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गया में गंगाजल आपूर्ति योजना को एक साल पूरे, संजय झा ने कहा-'बिहार ने देश को जल प्रबंधन की दिशा में नई राह दिखाई'

Ganga Water Supply Scheme in Gaya बिहार के गया, बोधगया और राजगीर में गंगाजल आपूर्ति को एक साल पूरा हो गया है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि तमाम आशंकाओं को पीछे छोड़ते हुए, गंगा जल आपूर्ति योजना का पिछले एक साल का सफर शानदार रहा है. पढ़ें, विस्तार से,

गया गंगाजल आपूर्ति
गया गंगाजल आपूर्ति
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 27, 2023, 8:02 PM IST

पटना: जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 नवंबर 2022 को राजगीर में, जबकि 28 नवंबर 2022 को गया में गंगाजल आपूर्ति योजना की शुरुआत हुई थी. योजना के तहत राजगीर, गया और बोधगया के शहरी क्षेत्र के हर घर में प्रतिदिन गंगाजल की आपूर्ति हो रही है. इस वर्ष राजगीर मलमास मेला में पहुंचे करीब दो करोड़ और गयाजी धाम में पितृपक्ष मेला महासंगम में आये 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भी गंगाजल उपलब्ध कराया गया.

बाढ़ के पानी का सदुपयोगः गंगा नदी में बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनूठी परिकल्पना के अनुरूप 'गंगाजल आपूर्ति योजना' का क्रियान्वयन बिहार में पहली बार किया गया. संजय झा ने कहा कि जल संसाधन विभाग की इस योजना के तहत गंगा नदी में बाढ़ का जो पानी हर साल यूं ही व्यर्थ चला जाता था, उसे मॉनसून अवधि में लिफ्ट कर कुल 151 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिये दक्षिण बिहार के जल संकट वाले प्रमुख शहरों गया, बोधगया और राजगीर में पहुंचाया गया.

जलशोधन संयंत्र का निर्माणः इस पाइपलाइन को रास्ते में कई नदियों, रेलवे लाइनों, सड़कों, पुलों आदि से होकर गुजरना पड़ा. योजना के तहत गया और राजगीर में विशाल जलाशय के साथ-साथ जलशोधन संयंत्र का निर्माण किया गया है. जिनके जरिये गंगाजल को शोधित कर राजगीर, गया एवं बोधगया शहरों में नल के जरिये प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 135 लीटर गंगाजल उपलब्ध कराया जा रहा है. राजगीर में 8031, बोधगया में 6000 तथा गया में 75000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है.

मलमास मेला में गंगा जल उपलब्ध करायाः इस वर्ष राजगीर में 18 जुलाई से 16 अगस्त तक चले 'राजगीर मलमास मेला 2023' में पहुंचे करीब दो करोड़ श्रद्धालुओं को नल से गंगाजल उपलब्ध कराया गया. फिर गयाजी धाम में 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चले 'पितृपक्ष मेला महासंगम 2023' के दौरान देश-विदेश से आये 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भी गंगाजल उपलब्ध कराया गया.


"मुख्यमंत्री की अनूठी परिकल्पना को धरातल पर उतार कर जल संसाधन विभाग, बिहार ने देश को जल प्रबंधन की दिशा में नई राह दिखाई है. इस अनूठी योजना को केंद्र सरकार द्वारा स्थापित संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर (सीबीआईपी) द्वारा 'जल संसाधन के सर्वोत्तम कार्यान्वयन' की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री

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इसे भी पढ़ें-राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का लोकार्पण, सीएम बोले- 'सफल हुई तो पटना के लिए भी होगी प्लानिंग'

पटना: जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 नवंबर 2022 को राजगीर में, जबकि 28 नवंबर 2022 को गया में गंगाजल आपूर्ति योजना की शुरुआत हुई थी. योजना के तहत राजगीर, गया और बोधगया के शहरी क्षेत्र के हर घर में प्रतिदिन गंगाजल की आपूर्ति हो रही है. इस वर्ष राजगीर मलमास मेला में पहुंचे करीब दो करोड़ और गयाजी धाम में पितृपक्ष मेला महासंगम में आये 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भी गंगाजल उपलब्ध कराया गया.

बाढ़ के पानी का सदुपयोगः गंगा नदी में बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनूठी परिकल्पना के अनुरूप 'गंगाजल आपूर्ति योजना' का क्रियान्वयन बिहार में पहली बार किया गया. संजय झा ने कहा कि जल संसाधन विभाग की इस योजना के तहत गंगा नदी में बाढ़ का जो पानी हर साल यूं ही व्यर्थ चला जाता था, उसे मॉनसून अवधि में लिफ्ट कर कुल 151 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिये दक्षिण बिहार के जल संकट वाले प्रमुख शहरों गया, बोधगया और राजगीर में पहुंचाया गया.

जलशोधन संयंत्र का निर्माणः इस पाइपलाइन को रास्ते में कई नदियों, रेलवे लाइनों, सड़कों, पुलों आदि से होकर गुजरना पड़ा. योजना के तहत गया और राजगीर में विशाल जलाशय के साथ-साथ जलशोधन संयंत्र का निर्माण किया गया है. जिनके जरिये गंगाजल को शोधित कर राजगीर, गया एवं बोधगया शहरों में नल के जरिये प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 135 लीटर गंगाजल उपलब्ध कराया जा रहा है. राजगीर में 8031, बोधगया में 6000 तथा गया में 75000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है.

मलमास मेला में गंगा जल उपलब्ध करायाः इस वर्ष राजगीर में 18 जुलाई से 16 अगस्त तक चले 'राजगीर मलमास मेला 2023' में पहुंचे करीब दो करोड़ श्रद्धालुओं को नल से गंगाजल उपलब्ध कराया गया. फिर गयाजी धाम में 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चले 'पितृपक्ष मेला महासंगम 2023' के दौरान देश-विदेश से आये 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भी गंगाजल उपलब्ध कराया गया.


"मुख्यमंत्री की अनूठी परिकल्पना को धरातल पर उतार कर जल संसाधन विभाग, बिहार ने देश को जल प्रबंधन की दिशा में नई राह दिखाई है. इस अनूठी योजना को केंद्र सरकार द्वारा स्थापित संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर (सीबीआईपी) द्वारा 'जल संसाधन के सर्वोत्तम कार्यान्वयन' की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री

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