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बिहार में तय समय पर होंगे नगर निकाय चुनाव, अति पिछड़ा आरक्षण पर SC का जल्द सुनवाई से इनकार

बिहार में निकाय चुनाव को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ा आरक्षण पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. बुधवार को इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की गयी थी. आगे पढ़ें पूरी खबर

Hearing In Supreme Court
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Published : Dec 9, 2022, 8:41 AM IST

Updated : Dec 9, 2022, 2:02 PM IST

पटना: बिहार में निकाय चुनाव (Bihar Municipal Election 2022) को लेकर जिस तरह से कानूनी दांव-पेंच फंसा है, ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि आगे क्या होगा. हालांकि अब साफ हो गया कि बिहार में निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की अर्जी को सुनने से इनकार कर दिया है. दरअसल बुधवार को इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की गयी थी. कोर्ट से गुहार लगायी गयी थी कि वह तत्काल इस मामले पर सुनवाई करे और बिहार में कराये जा रहे निकाय चुनाव पर रोक लगाये.

ये भी पढ़ें - बिहार में निकाय चुनाव पर HC की टिप्पणी- सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई हो जाने के बाद मामला सुनेगा हाईकोर्ट

SC में पहले से चल रहा मामला : बिहार में निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से मामला चल रहा (Supreme Court on Bihar Municipal Election) है. इससे पहले दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 की तारीख तय की है.

तत्काल हस्तक्षेप करने की मांगः सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ता सुनील कुमार की ओर से गुहार लगायी गयी कि मामले की अर्जेंसी को देखते हुए आवेदनों को तत्काल सुनवाई के लिए लिया जाये. यह न सिर्फ याचिकाकर्ता के हित में होगा, बल्कि राज्य और आम जनता के हित में भी होगा. बिहार में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए यह न्याय के हित में होगा कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल इस मामले को सुने. कोर्ट ने 20 जनवरी की अगली तारीख दे रखा (Supreme Court On Municipal Election in Bihar ) है. उस समय तक पूरी चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिये.

आदेश के उल्लंघन का आरोपः याचिका दायर करने वाले ने सुप्रीम कोर्ट के रिकार्ड में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना और उस पर रोक लगाने का आवेदन दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट में 7 दिसंबर को दायर आवेदन में कहा गया है कि बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की 30 नवंबर की चुनावी अधिसूचना इन आशंकाओं की पुष्टि करता है कि ओबीसी श्रेणी के साथ-साथ ईबीसी श्रेणी को कवर करने वाले ट्रिपल टेस्ट का कोई अनुपालन नहीं है. ये सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 नवंबर और 1 दिसंबर को दिये गये आदेश का जानबूझकर किया गया उल्लंघन है.

कब होना है चुनावः बता दें कि बिहार में दो चरणों में 224 शहरी निकाय चुनाव होने हैं. इनमें 17 नगर निगम, 70 नगर परिषद और 137 नगर पंचायत की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षद की सीटें पर चुनाव होने हैं. निकाय चुनाव में राज्य के कुल एक करोड़ 14 लाख 52 हजार 759 मतदाता हिस्सा लेंगे. सरकार ने 18 को पहले चरण और 28 दिसंबर को दूसरे चरण में मतदान करवाने का फैसला किया.

तीन पदों के लिए होगी वोटिंगः नगर निकाय क्षेत्र में इस बार तीन पदों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड के पार्षदों का सीधे मतदान के जरिये चयन होगा, चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा.

30 दिसंबर तक पूरी होगी चुनाव प्रक्रियाः पहले चरण के लिए मतदान 18 दिसंबर को होगा और मतगणना 20 दिसंबर को. दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को मतगणना 30 दिसंबर को होगी. राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. बोगस वोटरों की पहचान के लिए भी बूथों पर व्यवस्था किया जाएगा.

हाईकोर्ट ने क्या कहा : बिहार में नगर निकाय को लेकर चल रहे मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने कहा कि 20 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो जाने के बाद ही इस मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई किया जाए.

SC ने डेडिकेटेड कमीशन मानने से किया था इनकार : इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई के दौरान अतिपिछड़ा आयोग को लेकर बड़ा फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग को डेडिकेटेड कमीशन नहीं माना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 का डेट तय किया है.

टाइपिंग मिस्टेक हुआ था : हालांकि, पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में एक टाइपिंग मिस्टेक हुआ था और एक्ट्रीमली बैकवार्ड क्लास कमीशन के बजाय इकोनॉमिकल बैकवार्ड क्लास कमीशन टाइप हो गया था. एक दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नया आदेश निकाल कर कहा था कि उसने एक्ट्रीमली बैकवार्ड क्लास कमीशन ( अति पिछडा वर्ग आयोग) को डेडिकेटेड कमीशन नहीं मानने की बात कही है.

