पटना: तबलीगी जमात के मरकज सम्मेलन में शामिल 57 जमातियों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. अब तक पटना, किशनगंज, अररिया और बक्सर के कुल 57 जमातियों को बिहार पुलिस ने ट्रेस कर जेल भेज दिया है. पुलिस के अनुसार ये सभी टूरिस्ट वीजा के नियमों का उल्लंघन कर धर्म का प्रचार करने वाले लोग थे. यह सभी इंडोनेशिया और मलेशिया के रहने वाले हैं. सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है.
स्थानीय लोगों ने दी थी पुलिस को सूचना
दरअसल, मामले में सवाल यह उठ रहा है कि इन विदेशी धर्म प्रचारकों की केंद्र और राज्य सरकार के खुफिया एजेंसी को भनक भी नहीं लगी. वहीं, अगर एजेंसियों को मामले की जानकारी थी, तब पुलिस ने उन्हें पहले गिरफ्तार क्यों नही किया. राजधानी पटना के कुर्जी और समनपुरा से भी कुछ दिन पहले 17 जमातियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. कोरोना वायरस बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आसपास के लोगों ने जब संदिग्धों की पुलिस को सूचना दी. तब जाकर पुलिस ने कोरोना संबंधी जांच कर उन्हें जेल भेजा.
'जमातियों का बिहार में घुसना संभव नहीं'
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि नेशनल वीजा एक्ट उल्लंघन मामले में उन सभी लोगों पर केस कर उन्हें जेल भेजा गया है. डीजीपी के अनुसार बिहार में कोई जमाती नहीं है. वहीं, कुछ दिन पहले एसएसबी ने नेपाल से सटे बेतिया जिले में जमातियों के प्रवेश पर वहां के डीएम को लिखे पत्र के बारे में पूछने पर डीजीपी ने कहा कि हमने पूरे बॉर्डर को सील कर रखा है. जमातियों का बिहार में घुसना संभव नहीं है.
'पुलिस की कार्यशैली पर सवाल'
पटना के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का माने तो सेंट्रल और स्टेट आईबी को इन जमातियों की सूचना जरूर रही होगी. क्योंकि, जो भी व्यक्ति टूरिस्ट वीजा पर भारत आते हैं. उनके वीजा में देश आगमन के कारण का उल्लेख होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इनपुट मिलने के बाद भी सही समय पर गिरफ्तारी नहीं होना, पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है. वहीं, मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. प्रशासनिक अधिकार ही इस मामले को अच्छे से बता सकते हैं.