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शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में होगा बड़ा बदलाव, सरकार कसने जा रही है मनमानी पर नकेल

शिक्षक नियोजन में मेरिट लिस्ट से लेकर नियोजन पत्र देने तक हर जगह धांधली आम बात रही है. लेकिन अब शिक्षा विभाग बहाली प्रक्रिया में पूरी तरह बदलाव करने जा रहा है. इसमें आवेदन लेने से लेकर मेरिट लिस्ट तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. पेश है खास रिपोर्ट...

शिक्षक नियोजन
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Published : Apr 17, 2021, 10:23 PM IST

Updated : Apr 18, 2021, 9:08 PM IST

पटना: बिहार में शिक्षक बहाली यानी पग-पग पर परेशानी. चाहे आवेदन का मामला हो या फिर काउंसलिंग. मेरिट लिस्ट से लेकर नियोजन पत्र देने तक, हर जगह धांधली और अभ्यर्थियों की परेशानी आम बात रही है. लेकिन अब शिक्षा विभाग बहाली प्रक्रिया में पूरी तरह बदलाव करने जा रहा है. इससे आवेदन लेने से लेकर मेरिट लिस्ट तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और साथ में अभ्यर्थियों की सारी परेशानी भी दूर हो जाएगी.

ये भी पढ़ेंः शिक्षक नियोजन: सरकार से टूट रहा भरोसा, बार-बार आश्वासन से ऊब चुके हैं अभ्यर्थी

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक जिस तरह से शिक्षक नियोजन होता रहा है उसमें पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक तमाम तरह की शिकायतें आती हैं. जिनमें प्रमुख तौर पर मेरिट लिस्ट बनाने में गड़बड़ी और नियोजन के समय बरती जाने वाली अनियमितता प्रमुख है. फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

वर्तमान प्रक्रिया के दोष

  • एक अभ्यर्थी को 8000 से ज्यादा नियोजन इकाइयों में अलग-अलग आवेदन देना होता है.
  • अभ्यर्थियों के समय और पैसे की बर्बादी होती है.
  • आवेदन देने के बाद भी जो लिस्ट तैयार होती है, उसमें तमाम तरह की गड़बड़ियां होती हैं.
  • पंचायत स्तर पर और प्रखंड और कई बार नगर निकाय स्तर पर भी मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी और फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियोजन की बात कई बार सामने आ चुकी है.
  • पूर्व में बिना लिस्ट बनाए ही पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर अभ्यर्थियों की शिक्षक के पद पर बहाली की शिकायत के मद्देनजर निगरानी की जांच चल रही है.
  • वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में एक ही अभ्यर्थी हजारों नियोजन इकाइयों में मेरिट लिस्ट में टॉप पर होता है जिसके कारण अन्य अभ्यर्थियों को नियोजन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है.
  • एक नियोजन प्रक्रिया में कम से कम 2 से 3 साल लग जाते हैं.
  • पंचायत स्तर पर बहाली होने के कारण शिक्षा विभाग का सीधा नियंत्रण नियोजन इकाइयों पर नहीं होता.
  • शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों की बहाली या उनके सर्टिफिकेट से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं.

पूर्व की गलतियों से सीख
इन तमाम शिकायतों के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने अब भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है. शिक्षा विभाग के मुताबिक सातवें चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसके तहत ना सिर्फ आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे बल्कि अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट भी ऑनलाइन तैयार की जाएगी. इससे एक बड़ा फायदा अभ्यर्थियों को भी होगा जिन्हें सेंट्रलाइज आवेदन करने के कारण सभी जगह जाकर आवेदन नहीं करना पड़ेगा.

इससे समय और पैसे की बर्बादी नहीं होगी और साथ ही आवेदन की प्रक्रिया फुलप्रूफ होगी. यही नहीं, जब मेरिट लिस्ट ऑनलाइन तैयार होगी और अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट भी सेंट्रलाइज तरीके से शिक्षा विभाग के पास जाएंगे तो गड़बड़ी की आशंका नहीं रह जाएगी और तब फ्री एंड फेयर तरीके से तय समय में शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी.

शिक्षक अभ्यर्थी को सुनें

वर्तमान नियोजन में भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा विभाग
शिक्षा विभाग यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वर्तमान छठे चरण के नियोजन में भी शिक्षकों को नियोजन पत्र देने से पहले उनके सर्टिफिकेट और मेरिट लिस्ट की पूरी जांच कराई जाएगी ताकि कहीं कोई गड़बड़ी न हो. फर्जी सर्टिफिकेट पर किसी शिक्षक की बहाली ना हो. इसके लिए काउंसलिंग के बाद जिन शिक्षक अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र मिलेगा, उनके सर्टिफिकेट को पहले वेरीफाई किया जाएगा और उसके बाद ही उन्हें स्कूल में ज्वाइन करने की परमिशन मिल पाएगी.

