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अभी और करना होगा इंतजार, अब 22 अप्रैल को होगी लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई - पटना लेटेस्ट न्यूज

बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव (Lalu yadav Bail Plea) को जमानत के लिए अभी और इंतजार करना होगा. याचिका पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.

लालू यादव
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Published : Apr 8, 2022, 1:35 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 3:17 PM IST

रांची/पटनाः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव को जमानत (Hearing On Lalu yadav Bail Plea Postponed) के लिए अभी और इंतजार करना होगा. याचिका पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. सीबीआई की तरफ से आज काउंटर फाइल नहीं किया जा सका. इसलिए सीबीआई की ओर से समय मांगा गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. हालांकि 11 मार्च को ही सीबीआई को काउंटर एफिडेविट फाइल करने को कहा गया था.

ये भी पढ़ेंः चारा घोटालाः लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, बढ़ती उम्र का दिया हवाला

आज सुनवाई के दौरान चारा घोटाला में सजायाफ्ता कृष्ण मोहन प्रसाद के अलावा चार अन्य सप्लायर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. इन सभी को सीबीआई कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा 3 साल की सजा पाने वाले अन्य दोषियों को भी हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है.

लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट ने सीबीआई को एक सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट फाइल करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगले शुक्रवार यानी 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे की वजह से कोर्ट बंद है, इसलिए सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल तय की गई है. उन्होंने कहा कि सीबीआई की तरफ से एक साजिश के तहत काउंटर एफिडेविट फाइल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि 11 मार्च को ही सीबीआई को जवाब देना था, लेकिन एजेंसी की तरफ से ऐसा नहीं किया गया.

आपको बता दें कि इसी साल 15 फरवरी को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को 5 साल की सजा सुनाई थी. फिलहाल लालू यादव कई बीमारियों से ग्रसित हैं. उनका इलाज दिल्ली स्थित एम्स में हो रहा है. लालू यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने विश्वास जताया है कि 22 अप्रैल को जमानत मिल जाएगी क्योंकि इसके लिए लालू यादव तमाम क्राइटेरिया पूरी कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: सहनी की नहीं होगी RJD में एंट्री, बोली राबड़ी देवी- 'अभी लालू जी याद आवs तारन'

24 फरवरी को किया था जमानत के लिए आवेदन: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में 24 फरवरी को अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने जमानत के लिए भी आवेदन किया था. इस मामले पर 4 मार्च को सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को सुधारने करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी. जमानत याचिका पर 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि उस तारीख पर अदालत ने सीबीआई अदालत से रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया था.

जमानत याचिका में बढ़ती उम्र और बीमारियों का हवाला: बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियों को लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका में हवाला दिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है. इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. इससे पूर्व 22 मार्च को चारा घोटाले में यहां सजा भुगत रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव की किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विशेष विमान से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया था.

ये भी पढ़ें: 'लालू यादव को मारने की हो रही है साजिश': माले विधायक महबूब आलम ने बिहार विधानसभा में उठाया मुद्दा

5 साल की सजा: बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत से दी गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. साथ ही जमानत के लिए आइए याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर आज सुनवाई होनी थी.

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का घोटाला: डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेज दिया गया. जहां से बाद में इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेज दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है.

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.

चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

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रांची/पटनाः बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव को जमानत (Hearing On Lalu yadav Bail Plea Postponed) के लिए अभी और इंतजार करना होगा. याचिका पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. सीबीआई की तरफ से आज काउंटर फाइल नहीं किया जा सका. इसलिए सीबीआई की ओर से समय मांगा गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. हालांकि 11 मार्च को ही सीबीआई को काउंटर एफिडेविट फाइल करने को कहा गया था.

ये भी पढ़ेंः चारा घोटालाः लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, बढ़ती उम्र का दिया हवाला

आज सुनवाई के दौरान चारा घोटाला में सजायाफ्ता कृष्ण मोहन प्रसाद के अलावा चार अन्य सप्लायर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. इन सभी को सीबीआई कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा 3 साल की सजा पाने वाले अन्य दोषियों को भी हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है.

लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट ने सीबीआई को एक सप्ताह के भीतर काउंटर एफिडेविट फाइल करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अगले शुक्रवार यानी 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे की वजह से कोर्ट बंद है, इसलिए सुनवाई की अगली तारीख 22 अप्रैल तय की गई है. उन्होंने कहा कि सीबीआई की तरफ से एक साजिश के तहत काउंटर एफिडेविट फाइल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि 11 मार्च को ही सीबीआई को जवाब देना था, लेकिन एजेंसी की तरफ से ऐसा नहीं किया गया.

आपको बता दें कि इसी साल 15 फरवरी को डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को 5 साल की सजा सुनाई थी. फिलहाल लालू यादव कई बीमारियों से ग्रसित हैं. उनका इलाज दिल्ली स्थित एम्स में हो रहा है. लालू यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने विश्वास जताया है कि 22 अप्रैल को जमानत मिल जाएगी क्योंकि इसके लिए लालू यादव तमाम क्राइटेरिया पूरी कर चुके हैं.

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24 फरवरी को किया था जमानत के लिए आवेदन: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में 24 फरवरी को अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने जमानत के लिए भी आवेदन किया था. इस मामले पर 4 मार्च को सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को सुधारने करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी. जमानत याचिका पर 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि उस तारीख पर अदालत ने सीबीआई अदालत से रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया था.

जमानत याचिका में बढ़ती उम्र और बीमारियों का हवाला: बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियों को लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका में हवाला दिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है. इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. इससे पूर्व 22 मार्च को चारा घोटाले में यहां सजा भुगत रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव की किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विशेष विमान से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया था.

ये भी पढ़ें: 'लालू यादव को मारने की हो रही है साजिश': माले विधायक महबूब आलम ने बिहार विधानसभा में उठाया मुद्दा

5 साल की सजा: बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत से दी गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. साथ ही जमानत के लिए आइए याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर आज सुनवाई होनी थी.

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का घोटाला: डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेज दिया गया. जहां से बाद में इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेज दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया है.

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.

चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

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Last Updated : Apr 8, 2022, 3:17 PM IST
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