पटनाः राज्य के पीजी मेडिकल कोर्स के दाखिला परीक्षा में गांवों में सेवा कर रहे डॉक्टरों को अधिक वेटेज अंक देने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले को अवैध करार दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की.
शहरी डॉक्टरों से भेदभाव
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने बीसीईसीई को पीजी दाखिले हेतु निर्गत मेरिट लिस्ट को पुनः नए सिरे से बनाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि राज्य सरकार की ऐसी नीति न सिर्फ शहरी डॉक्टरों से भेदभाव करती है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों के कमी होने स्थिति को और गम्भीर बनाएगी.
रिक्त पदों को शीघ्र भरने का निर्देश
हाई कोर्ट ने इस बात पर भी गहरी चिंता जताई कि राज्य में 8 हजार से अधिक डॉक्टरों के स्वीकृत पद खाली पड़े हैं. उनमें 5,674 रिक्तियां केवल ग्रामीण डॉक्टरों की है. कोर्ट ने राज्य सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने का निर्देश दिया है.