पटना: पटना हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस पीबी बैजन्त्री व जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है. यह याचिका नवनीत कुमार ने दायर की है.
21 सितम्बर को होगी सुनवाई: याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शिव प्रताप ने बताया कि आरबीआई के एक सर्कुलर का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि बैंक में यदि घोटाले की रकम तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की हो तो इसे सीबीआई को जांच के लिए सुपुर्द किया जाना चाहिए. इस मामलें पर अगली सुनवाई 21 सितम्बर 2023 को होगी.
अभियुक्तों के विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिला: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया की 8 अगस्त,2023 को एसएसपी, मुजफ्फरपुर ने अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर किया. इसमें उन्होंने बताया कि सभी अभियुक्तों के विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिला. उन्होंने उलटे याचिकर्ताओं पर आरोप लगा कर केस बंद करने का अनुरोध किया. इससे पूर्व एसएसपी, मुजफ्फरपुर द्वारा गठित टीम के प्रमुख पुलिस उपाधीक्षक राघव दयाल द्वारस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन देने की बात अपने रिपोर्ट कहा था.
सीबीआई कर रही जांच: वर्तमान में सीबीआई वैशाली जिला के कस्तूरीसराय शाखा में हुए घोटाले की जांच कर रही है. एसएसपी, मुजफ्फरपुर द्वारा मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई से कराने के अनुरोध को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि पूर्व में भी मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा काजीमुहम्मदपुर थाना कांड संख्या 83/2022 बिना किसी जांच के बंद कर वादी पर ही आरोप लगा दिया था. जिसे कोर्ट के हस्तक्षेप से पुनः सुनवाई की जा रही है. इस मामलें पर अगली सुनवाई 21सितम्बर, 2023 को होगी.