पटनाः राज्य में कोरोना महामारी से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने बिहटा स्थित ईएसआईसी अस्पताल का पूरा ब्यौरा मांगा है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार के नोडल अधिकारी से अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में मौजूद डॉक्टर, स्टाफ, ऑक्सीजन, बेड, दवाओं और अन्य सुविधाओं पूरा ब्यौरा तलब किया.
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ईएसआईसी अस्पताल ने दिया हलफनामा
ईएसआईसी अस्पताल की ओर हलफनामा दायर कर बताया गया कि कोरोना मरीजों की इलाज के लिए अस्पताल में सुविधाओं की कमी है. डॉक्टर, स्टाफ, नर्स सहित अन्य कर्मचारियों की कमी है. साथ ही बेड, ऑक्सीजन, दवा और सफाई की व्यवस्था नहीं है. इस कारण मरीजों की इलाज में मुश्किलें हो रही है.
बीते दिनों हुआ था अस्पताल का निरीक्षण
अस्पताल ने कोर्ट को बताया कि डॉक्टरों की एक टीम ने बीते 29 और 30 अप्रैल को अस्पताल का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में संसाधनों की कमी पाई थी.
पीएमसीएच में सफाईकर्मियों की कमी
पीएमसीएच अस्पताल में सफाई व्यवस्था को लेकर कोर्ट ने पूछताछ की. जिसमें कोर्ट को बताया गया कि सफाईकर्मियों की बहुत कमी है. अस्पताल को सफाई व्यवस्था के लिए आउट सोर्सिंग पर निर्भर रहना पड़ता है. वहीं कोर्ट ने पटना के मेदांता अस्पताल में कोरोना मरीजों की इलाज शुरू होने या नहीं होने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा.
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25 मई को अगली सुनवाई
राज्य सरकार के द्वारा दिए गए दो अधिकारियों के आंकड़े में कोर्ट ने अंतर्विरोध पाया. राज्य सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने अपनी रिपोर्ट में 6 कोरोना मरीजों की मृत्यु बताया था, जबकि पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने अपनी रिपोर्ट में यह संख्या 789 बताई है. कोर्ट ने उन्हें स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था. अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं, बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों और दाह संस्कार के संबंध में कोर्ट में अब अगली सुनवाई 25 मई को होगी.