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हिंदुस्तान की अनगिनत गाथाओं को खुद में समेटे है बिहार का गौरवशाली इतिहास

आज बिहार 107 साल का हो गया है. बिहार दिवस के पावन अवसर पर जानेंगे बिहार के गौरवशाली इतिहास के बारे में.

बिहार दिवस
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Published : Mar 22, 2019, 7:20 AM IST

पटना:बिहार का अपना गौरवशाली इतिहास है. देश के कई महत्वपूर्ण आंदोलनों और ऐतिहासिक घटनाक्रमों का यह केंद्र भी रहा है और गवाह भी. शायद इसलिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि अगर आपने बिहार के इतिहास को पूरा नहीं पढ़ा तो आपका भारत का इतिहास अधूरा रह जाएगा. तो आइये इस रिपोर्ट के जरिए इतिहास के पन्नों को खंगालने की कोशिश करते हैं.

यूं तो एक राज्य के रुप में बिहार की स्थापना 22 मार्च 1912 को हुई थी. लेकिन बिहार का इतिहास हजारों साल पुराना है. बिहार वास्तव में हिंदुस्तान के अनगिनत किस्सों को खुद में समेटे हुए है. बौध धर्मावलंबियों के यहां विहार करने के कारण इस राज्य का नाम बिहार पड़ा. इसी पावन भूमि पर महाबोधि मंदिर स्तिथ है. जब दुनिया के बहुत से हिस्सों में लोग पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते थे, तब शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में ही था.

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महापुरुषों की जन्मस्थली
बिहार के ही पावन भूमि पर अशोक, अजातशत्रु, बिम्बिसार और अन्य बहुत राजाओं का जन्म हुआ. आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म भी बिहार में ही हुआ है. भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी माता सीता, लव-कुश, भगवान बुद्ध, गुरु गोविद सिंह, भगवान महावीर, आचार्य चाणक्य और आर्यभट की जन्मभूमि बिहार है.

अंग, मगध और मौर्य का शासन
अगर शासन की बात करें तो अंग, मगध और वज्जीसंघ का शासन प्राचीन में रहा है. सम्राट अशोक के शासन करने की शैली विश्व में इतनी प्रसिद्ध हुई थी कि, एलेक्जेंडर (सिकंदर) ने अध्ययन करने के लिए अपने दूत मेगास्थनीज को पटना भेजा था. प्राचीन काल में पाटलीपुत्रा (पटना) भारत की राजधानी था. जबकि राजगीर क्षेत्र मौर्यकालीन राजा बिंबिसार की राजधानी हुआ करता था.

शेरशाह सूरी ने बनाया सबसे लम्बा रास्ता
मुगल काल में भारत की राजधानी दिल्ली थी और उस समय के सबसे लोकप्रिय शासक का नाम शेरशाह सूरी था. सासाराम जिले का नाम शेरशाह सूरी के नाम पर है. शेरशाह ने देश का सबसे लम्बा रास्ता बनवाया था. वहीं, मुगल के बाद ब्रिटिश का शासन शुरू हो गया था, उस समय बिहार बंगाल राज्य का हिस्सा हुआ करता था जिसका कंट्रोल कोलकाता से होता था.

सिपाही विद्रोह, सत्याग्रह और जेपी आंदोलन का केंद्र
महात्मा गांधी ने भारत में अपने पहले सत्याग्रह का संचालन वर्ष 1917 में बिहार के चंपारण जिले में किया था, जिसे चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजों के खिलाफ 1857 में हुई हुई पहली क्रांति की अगुवाई बिहार में भोजपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह ने ही की थी. वहीं, बिहार के ही सपूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इमरजेंसी के खिलाफ वर्ष 1974 में जेपी आंदोलन की शुरूआत की थी.

दुनिया का पहला गणतंत्र
वहीं, भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक चक्र और राष्ट्रीय ध्वज में चक्र अशोक के सिंह स्तंभ पर बने चक्र का है. दुनिया का सबसे पहला गणराज्य का उदय बिहार के वैशाली जिले में ही हुआ था. जयरामदास दौलतराम बिहार के प्रथम राज्यपाल और श्री कृष्ण सिंह बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री थे.

