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राज्यपाल फागू चौहान ने ऑक्टेव 2019 उत्सव का किया उद्घाटन, कई राज्यों के प्रतिभागी लेंगे हिस्सा

ऑक्टेव उत्सव शाम 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक बापू सभागार में आयोजन किया जा रहा है. लोगों के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है.

पटना
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Published : Dec 12, 2019, 9:54 PM IST

पटना: राजधानी में ऑक्टेव 2019 कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसका उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान ने किया. इसमें कई राज्यों के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. इस दौरान कई राजनीतिक दिग्गज भी मौजूद रहे. बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग के तरफ से इसका आयोजन किया गया है.

पटना के बापू सभागार में उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों के कला और संस्कृति का ऑक्टेव 2019 उत्सव का उद्घाटन हुआ. 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक यह कार्यक्रम रहेगा. इस कार्यक्रम में असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय और त्रिपुरा सहित उत्तर पूर्व के सभी राज्यों के कलाकार भाग ले रहे हैं.

'यहां विविधता में है एकता'
इस दौरान राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि यहां विविधता में एकता है. सबसे ज्यादा गांव में ही कलाकार पैदा होते हैं. कला गांव में छुपी हुई है. बिहार सरकार वैसे कलाकारों को मौका दे, जिन्हे कोई नहीं जानता है. ऐसे कार्यक्रम का आयोजन से संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता है. साथ ही उन्होंने गांव में प्रचलित नाच 'चैता' को मंच देने को कहा.

राज्यपाल फागू चौहान का बयान

ये भी पढ़ें: राम-जानकी सर्किट का बेसब्री से हो रहा है इंतजार, अयोध्या से जनकपुर की राह होगी आसान

'लोगों के लिए प्रवेश निशुल्क'
बता दें कि यह ऑक्टेव उत्सव शाम 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक बापू सभागार में आयोजन किया जा रहा है. लोगों के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है. इस कार्यक्रम में लोक नृत्य, लोक गायन और लोक कला की प्रस्तुति की जाएगी. इस उत्सव में कई राज्यों के प्रतिभागी प्रस्तुति करेंगे.

पटना: राजधानी में ऑक्टेव 2019 कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इसका उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान ने किया. इसमें कई राज्यों के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. इस दौरान कई राजनीतिक दिग्गज भी मौजूद रहे. बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग के तरफ से इसका आयोजन किया गया है.

पटना के बापू सभागार में उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों के कला और संस्कृति का ऑक्टेव 2019 उत्सव का उद्घाटन हुआ. 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक यह कार्यक्रम रहेगा. इस कार्यक्रम में असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय और त्रिपुरा सहित उत्तर पूर्व के सभी राज्यों के कलाकार भाग ले रहे हैं.

'यहां विविधता में है एकता'
इस दौरान राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि यहां विविधता में एकता है. सबसे ज्यादा गांव में ही कलाकार पैदा होते हैं. कला गांव में छुपी हुई है. बिहार सरकार वैसे कलाकारों को मौका दे, जिन्हे कोई नहीं जानता है. ऐसे कार्यक्रम का आयोजन से संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता है. साथ ही उन्होंने गांव में प्रचलित नाच 'चैता' को मंच देने को कहा.

राज्यपाल फागू चौहान का बयान

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'लोगों के लिए प्रवेश निशुल्क'
बता दें कि यह ऑक्टेव उत्सव शाम 5 बजे से लेकर रात 10 बजे तक बापू सभागार में आयोजन किया जा रहा है. लोगों के लिए प्रवेश निशुल्क रखा गया है. इस कार्यक्रम में लोक नृत्य, लोक गायन और लोक कला की प्रस्तुति की जाएगी. इस उत्सव में कई राज्यों के प्रतिभागी प्रस्तुति करेंगे.

Intro:एंकर पटना के बापू सभागार में उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों के कला और संस्कृति का एक उत्सव ऑक्टेव 2019 का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने किया इस अवसर पर कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहे 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में असम नागालैंड अरुणाचल प्रदेश पश्चिम बंगाल सिक्किम मेघालय त्रिपुरा सहित उत्तर पूर्व के सभी राज्यों के कलाकार भाग ले रहे हैं लगातार तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में लोक नृत्य लोक गायन और लोक कला की प्रस्तुति इन कलाकारों द्वारा दिया जाना है कला संस्कृति विभाग बिहार सरकार द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है यह कार्यक्रम शाम 5:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक बापू सभागार में होगा जिसमें आम जनों के लिए भी प्रवेश निशुल्क रखा गया है आज के कार्यक्रम में असम सिक्किम और नागालैंड के कलाकारों ने लोक नृत्य और लोक गीत प्रस्तुत किया


Body: कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि भारत में विविधता में एकता है और सबसे ज्यादा गांव में ही कलाकार पैदा होते हैं और कला गांव छुपी हुई है इसीलिए हमारी इच्छा है कि उन कला को मंच बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग दें जिन्हें कोई नहीं जानता है उन्होंने कहा कि गांव में प्रचलित नाच चैता को मंच दिया जाए जिससे कि हमारी संस्कृति जीवंत रहेगी उन्होंने कहा कि आज यह कार्यक्रम पटना में आयोजित हो रहा है इससे हमें काफी प्रसन्नता हो रही है और ऐसे कार्यक्रम का आयोजन से संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता है और लोक संगीत और नृत्य जीवंत रखने का यह भी एक तरीका है


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