नई दिल्ली/पटना: पूर्व सांसद शरद यादव को सरकारी बंग्ला खाली करना पड़ेगा. केंद्र सरकार ने पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव (Former Union Minister Sharad Yadav) को निर्देश दिया है कि वे 15 दिनों के अंदर सरकारी आवास खाली करें. हाईकोर्ट ने ये आदेश शरद यादव से सरकारी बंगला खाली कराने की केंद्र सरकार की मांग पर सुनवाई करते हुए दिया है.
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हाईकोर्ट ने जारी किया था नोटिस: हाईकोर्ट ने 24 फरवरी को शरद यादव को नोटिस जारी किया था. केंद्र सरकार ने सिंगल बेंच के उस अंतरिम आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें शरद यादव को सरकारी आवास में रहने की छूट दी गई थी. शरद यादव ने 2017 में याचिका दायर कर अपनी अयोग्यता को चुनौती दी थी. ये याचिका अभी लंबित है. शरद यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि अयोग्य करार देने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.
शरद यादव ने किया दल-बदल कानून का उल्लंघन: शरद यादव की दलील का जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद ने विरोध करते हुए कहा था, कि शरद यादव ने दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है. शरद यादव और दूसरे राज्यसभा सांसद अली अनवर को 4 दिसंबर 2017 को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.
विपक्षी दलों के साथ हो गये थे शरद यादव: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़कर जब बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी तो शरद यादव विपक्षी दलों के साथ चले गए थे. इसके बाद जदयू ने राज्यसभा के सभापति से मांग की कि शरद यादव और अली अनवर ने स्वयं ही पार्टी छोड़कर विपक्षी दलों के कार्यक्रम में जाना शुरु कर दिया है, इसलिए उनकी राज्यसभा सदस्यता खत्म की जाए.
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