पटनाः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत (Death due to poisonous liquor in Chhapra) के बाद विपक्ष में हंगामा मचा है. वहीं दूसरी ओर पटना विवि की छात्र-छात्राओं ने बिहार में शराबबंदी का समर्थन किया. सोमवार को पटना विश्वविद्यालय की छात्राओं ने गांधी मैदान से मौर्या लोक तक शराबबंदी को लेकर जागरुकता मार्च निकाला. छात्राओं ने कहा कि शराबबंदी प्रदेश के लिए बहुत सही है. जो चोरी छिपे बेच रहे हैं उनपर कार्रवाई हो रही है. शराबबंदी से प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित है.
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परिजनों को भी भुगतना पड़ रहा खामियाजाः पटना के मगध महिला कॉलेज की काउंसलर माहिरा फातिमा ने बताया कि शराबबंदी को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने को लेकर मार्च निकाला जा रहा है. मार्च के माध्यम से संदेश देने का काम किया जा रहा है, जो शराब पी रहा है वह अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहा है. साथ ही इसका खामियाजा उनके परिजनों को भी भुगतना पड़ रहा है.
घरेलू हिंसा में कमी आईः पटना विवि की छात्रा गौरी सिंह ने कहा कि शराबबंदी का परिणाम है कि घरेलू हिंसा में कमी आई है.महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं. शाम 7:00 बजे के बाद भी सड़कों पर बेफिक्र होकर घूमती हैं. लोग चोरी छुपे शराब पी रहे हैं, लेकिन उन्हें कानून का डर रह रहा है. पीकर लोग सड़क पर तमाशा नहीं कर रहे हैं. दुर्घटना में कमी आ रही है. महिला सशक्तिकरण हुआ है. इसलिए शराबबंदी प्रदेश में जारी रहना चाहिए.
लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस कर रहीः पटना विवि की छात्रा ईशा ने बताया कि शराबबंदी के खिलाफ प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रही है. आने वाले दिनों में उन्हें विश्वास है कि शराब प्रदेश में पूरी तरह से बंद हो जाएगी. अवैध रूप से शराब नहीं मिलेगा और प्रशासन इसके लिए कार्रवाई कर रही है. शराबबंदी प्रदेश के लिए बहुत सही है और इससे वह सभी और प्रदेश की बाकी लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं.
"पटना विश्वविद्यालय की लड़कियां शराब बंदी के समर्थन में जागरुकता रैली निकाल रही है. इसे वह अपना समर्थन दे रहे हैं. लड़कियों की आवाज है कि विपक्ष शराबबंदी के खिलाफ माहौल बनाकर प्रदेश में फिर से शराब को शुरू कराना चाहता है लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य गुजरात में भी शराब बंदी है. नरेंद्र मोदी भी शराबबंदी का समर्थन करते हैं." -नीतीश पटेल, प्रदेश अध्यक्ष, छात्र जदयू
"शराबबंदी बेहद सफल कार्यक्रम है और इससे प्रदेश में लड़कियां सशक्त हुईं हैं. शराबबंदी जारी रहना चाहिए और शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में बेटियों और महिलाओं के लिए यह फैसला लिया था." -आनंद मोहन, अध्यक्ष, पटना विवि छात्र संघ
छपरा में जहरीली शराब से 73 लोगों की मौत: बता दें कि छपरा में जहरीला पदार्थ पीने से करीब 73 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से 67 मौतों की पुष्टि संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से की गई है. सारण के मशरक थाना क्षेत्र, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें ज्यादा हुईं हैं. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, ये टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है.़