दरअसल छठे चरण में करीब 90700 प्राथमिक शिक्षक और करीब 30,000 माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन होना है. यह नियोजन प्रक्रिया पटना हाईकोर्ट में एक मामला लंबित होने के कारण रुकी पड़ी है. नेत्र दिव्यांग मामले में पटना हाईकोर्ट ने बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर स्टे लगाया हुआ है. पटना हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षा विभाग अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट को वेरीफाई करने के बाद ही उन्हें फाइनल जॉइनिंग लेटर सौंपेगा.

वर्तमान छठे चरण के नियोजन में तमाम तरह की प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी नियोजन का इंतजार कर रहे एक ऐसे ही शिक्षक अभ्यर्थी ने शिक्षा विभाग की इस नई योजना का स्वागत किया है. शिक्षक अभ्यर्थी पप्पू कुमार ने कहा कि यह स्वागत योग्य है. इससे समय और पैसे की बचत होगी. गड़बड़ी की आशंका भी नहीं रह जाएगी. लेकिन छठे चरण के नियोजन में भी सरकार को जल्द से जल्द नियोजन पत्र अभ्यर्थियों को सौंपना चाहिए और इसके बाद जॉइनिंग से पहले सभी उम्मीदवारों की प्रमाणपत्रों की जांच सही तरीके से करानी चाहिए.

क्या होंगे फायदे

  • ऑनलाइन सेन्ट्रलाइज आवेदन प्रक्रिया
  • एक ही बार से सभी पदों के लिए हो जाएगा आवेदन
  • हर पंचायत, प्रखंड और नगर निकाय में जाने का झंझट खत्म
  • पंचायत स्तर पर गलत तरीके से बहाली नहीं हो पाएगी
  • शिक्षा विभाग के पास होगा पूरा आंकड़ा और अभ्यर्थियों का ब्योरा
  • मेरिट लिस्ट ऑनलाइन बनने से होगा फेयर सिलेक्शन
  • एक बार में ही प्राथमिकता के आधार पर सभी पदों पर हो जाएगी बहाली
  • शिक्षकों के सर्टिफिकेट को वेरिफाई करना होगा आसान
  • फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

पटना: बिहार में शिक्षक बहाली यानी पग-पग पर परेशानी. चाहे आवेदन का मामला हो या फिर काउंसलिंग. मेरिट लिस्ट से लेकर नियोजन पत्र देने तक, हर जगह धांधली और अभ्यर्थियों की परेशानी आम बात रही है. लेकिन अब शिक्षा विभाग बहाली प्रक्रिया में पूरी तरह बदलाव करने जा रहा है. इससे आवेदन लेने से लेकर मेरिट लिस्ट तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और साथ में अभ्यर्थियों की सारी परेशानी भी दूर हो जाएगी.

ये भी पढ़ेंः शिक्षक नियोजन: सरकार से टूट रहा भरोसा, बार-बार आश्वासन से ऊब चुके हैं अभ्यर्थी

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक जिस तरह से शिक्षक नियोजन होता रहा है उसमें पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक तमाम तरह की शिकायतें आती हैं. जिनमें प्रमुख तौर पर मेरिट लिस्ट बनाने में गड़बड़ी और नियोजन के समय बरती जाने वाली अनियमितता प्रमुख है. फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

वर्तमान प्रक्रिया के दोष

  • एक अभ्यर्थी को 8000 से ज्यादा नियोजन इकाइयों में अलग-अलग आवेदन देना होता है.
  • अभ्यर्थियों के समय और पैसे की बर्बादी होती है.
  • आवेदन देने के बाद भी जो लिस्ट तैयार होती है, उसमें तमाम तरह की गड़बड़ियां होती हैं.
  • पंचायत स्तर पर और प्रखंड और कई बार नगर निकाय स्तर पर भी मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी और फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियोजन की बात कई बार सामने आ चुकी है.
  • पूर्व में बिना लिस्ट बनाए ही पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर अभ्यर्थियों की शिक्षक के पद पर बहाली की शिकायत के मद्देनजर निगरानी की जांच चल रही है.
  • वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में एक ही अभ्यर्थी हजारों नियोजन इकाइयों में मेरिट लिस्ट में टॉप पर होता है जिसके कारण अन्य अभ्यर्थियों को नियोजन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है.
  • एक नियोजन प्रक्रिया में कम से कम 2 से 3 साल लग जाते हैं.
  • पंचायत स्तर पर बहाली होने के कारण शिक्षा विभाग का सीधा नियंत्रण नियोजन इकाइयों पर नहीं होता.
  • शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों की बहाली या उनके सर्टिफिकेट से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं.

