नई दिल्ली : पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले 26 सितंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन तब ये सुनवाई टल गई थी. इससे पहले 11 अगस्त को केस की सुनवाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को इस मामले में एडिशनल काउंटर एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि 26 सितंबर की सुनवाई में बेंच पूरी बातों को सुनेगी.
आनंद मोहन की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज : बिहार सरकार ने इस मामले में हलफनामा भी दायर किया और बताया कि इसी साल अप्रैल महीने में जेल नियमावली में संशोधन किया गया. जिसके बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ था. तब इसको लेकर नीतीश सरकार पर चौतरफा हमले भी हुए लेकिन महागठबंधन की सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अब एक बार फिर तत्कालीन कलेक्टर जी कृष्णैया हत्याकांड के दोषी बाहुबली आनंद मोहन की जमानत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
सजा पूरी कर चुके हैं आनंद मोहन लेकिन फंसा है पेंच : दरअसल, 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या हुई थी. इस दोष को अदालत में सिद्ध कर दोषी आनंद मोहन को सजा दी गई. आनंद मोहन का दावा है कि उन्होंने जो भी सजा थी उसको पूरी कर लिया है. उनकी रिहाई को जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़तीं दिख रही हैं. उन्होंने जो आरोप लगाए हैं उसके आधार पर ये कहा जा रहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए आनंद मोहन को छोड़ा गया है.
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई : इस मामले में 11 अगस्त को राज्य सरकार ने भी हलफनामा देखकर सुप्रीम कोर्ट के ये बता दिया है कि सिर्फ आनंद मोहन ही नहीं बल्कि कुल 97 कैदियों को सजा में छूट देकर समय से पहले रिहा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने पूछा था कि क्या रिहा किए गए सभी 97 कैदी लोकसेवक की हत्या में दोषी थे? इस पर बिहार सरकार के अधिवक्ता आज सुनवाई में पक्ष रखेंगे. अगर सुप्रीम कोर्ट ने जी कृष्णैया की पत्नी के पक्ष में फैसला दे देगा तो आनंद मोहन को जेल जाना पड़ सकता है.
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