पटना: बिहार में निकाय चुनाव (Bihar Municipal Election 2022) को लेकर जिस तरह से कानूनी दांव-पेंच फंसा है, ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि आगे क्या होगा. हालांकि अब साफ हो गया कि बिहार में निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की अर्जी को सुनने से इनकार कर दिया है. दरअसल बुधवार को इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की गयी थी. कोर्ट से गुहार लगायी गयी थी कि वह तत्काल इस मामले पर सुनवाई करे और बिहार में कराये जा रहे निकाय चुनाव पर रोक लगाये.

ये भी पढ़ें - बिहार में निकाय चुनाव पर HC की टिप्पणी- सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई हो जाने के बाद मामला सुनेगा हाईकोर्ट

SC में पहले से चल रहा मामला : बिहार में निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से मामला चल रहा (Supreme Court on Bihar Municipal Election) है. इससे पहले दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 की तारीख तय की है.

तत्काल हस्तक्षेप करने की मांगः सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिकाकर्ता सुनील कुमार की ओर से गुहार लगायी गयी कि मामले की अर्जेंसी को देखते हुए आवेदनों को तत्काल सुनवाई के लिए लिया जाये. यह न सिर्फ याचिकाकर्ता के हित में होगा, बल्कि राज्य और आम जनता के हित में भी होगा. बिहार में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए यह न्याय के हित में होगा कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल इस मामले को सुने. कोर्ट ने 20 जनवरी की अगली तारीख दे रखा (Supreme Court On Municipal Election in Bihar ) है. उस समय तक पूरी चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. ऐसे में कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिये.

आदेश के उल्लंघन का आरोपः याचिका दायर करने वाले ने सुप्रीम कोर्ट के रिकार्ड में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना और उस पर रोक लगाने का आवेदन दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट में 7 दिसंबर को दायर आवेदन में कहा गया है कि बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की 30 नवंबर की चुनावी अधिसूचना इन आशंकाओं की पुष्टि करता है कि ओबीसी श्रेणी के साथ-साथ ईबीसी श्रेणी को कवर करने वाले ट्रिपल टेस्ट का कोई अनुपालन नहीं है. ये सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 नवंबर और 1 दिसंबर को दिये गये आदेश का जानबूझकर किया गया उल्लंघन है.

कब होना है चुनावः बता दें कि बिहार में दो चरणों में 224 शहरी निकाय चुनाव होने हैं. इनमें 17 नगर निगम, 70 नगर परिषद और 137 नगर पंचायत की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षद की सीटें पर चुनाव होने हैं. निकाय चुनाव में राज्य के कुल एक करोड़ 14 लाख 52 हजार 759 मतदाता हिस्सा लेंगे. सरकार ने 18 को पहले चरण और 28 दिसंबर को दूसरे चरण में मतदान करवाने का फैसला किया.

तीन पदों के लिए होगी वोटिंगः नगर निकाय क्षेत्र में इस बार तीन पदों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड के पार्षदों का सीधे मतदान के जरिये चयन होगा, चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा.

30 दिसंबर तक पूरी होगी चुनाव प्रक्रियाः पहले चरण के लिए मतदान 18 दिसंबर को होगा और मतगणना 20 दिसंबर को. दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को मतगणना 30 दिसंबर को होगी. राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. बोगस वोटरों की पहचान के लिए भी बूथों पर व्यवस्था किया जाएगा.

हाईकोर्ट ने क्या कहा : बिहार में नगर निकाय को लेकर चल रहे मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने कहा कि 20 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो जाने के बाद ही इस मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई किया जाए.

SC ने डेडिकेटेड कमीशन मानने से किया था इनकार : इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई के दौरान अतिपिछड़ा आयोग को लेकर बड़ा फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग को डेडिकेटेड कमीशन नहीं माना जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 का डेट तय किया है.

टाइपिंग मिस्टेक हुआ था : हालांकि, पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश में एक टाइपिंग मिस्टेक हुआ था और एक्ट्रीमली बैकवार्ड क्लास कमीशन के बजाय इकोनॉमिकल बैकवार्ड क्लास कमीशन टाइप हो गया था. एक दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नया आदेश निकाल कर कहा था कि उसने एक्ट्रीमली बैकवार्ड क्लास कमीशन ( अति पिछडा वर्ग आयोग) को डेडिकेटेड कमीशन नहीं मानने की बात कही है.

Last Updated : Dec 9, 2022, 2:02 PM IST
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