पटना: मंगलवार को पटना नगर निगम के अधिवक्ता प्रसून सिन्हा ने पटना उच्च न्यायालय को बताया कि पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज टीकाकरण का कार्य संतुलन जीव कल्याण नामक संस्था को दिया गया था. निगम ने 12 अक्टूबर 2023 को संतुलन जीव कल्याण संस्था के कार्य पर तत्काल रोक लगा दिया है. साथ ही नगर निगम ने उस संस्था को एक सप्ताह में जवाब भी तलब किया है.
क्यों हुआ टेंडर रद्द करने का फैसला?: याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने ये बताया है कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है. पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130/- प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया था.
15 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई: याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर 2023 को होगी.