ETV Bharat / state

समस्तीपुर में महीनों से PDS लाइसेंस रद्द रखने पर हाईकोर्ट में सुनवाई, आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव तलब - Principal secretary of supply department summoned

पीडीएस राशन दुकान का लाइसेंस महीनों तक रद्द रखने पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. सुनवाई में कोर्ट ने खाद्य व आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव को तलब किया है.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
पीडीएस राशन दुकान का लाइसेंस महीनों तक रद्द
author img

By

Published : Feb 15, 2022, 10:48 PM IST

पटना : पीडीएस लाइसेंस को महीनों तक रद्द रखने के मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने खाद्य व आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव को अगली सुनवाई में तलब (Principal secretary of supply department summoned) किया है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की डिवीजन बेंच ने शिव शंकर साह की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से को बताया गया कि PDS दुकान ही आजीविका का एकमात्र साधन है, जिसे समस्तीपुर के एसडीओ ने रद्द कर दिया है. आरोप लगाया गया था कि तौलने की मशीन में गडबड़ी थी.


ये भी पढ़ें- ...तो बिना होमवर्क के लाया गया शराबबंदी कानून! जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

एसडीओ समस्तीपुर के आदेश के विरुद्ध समस्तीपुर के जिलाधिकारी के समक्ष अपील की गई, लेकिन अपील वर्ष 2020 से लंबित है (Cancelled PDS license for a months in Samastipur) और कोई फैसला नहीं लिया गया है. जबकि प्रावधानों के अनुसार पी डी एस कंट्रोल आर्डर के अपील का निष्पादन 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर कर दिया जाना चाहिए था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा देखने को मिल रहा है कि इस तरह के बहुत से मामलों को महीनों तक लंबित रखा जा रहा है.

इसके वजह से न सिर्फ पी डी एस डीलर भूखों मर रहे हैं, बल्कि बड़े पैमाने पर आम जनता भी प्रभावित हो रही है. इस मामले पर आगे की सुनवाई अब एक सप्ताह बाद होगी. पीडीएस लाइसेंस रद्द रखने से स्थानीय हितग्राही प्रभावित होते हैं. उन्हें समय पर राशन मुहैया कराने पर दिक्कत पेश आती है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


पटना : पीडीएस लाइसेंस को महीनों तक रद्द रखने के मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने खाद्य व आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव को अगली सुनवाई में तलब (Principal secretary of supply department summoned) किया है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की डिवीजन बेंच ने शिव शंकर साह की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट को याचिकाकर्ता की ओर से को बताया गया कि PDS दुकान ही आजीविका का एकमात्र साधन है, जिसे समस्तीपुर के एसडीओ ने रद्द कर दिया है. आरोप लगाया गया था कि तौलने की मशीन में गडबड़ी थी.


ये भी पढ़ें- ...तो बिना होमवर्क के लाया गया शराबबंदी कानून! जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

एसडीओ समस्तीपुर के आदेश के विरुद्ध समस्तीपुर के जिलाधिकारी के समक्ष अपील की गई, लेकिन अपील वर्ष 2020 से लंबित है (Cancelled PDS license for a months in Samastipur) और कोई फैसला नहीं लिया गया है. जबकि प्रावधानों के अनुसार पी डी एस कंट्रोल आर्डर के अपील का निष्पादन 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर कर दिया जाना चाहिए था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा देखने को मिल रहा है कि इस तरह के बहुत से मामलों को महीनों तक लंबित रखा जा रहा है.

इसके वजह से न सिर्फ पी डी एस डीलर भूखों मर रहे हैं, बल्कि बड़े पैमाने पर आम जनता भी प्रभावित हो रही है. इस मामले पर आगे की सुनवाई अब एक सप्ताह बाद होगी. पीडीएस लाइसेंस रद्द रखने से स्थानीय हितग्राही प्रभावित होते हैं. उन्हें समय पर राशन मुहैया कराने पर दिक्कत पेश आती है.

विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.