प्रगति के पथ पर बढ़ता बिहार
जाहिर है, बिहार का इतिहास काफी समृद्ध है. ऐसे में जरूरत है ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने, उन्हें संरक्षित करने की, ताकि परंपरा को प्रगति से जोड़ कर इतिहास को आगे ले जाया जा सके.

पटना:बिहार का अपना गौरवशाली इतिहास है. देश के कई महत्वपूर्ण आंदोलनों और ऐतिहासिक घटनाक्रमों का यह केंद्र भी रहा है और गवाह भी. शायद इसलिए ये कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि अगर आपने बिहार के इतिहास को पूरा नहीं पढ़ा तो आपका भारत का इतिहास अधूरा रह जाएगा. तो आइये इस रिपोर्ट के जरिए इतिहास के पन्नों को खंगालने की कोशिश करते हैं.

यूं तो एक राज्य के रुप में बिहार की स्थापना 22 मार्च 1912 को हुई थी. लेकिन बिहार का इतिहास हजारों साल पुराना है. बिहार वास्तव में हिंदुस्तान के अनगिनत किस्सों को खुद में समेटे हुए है. बौध धर्मावलंबियों के यहां विहार करने के कारण इस राज्य का नाम बिहार पड़ा. इसी पावन भूमि पर महाबोधि मंदिर स्तिथ है. जब दुनिया के बहुत से हिस्सों में लोग पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते थे, तब शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में ही था.

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महापुरुषों की जन्मस्थली
बिहार के ही पावन भूमि पर अशोक, अजातशत्रु, बिम्बिसार और अन्य बहुत राजाओं का जन्म हुआ. आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म भी बिहार में ही हुआ है. भगवान श्रीराम की अर्धांगिनी माता सीता, लव-कुश, भगवान बुद्ध, गुरु गोविद सिंह, भगवान महावीर, आचार्य चाणक्य और आर्यभट की जन्मभूमि बिहार है.

अंग, मगध और मौर्य का शासन
अगर शासन की बात करें तो अंग, मगध और वज्जीसंघ का शासन प्राचीन में रहा है. सम्राट अशोक के शासन करने की शैली विश्व में इतनी प्रसिद्ध हुई थी कि, एलेक्जेंडर (सिकंदर) ने अध्ययन करने के लिए अपने दूत मेगास्थनीज को पटना भेजा था. प्राचीन काल में पाटलीपुत्रा (पटना) भारत की राजधानी था. जबकि राजगीर क्षेत्र मौर्यकालीन राजा बिंबिसार की राजधानी हुआ करता था.

शेरशाह सूरी ने बनाया सबसे लम्बा रास्ता
मुगल काल में भारत की राजधानी दिल्ली थी और उस समय के सबसे लोकप्रिय शासक का नाम शेरशाह सूरी था. सासाराम जिले का नाम शेरशाह सूरी के नाम पर है. शेरशाह ने देश का सबसे लम्बा रास्ता बनवाया था. वहीं, मुगल के बाद ब्रिटिश का शासन शुरू हो गया था, उस समय बिहार बंगाल राज्य का हिस्सा हुआ करता था जिसका कंट्रोल कोलकाता से होता था.

सिपाही विद्रोह, सत्याग्रह और जेपी आंदोलन का केंद्र
महात्मा गांधी ने भारत में अपने पहले सत्याग्रह का संचालन वर्ष 1917 में बिहार के चंपारण जिले में किया था, जिसे चंपारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजों के खिलाफ 1857 में हुई हुई पहली क्रांति की अगुवाई बिहार में भोजपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह ने ही की थी. वहीं, बिहार के ही सपूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इमरजेंसी के खिलाफ वर्ष 1974 में जेपी आंदोलन की शुरूआत की थी.

दुनिया का पहला गणतंत्र
वहीं, भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक चक्र और राष्ट्रीय ध्वज में चक्र अशोक के सिंह स्तंभ पर बने चक्र का है. दुनिया का सबसे पहला गणराज्य का उदय बिहार के वैशाली जिले में ही हुआ था. जयरामदास दौलतराम बिहार के प्रथम राज्यपाल और श्री कृष्ण सिंह बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री थे.

प्रगति के पथ पर बढ़ता बिहार
जाहिर है, बिहार का इतिहास काफी समृद्ध है. ऐसे में जरूरत है ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने, उन्हें संरक्षित करने की, ताकि परंपरा को प्रगति से जोड़ कर इतिहास को आगे ले जाया जा सके.

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