसिन सड़े!

पटना के शास्त्री नगर यूपीएचसी में लाखों की दवाइयां बर्बाद हो रही है. स्वास्थ्य विभाग को कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया है.

बर्बाद हो रही दवाइयां
बर्बाद हो रही दवाइयां
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Published : Jul 31, 2021, 10:40 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 10:58 PM IST

पटनाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) को सुदृढ़ करने के लिए सरकार लाखों खर्च कर रही है. अस्पतालों में दवाइयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पटना के मॉडल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाखों की दवाइयां बर्बाद हो रही हैं.

इसे भी पढ़ें-Bihar Corona Update: 24 घंटे में 44 नए मरीजों की पुष्टि, इन जिलों में नहीं मिला एक भी केस

अस्पताल की सीढ़ियों पर फाइलेरिया और अन्य बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली काफी मात्रा में दवाइयां खुले में बिखरी पड़ी हैं. कई दवाइयों के सील टूट चुके हैं और उनमें से दवाइयां बाहर निकल कर सड़ रही हैं. इनमें से अधिकांश दवाइयों की एक्सपायरी डेट अगस्त 2021 है, वहीं कई दवाइयां 2022 और 2023 में एक्सपायर होने वाली हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

"जब से हमने स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी के तौर पर योगदान दिया है, तब से ये दवाइयां इसी हालत में है. इसके उठाव को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति और सिविल सर्जन कार्यालय को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं."- डॉक्टर फराह इम्तियाज, प्रभारी चिकित्सक, स्वास्थ्य केंद्र

इसे भी पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्री के जिले का हाल: बर्बाद हो रही हैं लाखों की दवाईयां, विभाग के पास नहीं है रखने को जगह

"डाई-इथाईल-कार्बमेजिन 100 एमजी और एल्बेंडाजोल 400 एमजी पिछले 2 साल से यहीं पड़ी हुई है. स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दी जा चुकी है. कुछ कदम नहीं उठाए जाने के बाद कल्याणी कुमारी के द्वारा यह दवाइयां अस्पताल की सीढ़ियों के पास रखवाई गई है. इससे परेशानी भी हो रही है, और दवाएं एक्सपायर भी."- डॉक्टर फराह इम्तियाज

प्रभारी चिकित्सक ने साफ तौर पर कहा है कि कई बार पत्र लिखकर और मेल भेजकर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी जा चुकी है, लेकिन इस समस्या के निदान के लिए अब तक कोई आदेश नहीं आया है.

इसे भी पढ़ें-कोरोना से हुई मौत को हार्टअटैक से मौत बताने पर MLC ने सदन में मांगा जवाब, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा तीन सदस्यीय समिति करेगी जांच

पटनाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) को सुदृढ़ करने के लिए सरकार लाखों खर्च कर रही है. अस्पतालों में दवाइयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पटना के मॉडल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लाखों की दवाइयां बर्बाद हो रही हैं.

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अस्पताल की सीढ़ियों पर फाइलेरिया और अन्य बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली काफी मात्रा में दवाइयां खुले में बिखरी पड़ी हैं. कई दवाइयों के सील टूट चुके हैं और उनमें से दवाइयां बाहर निकल कर सड़ रही हैं. इनमें से अधिकांश दवाइयों की एक्सपायरी डेट अगस्त 2021 है, वहीं कई दवाइयां 2022 और 2023 में एक्सपायर होने वाली हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

"जब से हमने स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी के तौर पर योगदान दिया है, तब से ये दवाइयां इसी हालत में है. इसके उठाव को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति और सिविल सर्जन कार्यालय को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं."- डॉक्टर फराह इम्तियाज, प्रभारी चिकित्सक, स्वास्थ्य केंद्र

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प्रभारी चिकित्सक ने साफ तौर पर कहा है कि कई बार पत्र लिखकर और मेल भेजकर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी जा चुकी है, लेकिन इस समस्या के निदान के लिए अब तक कोई आदेश नहीं आया है.

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Last Updated : Jul 31, 2021, 10:58 PM IST
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