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पटना हाईकोर्ट से BPSC प्रश्नपत्र लीक मामले में इओयू को राहत नहीं - PATNA HIGH COURT

प्रश्न पत्र लीक मामले में निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने से पटना उच्च न्यायालय ने इंकार कर दिया. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 22, 2025, 8:32 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट से 67वीं बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में इओयू को राहत नहीं मिली हैं. कोर्ट ने इओयू की ओर से दायर क्रिमिनल रिवीजन को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसला को सही करार दिया है. जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने इस मामले पर सुनवाई की.

8 मई 2022 को हुई थी परीक्षा : दरअसल, ईओयू की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 8 मई 2022 को 67वीं बीपीएससी परीक्षा शुरू होने के पूर्व प्रश्नपत्र को वायरल किया गया था. उनका कहना था कि प्रदेश के विभिन्न सेंटरों पर 8 मई 2022 को 67वीं बीपीएससी परीक्षा का आयोजन किया गया था. सूचना मिली कि परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

Patna High Court
पटना हाईकोर्ट (Etv Bharat)

कैसे मामला पहुंचा कोर्ट? : आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज के अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बॉयकाट कर दिया. उन्होंने कहा कि वायरल प्रश्नपत्र और ओएमआर सीट को बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक को भेज दी गई. प्रश्नपत्र लीक की शिकायत पर अज्ञात ग्रुप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. सह अभियुक्त के बयान पर आवेदक को अभियुक्त बनाया गया, जिसे चुनौती दी गई. कोर्ट ने उसे आरोपमुक्त कर दिया.

HC ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा : इस आदेश की वैधता को इओयू ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट को बताया गया कि आवेदक अन्य अभियुक्तों के सम्पर्क में था. यही नहीं, उसने अपना मोबाइल फोन को तोड़ दिया था. कोर्ट ने इओयू की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद कहा कि प्रतिवादी के खिलाफ ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया, जिससे उसे दोषी ठहराया जा सके. कोर्ट ने निचली अदालत के आरोपमुक्त आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए इओयू की अर्जी को खारिज कर दिया.

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पटना : पटना हाईकोर्ट से 67वीं बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में इओयू को राहत नहीं मिली हैं. कोर्ट ने इओयू की ओर से दायर क्रिमिनल रिवीजन को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसला को सही करार दिया है. जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने इस मामले पर सुनवाई की.

8 मई 2022 को हुई थी परीक्षा : दरअसल, ईओयू की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 8 मई 2022 को 67वीं बीपीएससी परीक्षा शुरू होने के पूर्व प्रश्नपत्र को वायरल किया गया था. उनका कहना था कि प्रदेश के विभिन्न सेंटरों पर 8 मई 2022 को 67वीं बीपीएससी परीक्षा का आयोजन किया गया था. सूचना मिली कि परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

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कैसे मामला पहुंचा कोर्ट? : आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज के अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बॉयकाट कर दिया. उन्होंने कहा कि वायरल प्रश्नपत्र और ओएमआर सीट को बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक को भेज दी गई. प्रश्नपत्र लीक की शिकायत पर अज्ञात ग्रुप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. अनुसंधान के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. सह अभियुक्त के बयान पर आवेदक को अभियुक्त बनाया गया, जिसे चुनौती दी गई. कोर्ट ने उसे आरोपमुक्त कर दिया.

HC ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा : इस आदेश की वैधता को इओयू ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट को बताया गया कि आवेदक अन्य अभियुक्तों के सम्पर्क में था. यही नहीं, उसने अपना मोबाइल फोन को तोड़ दिया था. कोर्ट ने इओयू की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद कहा कि प्रतिवादी के खिलाफ ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया, जिससे उसे दोषी ठहराया जा सके. कोर्ट ने निचली अदालत के आरोपमुक्त आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए इओयू की अर्जी को खारिज कर दिया.

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