पटना: होली पर्व को लेकर लोगों में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है. ऐसे में बिहार की होली का बात ही कुछ अलग होता है. क्या बुढ़े, क्या जवान और क्या महिलाएं सभी लोग अपने-अपने अंदाज में होली पर्व को मनाते हैं. रंग-अबीर गुलाल के साथ-साथ ढोलक झाल पर जोगीरा को सुनने को मिलता है. भले ही कोरोना का प्रकोप फिर से दिख रहा है, लेकिन लोगों के दिल और दिमाग में होली को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.
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ढोल और मंजीरे की थाप पर लगा ठुमका
गांवों में होली के रंग हर बार नई रंगत में नजर आते हैं. पुरुष हो या महिला, युवा हो या बुजुर्ग या फिर बच्चे ही क्यों न हो, यह त्योहार सभी को एक रंग में रंग देता है. इस त्योहार की विशेषता होली के गीत और संगीत हैं. खासकर गांवों में जब ढोल और मंजीरे की थाप पर होली के रंगों में रंगी टोलियां जोगीरे की तान छेड़ती हैं, तो माहौल और गुलाबी हो जाता है. लोग ढोलक पर झाल पर ठुमके लगाने से नहीं हिचकते हैं.
सरकार ने जारी किया गाइडलाइंस
जोगीरा सा-रा-रा के बीच पटना में रंगों का त्योहार होली शांतिपूर्ण ढंग से मनाने को लेकर सरकार की ओर गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई है. दूसरी ओर पौराणिक परंपराओं के अनुसार लोगों ने होली के रंग में सराबोर होकर होली का जश्न जोगीरा गाकर मना रहे हैं. होली का त्योहार नजदीक आते ही सभी की जुबां पर एक ही गाना रहता है. होली में खासकर इस गाने पर लोग ठुमके भी लगाते हैं. रंग बरसे भीगे चुनरवाली रंग बरसे...., बिहार में तो खासकर भोजपुरी गाना भी खूब बजता है. लेकिन गांव में आज भी जोगीरा ढोलक झाल पर ही सजता है.
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बिहार का मशहूर लौंडा डांस
बिहार के मशहूर लौंडा डांस में दर्शकों का खूब मनोरंजन होता है. इस डांस का औपचारिक नाम भले ही कम लोग जानते हों लेकिन मनोरंजन की विधा के रूप में यह डांस यूपी-बिहार के बड़े इलाके में लोकप्रिय है. ऐसे भी फागुन का मौसम ग्रामीण क्षेत्रों में एक जगह 5-10 लोग बैठकर जोगीरा जाकर खूब आनंद लेते हैं. लौंडा नाच बिहार के लोगों को खूब भाता है और होली का मौसम हो और लौंडा का नाच तो लोगों का क्या कहना ही है.