पटना: सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई से जांच कराने की बढ़ती मांग के दबाव के बीच सीएम नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इसको लेकर बिहार के पूर्व डीजीपी एसके भारद्वाज ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि 'यह नीतीश सरकार का बेहद सराहनीय कदम है.'
पूर्व डीजीपी ने कहा कि 'बिहार सरकार की जांच सिफारिश के बाद सीबीआई को यह अधिकार है कि या तो वह इस केस की जांच की पड़ताल शुरू कर दे, या फिर यह लिखकर दे कि उनके पास कार्य बोझ ज्यादा है. जिस वजह से वह इस केस की जांच नहीं कर पाएंगे.'
'सीबीआई दर्ज करेगी एक और एफआईआर'
पूर्व डीजीपी एसके भारद्वाज ने बिहार सरकार की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री की जांच सिफारिश को सीबीआई मान लेती है, तो इस केस की शुरू से जांच करने के लिए सीबीआई फिर से एक एफआईआर दर्ज करेगी. जिसमें बिहार और मुंबई पुलिस को अभी तक जांच में जितने भी साक्ष्य मिले हैं. उसको अपने अंडर लेकर अलग-अलग एंगल से अपने स्तर से जांच करेगी. उसके बाद ही फाइनल रिपोर्ट आएगी.
'CBI कर सकती है जीरो एफआईआर'
एसके भारद्वाज ने आगे कहा कि सीबीआई एक जीरो एफआईआर दर्ज कर सकती है. इसका मतलब यह है कि इसका मतलब यह होता है कि 'कॉज ऑफ एक्शन' कहीं और होता है, उस केस से जुड़े लोगों का कहीं और बयान दर्ज होता है. उन्होंने बताया कि इस केस में सुशांत के कुछ बैंक खाते बिहार में थे और कुछ मुंबई में थे. इसके अलावे सुशांत का घर भी बिहार में ही है. उनके पिता बिहार में ही रहते है. ऐसे में यह मामला बिहार में दर्ज हुआ है. इसमें किसी को आपत्ति नहीं है.
उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह मामला अभी सोशल मीडिया से लेकर उनके चाहने वाले सभी लोगों के जेहन में है. यह मामला धीरे-धीरे हाईप्रोफाइल के साथ लोगों के भावनाओं से जुड़ रहा है. इसको देखते हुए सीबीआई इस केस को जरूर अपने हाथ में लेगी और निष्पक्ष जांच करेगी.
'मुंबई पुलिस का रवैया निंदनीय'
पूर्व डीजीपी ने इस केस में मुंबई पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अभी तक इस केस में मुंबई पुलिस का जिस तरह से रैवाया रहा है. वह निंदनीय है. मुंबई पुलिस को बिहार पुलिस की जांच टीम को पूरा सपोर्ट करना चाहिए था. उन्होनें मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार पुलिस की जांच टीम बीते 4-5 दिनों से इस केस की जांच मुबंई में कर रही थी. इसके बाद जब बिहार से कोई वरीय अधिकारी जांच के लिए मुंबई पहुंचा तो, मुंबई पुलिस का यह कह देना कि यह बिहार पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है. यह सारासर गलत है. अगर उनको इस मामले में एक्शन लेना ही था, तो वे पहले ही ले लेते. इसके अलावे उन्होंने बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट में एक और मामला दर्ज कराने की नसीहत भी दी.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि सुशांत मामले में उनके पिता केके सिंह ने बीते दिनों राजधानी पटना के राजीव नगर थाने में अभिनेत्री रिया और उनके परिजनों के खिलाफ 241/20 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद बिहार पुलिस की एक जांच टीम केस का अनुसंधान करने के लिए मुंबई पहुंची हुई थी. जहां मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस को जांच में सहयोग नहीं किया था. इसके बाद बिहार सरकार ने केस की जांच करने के लिए एक वरीय अधिकारी को जांच के लिए मुंबई भेजा था. जहां बिहार के पुलिस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया.
बता दें कि बिहार पुलिस ने सुशांत के फिल्म अभिनेत्री रिया और उनके परिजनों के अलावे 6 अन्य लोगों के ऊपर ईपीसी की धारा 341, 342, 306, 380, 406, 420, 506, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था. मामला दर्ज होते ही बिहार पुलिस की जांच टीम मुंबई पहुंची. जहां पुलिस ने केस से जुड़े कई लोगों से पूछताछ भी की थी.