पटना: पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के एमपॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति एएन कालेज, पटना के पीछे नगर विकास भवन के टेंडर को रद्द कर दिया. जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह (Justice Ashwini Kumar Singh) की खंडपीठ ने राज्य के नगर विकास और आवास विभाग को नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास भवन निर्माण हेतु अनुमति के लिए दिया पत्र निरस्त कर दिया. पटना नगर निगम के एम पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के नगर विकास भवन के निर्माण को स्थानीय एएन कालेज के पीछे 1.5 एकड़ भूमि पर करने के लिए पत्र जारी किया गया था.
ये भी पढ़ें- HC में मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं वाली याचिका पर सुनवाई टली, राज्य में पर्याप्त सुविधा देने की है मांग
नगर आयुक्त को कोर्ट ने लगाई फटकार : अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि पटना नगर निगम के एम पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के नगर आयुक्त ने नगर विकास भवन के निर्माण स्थानीय ए एन कालेज के पीछे 1.5 एकड़ भूमि पर करने के लिए पत्र जारी किया गया. साथ ही भवन निर्माण विभाग ने निर्माण का टेंडर जारी कर दिया था. जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बगैर एमपॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति के नगर आयुक्त किसी संपत्ति को स्थानांतरित करने का पत्र नहीं जारी कर सकते हैं. वे निगम के कार्यपालक प्रधान होते हैं.
नगर आयुक्त के पत्र को HC ने किया निरस्त : कोर्ट ने अधिवक्ता मयूरी के इस तर्क को भी मना कि बिहार Municipal एक्ट, 2007 में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है. जिसके तहत बाद में अनुमति ली जाए. नगर आयुक्त को ऐसी कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिसके तहत वे अधिकार का इस प्रकार उपयोग कर सकें. इसलिए यह नगर आयुक्त का पत्र और भवन निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया गया.
ये भी पढ़ें- पटना के राजीव नगर में 'ऑपरेशन बुलडोजर' पर हाईकोर्ट की रोक
ये भी पढ़ें- पटना HC के सरकार से पूछा- कब तक बिहार में ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना होगी
ये भी पढ़ें- पटना HC के सरकार से पूछा- कब तक बिहार में ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना होगी