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आकड़ों से समझे कैसे साल दर साल बिहार में बढ़ रहा हिट एंड रन का मामला, 8 साल में 46 हजार लोगों की मौत - बिहार में सड़क हादसा

वैशाली सड़क हादसा (Vaishali Road Accident) रोड सेफ्टी को लेकर अब तक किए गए उपयों को लेकर सवाल खड़ा कर रहा है. साल दर साल बिहार में हिट एंड रन के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में बिहार पुलिस मुख्यालय अब राज्य भर के ब्लैक स्पॉट को चिहिन्त कर इंजीनियरों से जांच कराने का निर्णय लिया है, ताकि हादसों के कारणों का पता लगाकर सुरक्षा के उपाए किए जा सके.

बिहार में हिट एंड रन का मामला बढ़ा
बिहार में हिट एंड रन का मामला बढ़ा
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Published : Nov 23, 2022, 10:31 PM IST

पटना: बिहार में हिट एंड रन के मामले बढ़ गए (Hit And Run Cases Have Increased In Bihar) हैं. वैशाली सड़क हादसे ने एक बार फिर रोड सेफ्टी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) काफी सतर्क हो गई है. देश के दूसरे राज्यों से बिहार के तुलना करें तो सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मौत बिहार में (Maximum Death Due To Road Accident In Bihar) हो रही है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में राज्य में कुल 9553 सड़क हादसे हुए. जिसमें करीब 7660 लोगों की मौत हो गयी.

यह भी पढ़ें: ड्राइवर ने नहीं पी होती शराब तो न होता वैशाली हादसा: ब्लड टेस्ट में मिले 45% अल्कोहल के साक्ष्य

तमिलनाडु में सबसे अधिक सड़क हादसा: केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में सबसे अधिक तमिलनाडु में सड़क हादसे हुए. यहां 54484 सड़क दुर्घटना में 8059 लोगों की मौत हुई. सड़क हादसा और मौत की संख्या के अनुपात में देखें तो यह करीब 18 प्रतिशत है. जबकि बिहार में कुल 9553 सड़क हादसों में 7660 लोगों की मौत हो गई. इस तरह से देखें तो दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में सबसे अधिक मौत होती है, जो कि काफी चिंताजनक विषय है.

हादसाग्रस्त स्थालों का चिहिन्त कराया जाएगा: वैशाली हादसे के बाद पुलिस मुख्यालय ने निर्णय लिया है कि वैसे स्थलों को चिन्हित किया जाएगा, जहां ज्यादा दुर्घटना घट रही है. इसके बाद वहां पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) की माने तो राज्य के सभी ब्लैक स्पॉट को चिहिन्त कर इंजीनियर से निरीक्षण करवाया जाएगा, ताकि हादसों के कारण का पता लगाकर सुधार किया जा सके.

-वर्ष 2015 से 22 तक बिहार में हुए हादसे पर एक नजर

वर्षकुल सड़क हादसामृतकों की संख्या घायलों की संख्या
20159555 5421 6835
20168222 49015651
2017 8855 55546014
2018 9600 6729 6679
201910007 7205 7206
2020 8639 6699 7019
2021 9555 7660 7946
2022 3348 2767 2353

बिहार के सड़कों पर पैदला चलना हुआ खतरनाक: एक सर्वे में यह भी पता चला है कि बिहार के सड़क दुर्घटना में हो रही मौतों में सबसे अधिक पैदल चलने वाले शिकार हो रहे हैं. एक तिहाई से अधिक मौतें पैदल चलने वाले की हो रही है. इसके बाद दोपहिया सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं. एक तिहाई मौत मोटरसाइकिल सवारों की हो रही है.

