पटना : कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच डॉक्टर भगवान बनकर उभरे हैं. इस आपात परिस्थिति में भी स्वास्थ्य कर्मी पूरी निष्ठा के साथ लोगों की सेवा में जुटे हैं. इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. क्योंकि वे लोग लगातार कोरोना वायरस के पीड़ित के संपर्क में रहते हैं.
इसको देखते हुए राज्य सरकार ने सभी सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों को चाहे वो डॉक्टर हो, लैब टेक्नीशियन हो या पैरामेडिक्स के स्टाफ हो सभी को 1 महीने का बोनस देने का फैसला लिया है. लेकिन राज्य में अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी संविदा पर काम करने वाले हैं. स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार की ओर से संविदा पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कुछ घोषणा नहीं किए जाने को लेकर वह सरकार से नाराज चल रहे हैं.
'लैब टेक्नीशियन को है वायरस का सबसे अधिक खतरा'
संविदा पर काम करने वाले लैब टेक्नीशियन संजीव कुमार ने बताया कि वे लोग बिहार के सभी जिलों में कोरोना वायरस के संदिग्धों का सैंपल कलेक्ट कर लैब में जांच के लिए भेजते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को एक महीने का मूल वेतन एक पारितोषिक के रूप में देने का फैसला लिया है. इस निर्णय का वह स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि मगर बिहार में बहुत सारे कर्मचारी अनुबंध पर काम कर रहे हैं और सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया है. वहीं, उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रमण का खतरा लैब टेक्नीशियन को है. उन्हें सैंपल कलेक्ट करने के लिए डोर टू डोर जाना पड़ता है. लेकिन उन्हें किसी प्रकार का कोई पारिवारिक सुरक्षा नहीं मिला है.
'स्वास्थ्य कर्मियों का एक करोड़ का कराएं बीमा'
बिहार अनुबंधित लैब टेक्नीशियन और पारा मेडिकल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत कुमार ने बताया कि बिहार के सभी सरकारी अस्पताल में संविदा पर लगभग 700 लैब टेक्नीशियन पिछले 10 साल से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1 हजार लैब टेक्नीशियन लगभग हैं और अधिकांश संख्या संविदा पर काम करने वाले कर्मियों की है. लेकिन जो लैब टेक्नीशियन नियमित हैं, उन्हें एक माह का प्रोत्साहन राशि और बीमा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को भी इस बात को लेकर पत्र लिखा है और मांग किया है कि दिल्ली सरकार की तरह राज्य सरकार भी संविदा पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का एक करोड़ का बीमा कराएं.
'लैब टेक्नीशियन को किया जाए नियमित'
सुरजीत कुमार ने बताया कि 1 हजार 772 रिक्त पदों के विरुद्ध बिहार में मात्र 700 लैब टेक्नीशियन संविदा पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी लैब टेक्नीशियन की काउंसलिंग बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कर ली गई है. लेकिन 2014 से आज तक उनका साक्षात्कार नहीं लिया गया है. उन्होंने सरकार से अभी मांग किया कि अविलंब बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सभी संविदा पर काम करने वाले लैब टेक्नीशियन को नियमित किया जाए.