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डिप्टी CM के घर के सामने के अस्पताल का हाल, नहीं आते डॉक्टर, हर वक्त लटका रहता है ताला - मॉडल स्वाथ्य केंद्र रुकनपुरा

कोरोना काल ने बिहार के सरकारी अस्पतालों की बदहाली को उजागर कर दिया है. जिन अस्पतालों में डॉक्टर तैनात हैं वहां भी मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था नहीं. हालांकि सैकड़ों ऐसे अस्पताल भी हैं जहां हर वक्त ताला लगा रहता है. पटना के रुकनपुरा में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर के सामने भी ऐसा ही एक अस्पताल है.

Model Health Center rukanpura
मॉडल स्वाथ्य केंद्र रुकनपुरा
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Published : May 27, 2021, 6:14 PM IST

पटना: राजधानी के रुकनपुरा में एक ऐसा मॉडल सरकारी अस्पताल है, जहां डॉक्टर नदारद रहते हैं. बीमारों के इलाज के बदले अस्पताल के गेट पर हर वक्त ताला लटका रहता है. अस्पताल के सामने ही उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का आवास है.

यह भी पढ़ें- कोरोना की तीसरी लहर के लिए PMCH की अगर यही है तैयारी तो भगवान ही हैं मालिक

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मॉडल स्वाथ्य केंद्र की लचर व्यवस्था की शिकायत सरकारी महकमे के कई अधिकारियों से की गई. यहां तक कि इसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को भी है. इसके बाद भी अभी तक यहां इस अस्पताल की सुध लेने कोई नहीं आया. रोगियों के इलाज के काम आने के बदले अस्पताल जानवरों का डेरा बना हुआ है.

प्रभारी डॉक्टर देती हैं धमकी
प्रभारी डॉक्टर रूपा रानी और तीन नर्स इस अस्पताल में कार्यरत हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स कभी अस्पताल नहीं आते. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल आने के लिए कहने पर डॉक्टर शाहिबा एफआईआर करने की धमकी देती हैं. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि अस्पताल बंद रहने से हमलोगों को काफी परेशानी होती है. बीमार होने पर दूसरे अस्पताल में जाना पड़ता है. इस अस्पताल से हमलोगों को कभी न इलाज मिला और न दवा.

यह भी पढ़ें- लालू की फुलवरिया: लालू की मां के नाम पर बने अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव, मरीज किए जाते हैं रेफर

पटना: राजधानी के रुकनपुरा में एक ऐसा मॉडल सरकारी अस्पताल है, जहां डॉक्टर नदारद रहते हैं. बीमारों के इलाज के बदले अस्पताल के गेट पर हर वक्त ताला लटका रहता है. अस्पताल के सामने ही उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का आवास है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मॉडल स्वाथ्य केंद्र की लचर व्यवस्था की शिकायत सरकारी महकमे के कई अधिकारियों से की गई. यहां तक कि इसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को भी है. इसके बाद भी अभी तक यहां इस अस्पताल की सुध लेने कोई नहीं आया. रोगियों के इलाज के काम आने के बदले अस्पताल जानवरों का डेरा बना हुआ है.

प्रभारी डॉक्टर देती हैं धमकी
प्रभारी डॉक्टर रूपा रानी और तीन नर्स इस अस्पताल में कार्यरत हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स कभी अस्पताल नहीं आते. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल आने के लिए कहने पर डॉक्टर शाहिबा एफआईआर करने की धमकी देती हैं. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि अस्पताल बंद रहने से हमलोगों को काफी परेशानी होती है. बीमार होने पर दूसरे अस्पताल में जाना पड़ता है. इस अस्पताल से हमलोगों को कभी न इलाज मिला और न दवा.

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