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'कोई कुछ भी बोल ले फर्क नहीं पड़ता, NRC लागू होकर रहेगा' - ETV भारत से बोले गिरिराज

गिरिराज सिंह ने कहा कि साल 1971 में इंदिरा गांधी ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही थी. लेकिन, उनमें इच्छाशक्ति की कमी थी. वर्तमान सरकार और गृह मंत्री अमित शाह में इसकी कोई कमी नहीं है.

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Published : Nov 21, 2019, 5:16 PM IST

नई दिल्ली/पटना: एनआरसी को लेकर पूरे देश में सियासत तेज है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में एनआरसी को लेकर अपनी राय रखी. गिरिराज ने प्रशांत किशोर की तरफ से उठाए जा रहे सवाल पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है, इससे फर्क नहीं पड़ता है.

गिरिराज सिंह ने एनआरसी को देश के लिए अनिवार्य बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से एनआरसी लागू होना ही चाहिए. गिरिराज सिंह ने कहा कि साल 1971 में इंदिरा गांधी ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही थी. लेकिन, उनमें इच्छाशक्ति की कमी थी. वर्तमान सरकार और गृह मंत्री अमित शाह में इसकी कोई कमी नहीं है.

गिरिराज सिंह का बयान

गृह मंत्री अमित शाह एनआरसी के पक्ष में
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने भरी संसद में यह बात कही कि सरकार पूरे देश में एनआरसी लागू करने के पक्ष में है. एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी. किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है. जिसके बाद जेडीयू के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अमित शाह के बयान की आलोचना की.

यह भी पढ़ें: NRC पर PK को बीजेपी की दो टूक- 'आप CM नहीं, सहमत हों या असहमत कोई फर्क नहीं पड़ता'

पीके ने ट्वीट कर अमित शाह पर उठाया सवाल
प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा कि 'देश के 15 से अधिक राज्यों में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री हैं. ऐसे राज्यों में देश की 55 फीसदी जनता रहती है. क्या ऐसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय ली गई है कि वे अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं?

नई दिल्ली/पटना: एनआरसी को लेकर पूरे देश में सियासत तेज है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में एनआरसी को लेकर अपनी राय रखी. गिरिराज ने प्रशांत किशोर की तरफ से उठाए जा रहे सवाल पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है, इससे फर्क नहीं पड़ता है.

गिरिराज सिंह ने एनआरसी को देश के लिए अनिवार्य बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से एनआरसी लागू होना ही चाहिए. गिरिराज सिंह ने कहा कि साल 1971 में इंदिरा गांधी ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही थी. लेकिन, उनमें इच्छाशक्ति की कमी थी. वर्तमान सरकार और गृह मंत्री अमित शाह में इसकी कोई कमी नहीं है.

गिरिराज सिंह का बयान

गृह मंत्री अमित शाह एनआरसी के पक्ष में
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने भरी संसद में यह बात कही कि सरकार पूरे देश में एनआरसी लागू करने के पक्ष में है. एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी. किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है. जिसके बाद जेडीयू के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अमित शाह के बयान की आलोचना की.

यह भी पढ़ें: NRC पर PK को बीजेपी की दो टूक- 'आप CM नहीं, सहमत हों या असहमत कोई फर्क नहीं पड़ता'

पीके ने ट्वीट कर अमित शाह पर उठाया सवाल
प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा कि 'देश के 15 से अधिक राज्यों में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री हैं. ऐसे राज्यों में देश की 55 फीसदी जनता रहती है. क्या ऐसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय ली गई है कि वे अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं?

Intro:प्रशांत किशोर ने NRC पर उठाया सवाल, गिरिराज सिंह बोले- राष्ट्र हित के लिए जरूरी है एनआरसी

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में एनआरसी के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा है कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू करेंगे, किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है, यह,उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि सारे धर्म के जो शरणार्थी बाहर से आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाए




Body:अमित शाह ने कहा है कि सरकार चाहती है की पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए

वहीं बीजेपी की सहयोगी दल जदयू एनआरसी पर अलग स्टैंड अपनाई हुई है, वह काफी पहले से इसके विरोध में है, जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनआरसी के मुद्दे पर ट्वीट किया- '15 से अधिक राज्यों में गैर बीजेपी मुख्यमंत्री हैं और यह ऐसे राज्य हैं जहां देश की 55 फीसदी से अधिक जनसंख्या है, आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से एनआरसी पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्य में इसे लागू कराने के लिए तैयार हैं'

वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और कुछ और विपक्षी दल एनआरसी के विरोध में हैं.


Conclusion:प्रशांत किशोर के ट्वीट पर गिरिराज सिंह ने कहा कि कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है मुझे इससे मतलब नहीं है, एनआरसी देश के लिए अनिवार्य है

गिरिराज सिंह ने कहा कि 1971 में स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने भी कहा था कि हमारी जनसंख्या इतनी बढ़ रही है कि हम दूसरों का भार नहीं सह सकते हैं, गिरिराज सिंह ने कहा कि लेकिन इंदिरा गांधी में इच्छा शक्ति की कमी थी और उन्होंने वोट के आगे घुटने टेक दिए

गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह में राष्ट्र के लिए हिम्मत है और राष्ट्र हित के लिए विदेशी घुसपैठियों का हटना जरूरी है,जो सियासी दल देश का भला चाहती होंगी वह nrc का समर्थन करेंगी
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