पटना: बिहार में नई सरकार गठन के बाद लगातार अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. जिसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोपों की राजनीति हो रही है. राज्य के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने तो यहां तक दिया है कि अपराधियों में पुलिस को खौफ खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि अपराधियों को यह लगे कि पकड़े गए तो बचेंगे नहीं तभी डरेंगे. पूर्व डीजीपी अभयानंद का कहना है कि अपराध नियंत्रण के लिए कानून में पर्याप्त व्यवस्था है और उन विधाओं का इस्तेमाल सही ढंग से किया जाए तो अपराध पर नियंत्रण हो सकता है और इसके अलावा दूसरा कोई उपाय भी नहीं है.
पुलिस का खौफ खत्म
पूर्व डीजीपी अभयानंद बिहार में क्राइम कंट्रोल के लिए जाने जाते हैं. लेकिन आज एक बार फिर से बिहार में लगातार आपराधिक घटनाएं हो रही हैं. अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है ऐसे में पूर्व डीजीपी अभयानंद का कहना है जब तक अपराधियों में इस तरह का डर नहीं होगा कि पकड़े जाएंगे तो बचेंगे नहीं तब तक अपराध की घटना कम होने वाली नहीं है.
सीएम की बैठक के बाद भी हत्याएं
कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से बिहार में सियासत शुरू है. जहां विपक्ष नीतीश सरकार को लगातार घेर रहा है. वहीं, सत्ताधारी दल सरकार का बचाव करने में लगी है. बिहार में सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बैठक कानून व्यवस्था को लेकर ही की थी . और 15 दिनों में ही दूसरी बैठक भी नीतीश कुमार ने कानून व्यवस्था को लेकर की. लेकिन दोनों बैठकों के बीच अपराधियों ने बड़ी घटना को अंजाम देकर एक तरह से नीतीश कुमार को चुनौती दे दी.
जिस-जिस दिन सीएम की बैठक, उसी दिन बड़ी वारदात
सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार सबसे पहले कानून व्यवस्था पर आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हैं तो उसी दिन राजधानी पटना में एक महिला को गोली मार दी जाती है. 2 दिन पहले जब नीतीश कुमार फिर से कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हैं तो दरभंगा में अपराधी दिनदहाड़े बड़ी लूट की घटना को अंजाम देते हैं. चावल मिल व्यवसाई के दो बेटों का भी इसी दिन अगवा कर लिया जाता है. पिछले 15 दिनों में इस तरह की कई घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया है और नीतीश कुमार को एक तरह से खुली चुनौती दी है. यही नहीं सहयोगी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल तो चंपारण में पुलिस अधिकारियों के रवैए पर ही सवाल खड़ा कर दिया था.
आरोपों की राजनीति
आरजेडी के नेता श्याम रजक का कहना है नीतीश कुमार स्टैपनी मुख्यमंत्री हैं. बैठक तो 2005 से कर रहे हैं लेकिन यह सिर्फ चेहरा चमकाने की बात है. वहीं सत्ताधारी दल जदयू के पूर्व संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि कुछ अपराध की घटनाएं जरूर बढ़ी है. लेकिन स्थितियां बदलेगी. नीतीश कुमार कानून व्यवस्था को लेकर पहले भी कभी समझौता नहीं किए हैं और आगे भी नहीं करेंगे. बीजेपी प्रवक्ता मृत्युंजय झा का भी कहना है यदि अपराधियों को लगता है कि आरजेडी को विधानसभा चुनाव में अधिक सीट मिल गया है. इसलिए कुछ भी कर लेंगे तो गलतफहमी में हैं.