2021 में 3288 पैदल चलने वाले लोग बने शिकार: परिवहन विभाग से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में कुल 9553 सड़क दुर्घटना में हुई थी. जिसमें 7660 लोगों की मौत हुई. सड़क पर पैदल चलने वाले 3288 लोग हादसे का शिकार हुए थे. 3123 दोपहिया चालक से दुर्घटना के शिकार बने. इनमें 2657 लोगों की मौत हुई. कुल मौत में 33 फीसदी शिकार दुपहिया चालक हुए हैं. जबकि 625 मोटरसाइकिल सवार दुर्घटना के शिकार हुए. इनमें से 495 लोगों की मौत हुई.

पटना: बिहार में हिट एंड रन के मामले बढ़ गए (Hit And Run Cases Have Increased In Bihar) हैं. वैशाली सड़क हादसे ने एक बार फिर रोड सेफ्टी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) काफी सतर्क हो गई है. देश के दूसरे राज्यों से बिहार के तुलना करें तो सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मौत बिहार में (Maximum Death Due To Road Accident In Bihar) हो रही है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में राज्य में कुल 9553 सड़क हादसे हुए. जिसमें करीब 7660 लोगों की मौत हो गयी.

यह भी पढ़ें: ड्राइवर ने नहीं पी होती शराब तो न होता वैशाली हादसा: ब्लड टेस्ट में मिले 45% अल्कोहल के साक्ष्य

तमिलनाडु में सबसे अधिक सड़क हादसा: केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में सबसे अधिक तमिलनाडु में सड़क हादसे हुए. यहां 54484 सड़क दुर्घटना में 8059 लोगों की मौत हुई. सड़क हादसा और मौत की संख्या के अनुपात में देखें तो यह करीब 18 प्रतिशत है. जबकि बिहार में कुल 9553 सड़क हादसों में 7660 लोगों की मौत हो गई. इस तरह से देखें तो दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में सबसे अधिक मौत होती है, जो कि काफी चिंताजनक विषय है.

हादसाग्रस्त स्थालों का चिहिन्त कराया जाएगा: वैशाली हादसे के बाद पुलिस मुख्यालय ने निर्णय लिया है कि वैसे स्थलों को चिन्हित किया जाएगा, जहां ज्यादा दुर्घटना घट रही है. इसके बाद वहां पुलिसकर्मी और सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) की माने तो राज्य के सभी ब्लैक स्पॉट को चिहिन्त कर इंजीनियर से निरीक्षण करवाया जाएगा, ताकि हादसों के कारण का पता लगाकर सुधार किया जा सके.

-वर्ष 2015 से 22 तक बिहार में हुए हादसे पर एक नजर

वर्षकुल सड़क हादसामृतकों की संख्या घायलों की संख्या
20159555 5421 6835
20168222 49015651
2017 8855 55546014
2018 9600 6729 6679
201910007 7205 7206
2020 8639 6699 7019
2021 9555 7660 7946
2022 3348 2767 2353

बिहार के सड़कों पर पैदला चलना हुआ खतरनाक: एक सर्वे में यह भी पता चला है कि बिहार के सड़क दुर्घटना में हो रही मौतों में सबसे अधिक पैदल चलने वाले शिकार हो रहे हैं. एक तिहाई से अधिक मौतें पैदल चलने वाले की हो रही है. इसके बाद दोपहिया सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं. एक तिहाई मौत मोटरसाइकिल सवारों की हो रही है.

2021 में 3288 पैदल चलने वाले लोग बने शिकार: परिवहन विभाग से जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में कुल 9553 सड़क दुर्घटना में हुई थी. जिसमें 7660 लोगों की मौत हुई. सड़क पर पैदल चलने वाले 3288 लोग हादसे का शिकार हुए थे. 3123 दोपहिया चालक से दुर्घटना के शिकार बने. इनमें 2657 लोगों की मौत हुई. कुल मौत में 33 फीसदी शिकार दुपहिया चालक हुए हैं. जबकि 625 मोटरसाइकिल सवार दुर्घटना के शिकार हुए. इनमें से 495 लोगों की मौत हुई.

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