नई दिल्ली/पटना: एनआरसी को लेकर पूरे देश में सियासत तेज है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में एनआरसी को लेकर अपनी राय रखी. गिरिराज ने प्रशांत किशोर की तरफ से उठाए जा रहे सवाल पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है, इससे फर्क नहीं पड़ता है.
गिरिराज सिंह ने एनआरसी को देश के लिए अनिवार्य बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से एनआरसी लागू होना ही चाहिए. गिरिराज सिंह ने कहा कि साल 1971 में इंदिरा गांधी ने भी एनआरसी लागू करने की बात कही थी. लेकिन, उनमें इच्छाशक्ति की कमी थी. वर्तमान सरकार और गृह मंत्री अमित शाह में इसकी कोई कमी नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह एनआरसी के पक्ष में
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने भरी संसद में यह बात कही कि सरकार पूरे देश में एनआरसी लागू करने के पक्ष में है. एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी. किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है. जिसके बाद जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अमित शाह के बयान की आलोचना की.
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15 plus states with more than 55% of India’s population have non-BJP Chief Ministers. Wonder how many of them are consulted and are on-board for NRC in their respective states!!
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पीके ने ट्वीट कर अमित शाह पर उठाया सवाल
प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा कि 'देश के 15 से अधिक राज्यों में गैर-बीजेपी मुख्यमंत्री हैं. ऐसे राज्यों में देश की 55 फीसदी जनता रहती है. क्या ऐसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय ली गई है कि वे अपने राज्यों में इसे लागू करने के लिए तैयार हैं?