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नगरपालिका अध्यादेश को राज्यपाल ने दी मंजूरी, बिहार में अब जनता चुनेगी मेयर और उप मेयर

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने गुरुवार को बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश 2022 (Bihar Municipal Ordinance 2022) को मंजूरी दे दी. अध्यादेश के लागू होने के बाद अब मेयर और उप मेयर का चुनाव जनता करेगी. इसी वर्ष अप्रैल-मई में बिहार में नगर निकायों के चुनाव होने वाले हैं. इस संशोधन के बाद अब किसी मेयर या उप मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकेगा. पढ़ें पूरी खबर..

Governor Phagu Chauhan
Governor Phagu Chauhan
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Published : Jan 14, 2022, 9:10 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 3:35 PM IST

पटना: बिहार में इस साल होने वाले शहरी निकाय चुनाव में नगर निगमों के मेयर और उप मेयर के साथ विभिन्न नगर निकायों के प्रमुख का चुनाव अब सीधे जनता करेगी. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Governor Phagu Chauhan) ने गुरुवार को बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश 2022 (Bihar Municipal Ordinance 2022) को मंजूरी दे दी है. इसके बाद इसे बिहार गजट में प्रकाशित कर दिया गया है. इसके साथ ही इसी वर्ष होने वाले नगर पालिका चुनाव में यह लागू हो जाएगा.

यह भी पढ़ें - नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटा राज्य निर्वाचन आयोग, मार्च या अप्रैल माह में Election कराने की संभावना

15 साल के बाद बिहार नगरपालिका कानून में संशोधन (Amendment in Bihar Municipal Act) किया गया है. इस अध्यादेश को बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 कहा जायेगा. जानकारी के अनुसार नगरपालिका कानून के दो धाराओं में संशोधन किया गया है. इसके साथ ही कुछ नई धाराएं भी जोड़ी गई हैं. धारा 23 (1) और धारा 25 को बदल दिया गया है. धारा 23 (1) में पहले पार्षद बहुमत से मेयर और डिप्टी मेयर चुनते थे. लेकिन, संशोधन के तहत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा होने वाले चुनाव के माध्यम से मतदाता मुख्य पार्षद से लेकर मेयर तक को चुनेंगे. धारा 25 में महापौर और उपमहापौर के खिलाफ एक तिहाई पार्षद को अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान था लेकिन अब संशोधन के बाद यह प्रावधान खत्म हो गया है.

संशोधित कानून बिहार के सभी नगर निकायों पर लागू होगा. उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अध्यादेश जारी किये जाने की पुष्टि की है. नगर पालिका संशोधन अध्यादेश के मुताबिक, अब मेयर और उप मेयर के साथ विभिन्न नगर निकायों के प्रमुख भी सीधे जनता से चुने जाएंगे, उनका अलग निर्वाचन होगा. अब तक जनप्रतिनिधि ही अपने मुख्य पार्षद या उप मुख्य पार्षद का चुनाव करते थे. लेकिन नए संशोधन अध्यादेश के लागू होने के बाद अब मेयर और उप मेयर का चुनाव जनता करेगी. इसी वर्ष अप्रैल-मई में बिहार में नगर निकायों के चुनाव होने वाले हैं. इस संशोधन के बाद अब किसी मेयर या उप मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकेगा.

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 महामहिम राज्यपाल के आदेश के बाद लागू हो गया है. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश के लागू हो जाने से राज्य के शहरी निकायों में नगरीय विकास एवं शहरों के विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य के शहरों के विकास हेतु कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं और संचालित योजनाओं के समुचित अनुश्रवण एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रतिबद्ध प्रयास किए हैं. बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 बिहार सरकार द्वारा उठाए गए उन महत्वपूर्ण कदमों में से एक है. उन्होंने कहा कि शहरी निकाय के जनप्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं द्वारा चुने जाने से जनता के प्रति उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी एवं शहरों के विकास हेतु चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजना और परियोजनाओं में गति आएगी.

यह भी पढ़ें - बिहार विधान परिषद चुनावः RJD-कांग्रेस में बनेगी बात? राह कितनी मुश्किल, कितनी आसान

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पटना: बिहार में इस साल होने वाले शहरी निकाय चुनाव में नगर निगमों के मेयर और उप मेयर के साथ विभिन्न नगर निकायों के प्रमुख का चुनाव अब सीधे जनता करेगी. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Governor Phagu Chauhan) ने गुरुवार को बिहार नगरपालिका संशोधन अध्यादेश 2022 (Bihar Municipal Ordinance 2022) को मंजूरी दे दी है. इसके बाद इसे बिहार गजट में प्रकाशित कर दिया गया है. इसके साथ ही इसी वर्ष होने वाले नगर पालिका चुनाव में यह लागू हो जाएगा.

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15 साल के बाद बिहार नगरपालिका कानून में संशोधन (Amendment in Bihar Municipal Act) किया गया है. इस अध्यादेश को बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 कहा जायेगा. जानकारी के अनुसार नगरपालिका कानून के दो धाराओं में संशोधन किया गया है. इसके साथ ही कुछ नई धाराएं भी जोड़ी गई हैं. धारा 23 (1) और धारा 25 को बदल दिया गया है. धारा 23 (1) में पहले पार्षद बहुमत से मेयर और डिप्टी मेयर चुनते थे. लेकिन, संशोधन के तहत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा होने वाले चुनाव के माध्यम से मतदाता मुख्य पार्षद से लेकर मेयर तक को चुनेंगे. धारा 25 में महापौर और उपमहापौर के खिलाफ एक तिहाई पार्षद को अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान था लेकिन अब संशोधन के बाद यह प्रावधान खत्म हो गया है.

संशोधित कानून बिहार के सभी नगर निकायों पर लागू होगा. उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अध्यादेश जारी किये जाने की पुष्टि की है. नगर पालिका संशोधन अध्यादेश के मुताबिक, अब मेयर और उप मेयर के साथ विभिन्न नगर निकायों के प्रमुख भी सीधे जनता से चुने जाएंगे, उनका अलग निर्वाचन होगा. अब तक जनप्रतिनिधि ही अपने मुख्य पार्षद या उप मुख्य पार्षद का चुनाव करते थे. लेकिन नए संशोधन अध्यादेश के लागू होने के बाद अब मेयर और उप मेयर का चुनाव जनता करेगी. इसी वर्ष अप्रैल-मई में बिहार में नगर निकायों के चुनाव होने वाले हैं. इस संशोधन के बाद अब किसी मेयर या उप मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी नहीं लाया जा सकेगा.

बिहार के उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 महामहिम राज्यपाल के आदेश के बाद लागू हो गया है. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश के लागू हो जाने से राज्य के शहरी निकायों में नगरीय विकास एवं शहरों के विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य के शहरों के विकास हेतु कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं और संचालित योजनाओं के समुचित अनुश्रवण एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रतिबद्ध प्रयास किए हैं. बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 बिहार सरकार द्वारा उठाए गए उन महत्वपूर्ण कदमों में से एक है. उन्होंने कहा कि शहरी निकाय के जनप्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं द्वारा चुने जाने से जनता के प्रति उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी एवं शहरों के विकास हेतु चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजना और परियोजनाओं में गति आएगी.

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Last Updated : Jan 14, 2022, 3:35 PM IST
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