पूर्व की गलतियों से सीख
इन तमाम शिकायतों के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने अब भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है. शिक्षा विभाग के मुताबिक सातवें चरण की शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसके तहत ना सिर्फ आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे बल्कि अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट भी ऑनलाइन तैयार की जाएगी. इससे एक बड़ा फायदा अभ्यर्थियों को भी होगा जिन्हें सेंट्रलाइज आवेदन करने के कारण सभी जगह जाकर आवेदन नहीं करना पड़ेगा.

इससे समय और पैसे की बर्बादी नहीं होगी और साथ ही आवेदन की प्रक्रिया फुलप्रूफ होगी. यही नहीं, जब मेरिट लिस्ट ऑनलाइन तैयार होगी और अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट भी सेंट्रलाइज तरीके से शिक्षा विभाग के पास जाएंगे तो गड़बड़ी की आशंका नहीं रह जाएगी और तब फ्री एंड फेयर तरीके से तय समय में शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी.

शिक्षक अभ्यर्थी को सुनें

वर्तमान नियोजन में भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा विभाग
शिक्षा विभाग यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वर्तमान छठे चरण के नियोजन में भी शिक्षकों को नियोजन पत्र देने से पहले उनके सर्टिफिकेट और मेरिट लिस्ट की पूरी जांच कराई जाएगी ताकि कहीं कोई गड़बड़ी न हो. फर्जी सर्टिफिकेट पर किसी शिक्षक की बहाली ना हो. इसके लिए काउंसलिंग के बाद जिन शिक्षक अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र मिलेगा, उनके सर्टिफिकेट को पहले वेरीफाई किया जाएगा और उसके बाद ही उन्हें स्कूल में ज्वाइन करने की परमिशन मिल पाएगी.

दरअसल छठे चरण में करीब 90700 प्राथमिक शिक्षक और करीब 30,000 माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन होना है. यह नियोजन प्रक्रिया पटना हाईकोर्ट में एक मामला लंबित होने के कारण रुकी पड़ी है. नेत्र दिव्यांग मामले में पटना हाईकोर्ट ने बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पर स्टे लगाया हुआ है. पटना हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षा विभाग अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट को वेरीफाई करने के बाद ही उन्हें फाइनल जॉइनिंग लेटर सौंपेगा.

वर्तमान छठे चरण के नियोजन में तमाम तरह की प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी नियोजन का इंतजार कर रहे एक ऐसे ही शिक्षक अभ्यर्थी ने शिक्षा विभाग की इस नई योजना का स्वागत किया है. शिक्षक अभ्यर्थी पप्पू कुमार ने कहा कि यह स्वागत योग्य है. इससे समय और पैसे की बचत होगी. गड़बड़ी की आशंका भी नहीं रह जाएगी. लेकिन छठे चरण के नियोजन में भी सरकार को जल्द से जल्द नियोजन पत्र अभ्यर्थियों को सौंपना चाहिए और इसके बाद जॉइनिंग से पहले सभी उम्मीदवारों की प्रमाणपत्रों की जांच सही तरीके से करानी चाहिए.

क्या होंगे फायदे

  • ऑनलाइन सेन्ट्रलाइज आवेदन प्रक्रिया
  • एक ही बार से सभी पदों के लिए हो जाएगा आवेदन
  • हर पंचायत, प्रखंड और नगर निकाय में जाने का झंझट खत्म
  • पंचायत स्तर पर गलत तरीके से बहाली नहीं हो पाएगी
  • शिक्षा विभाग के पास होगा पूरा आंकड़ा और अभ्यर्थियों का ब्योरा
  • मेरिट लिस्ट ऑनलाइन बनने से होगा फेयर सिलेक्शन
  • एक बार में ही प्राथमिकता के आधार पर सभी पदों पर हो जाएगी बहाली
  • शिक्षकों के सर्टिफिकेट को वेरिफाई करना होगा आसान
  • फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
Last Updated : Apr 18, 2021, 9:08 PM IST
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