पटना: कोरोना के दूसरे लहर के चलते बिहार में संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. पिछले 24 घंटे में 21 मरीज की जान गई है. कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में जगह कम पड़ने लगी है. स्थिति यह है कि पटना के सभी सरकारी अस्पताल के बेड फुल हो गए हैं. नए मरीज को भर्ती होने के लिए पहले से भर्ती मरीज के स्वस्थ्य होने का इंतजार करना पड़ रहा है.
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सरकारी अस्पतालों के सभी 359 बेड फुल
पटना जिला में कोरोना के मरीजों के लिए इलाज के लिए वर्तमान में 1092 बेड हैं. इनमें से बेड पर 832 मरीज एडमिट हैं. सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 359 बेड उपलब्ध हैं. ये सभी बेड फूल हैं. वहीं, जिले के 37 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 733 बेड उपलब्ध हैं, जिनमें से 473 बेड फुल हैं और 260 बेड खाली हैं.
बढ़ाई जा रही बेड की संख्या
पीएमसीएच, एम्स और एनएमसीएच में कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा जिले में 10 आइसोलेशन सेंटर खोले गए हैं, जिसकी क्षमता 775 है. इनमें अभी 55 लोग रह रहे हैं. आइसोलेशन सेंटर में सभी बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था है.
ऑक्सीजन की नहीं है कमी
कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत बढ़ी है. जिला प्रशासन का दावा है कि अभी सभी कोविड-19 केयर सेंटर में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है. पटना में कोरोना मरीजों के लिए विभिन्न अस्पतालों में करीब 210 वेंटिलेटर हैं. दूसरी ओर कोरोना टीकाकरण की बात करें तो बुधवार को प्रदेश के अधिकांश वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों को टीका लगाया जा रहा है.
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