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बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री और कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह (Former Minister Narendra Singh) का पटना में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वो पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे. उनके बेटे सुमित सिंह अभी नीतीश सरकार में मंत्री हैं.

नरेंद्र सिंह का निधन
नरेंद्र सिंह का निधन
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Published : Jul 4, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Jul 4, 2022, 3:37 PM IST

पटनाः बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह (Former Agriculture Minister Narendra Singh passed away) का पटना में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वो जमुई के भोड़ के रहने वाले थे. पटना के अपोलो हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे बिहार सरकार में स्वास्थ्य और कृषि मंत्री रह चुके थे. उनका जन्म 23 नवंबर 1947 को हुआ था. उनका अंतिम संस्कार जमुई के पकरी स्थित किऊल नदी तट पर होगा. सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः लालू यादव पारस हॉस्पिटल से डिस्चार्ज, सीढ़ी से गिरने के कारण कंधे की हड्डी में माइनर फ्रेक्चर

बिहार के कई नेताओं ने व्यक्त किया शोकः नरेंद्र सिंह के निधन पर सीएम नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह (Awadhesh Narayan Singh), पूर्व सीएम जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi), जेडीयू सासंद वशिष्ट नारायण सिंह, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री लेसी सिंह, मंत्री श्रवण कुमार, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी, स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी सहित कई नेताओं उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है. वहींस जेडीयू कार्यालय में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली दी गई.

सीएम नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा- "अपने पुराने साथी तथा मंत्रिमंडल के पूर्व सहयोगी श्री नरेन्द्र सिंह जी के निधन से मर्माहत हूं. वे 1974 के जे०पी० आंदोलन के प्रखर सेनानी थे. उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बेहद दुःख पहुंचा है. वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे"

  • अपने पुराने साथी तथा मंत्रिमंडल के पूर्व सहयोगी श्री नरेन्द्र सिंह जी के निधन से मर्माहत हूं। वे 1974 के जे०पी० आंदोलन के प्रखर सेनानी थे। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बेहद दुःख पहुंचा है। वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। (1/2)

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम नीतीश ने दी श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 पोलो रोड पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन से उन्हें व्यक्तिगत दुख पहुंचा है. पोलो रोड से पार्थिव शरीर को लेकर जेडीयू कार्यालय लाया गया और वहां पर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी.

हम संरक्षक जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, "मेरे दुख-सुख के साथी बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन की सूचना से स्तब्ध हूं. नरेन्द्र भाई जैसा योद्धा सदियों में जन्म लेतें हैं. आप इतनी जल्दी चले जाओगे ये सोचा नहीं था,आपकी कमी हमेशा खलेगी. श्रद्धांजलि "

  • मेरे दुख-सुख के साथी बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन की सूचना से स्तब्ध हूं।
    नरेन्द्र भाई जैसा योद्धा सदियों में जन्म लेतें हैं।
    आप इतनी जल्दी चले जाओगे ये सोचा नहीं था,आपकी कमी हमेशा खलेगी।
    श्रधांजलि।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लिखा- "पूर्व मंत्री समाजवादी नेता श्री नरेंद्र सिंह जी के निधन की खबर से अत्यंत दुःखी हूँ. मुझे हमेशा उनका स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा. वो गलत-सही को कहने से नहीं चुकते थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें. भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि"

  • पूर्व मंत्री समाजवादी नेता श्री नरेंद्र सिंह जी के निधन की खबर से अत्यंत दुःखी हूँ। मुझे हमेशा उनका स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। वो गलत-सही को कहने से नहीं चुकते थे।

    ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि! https://t.co/f6a6x4Xoik

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नेताओं ने दिया परिजनों को सांत्वनाः बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भी बिहार के लिए इसे एक बड़ी क्षति बताया है. श्रवण कुमार ने कहा कि वो 1974 आंदोलन के अग्रणी नेता थे, इस दुख की घड़ी में हम लोग उनके परिवार के साथ है. वहीं मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि उनके निधन से प्रदेश और देश ने एक कुशल राजनेता खो दिया है. नरेंद्र सिंह का जाना प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति के साथ-साथ उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है. नरेंद्र सिंह के साथ उनका व्यक्तिगत रिश्ता था और वह उनके अभिभावक तुल्य थे. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि नरेंद्र सिंह जेपी आंदोलन के सच्चे सिपाही थे, उनके निधन से बिहार की क्षति हुई है भाजपा नेता भी मर्म आहत हैं. लंबे समय तक नरेंद्र सिंह एनडीए का हिस्सा रहे. मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि नरेंद्र सिंह को मोक्ष मिले और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

एम्स में हुआ था लीवर का सफल ऑपरेशनः आपको बता दें कि बीते 29 मार्च को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का सफल ऑपरेशन हुआ था. उन्हें लीवर के ऊपर गांठ की समस्या थी. खुद उनके बेटे और बिहार सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा था कि पूर्व मंत्री निरंतर अपने राजनीतिक-सामाजिक दायित्व के समक्ष अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते रहे, तब सेहत ने साथ छोड़ दिया. उन्हें लीवर के ऊपर गांठ की समस्या थी.

सांस फूलने से भी रहते थे परेशानः पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से बीमार थे. 2 साल पहले भी काली मंदिर में दर्शन करने के दौरान गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. मंदिर में ही गिर गए और सांस फूलने लगी. तब उन्हें जमुई सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया था. उसके बाद भी छोटी-बड़ी समस्या आती रही. आपको बता दें कि जमुई से आने वाले नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद के बचपन के दोस्त थे और वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी करीबी माने जाते थे.

बिहार की राजनीति के मजबूत स्तंभ के नरेंद्र सिंहः पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह सिर्फ जमुई ही नहीं बल्कि बिहार की राजनीति के मजबूत स्तंभ थे. इस बात को उन्होंने 2005 में लोजपा से बगावत कर नीतीश कुमार की सरकार गठन में अहम भूमिका निभाकर साबित किया था. बगावती तेवर और जनहित के सवालों पर अधिकारियों के साथ कड़क अंदाज में पेश आना उनकी पहचान थी. तीन दशक तक जमुई की राजनीति की एक धूरी बने रहे नरेंद्र सिंह ने 21 फरवरी 1991 में जमुई को जिला का दर्जा दिला कर जमुई के विकास का जो सिलसिला शुरू किया, उसको लेकर आखिरी सांस तक चिंतित रहे. हाल के दिनों किसानों एवं मजदूरों के सवाल पर वे बिहार और दिल्ली की वर्तमान सरकार से खफा चल रहे थे.

1985 में पहली बार चुने गए थे विधायकः पूर्व मंत्री व स्वतंत्रता सेनानी समाजवादी नेता श्रीकृष्ण के पुत्र नरेंद्र सिंह पहली बार 1985 में कांग्रेस की टिकट पर चकाई विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए थे. 1990 में दूसरी बार निर्वाचित होकर लालू प्रसाद की सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ. हालांकि बगावती तेवर के कारण वे बहुत ज्यादा दिनों तक मंत्रिमंडल में नहीं टिक सके और त्यागपत्र देकर लालू सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. 2000 के विधानसभा चुनाव में वे एक साथ दो विधानसभा क्षेत्र जमुई और चकाई से विधायक चुने गए बाद में उन्होंने जमुई से इस्तीफा देकर सुशील कुमार सिंह उर्फ हीरा जी को विधायक बनाने में महती भूमिका निभाई थी. 2005 में नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बने और 2015 में जीतन राम मांझी सरकार चलने तक मंत्री पद को सुशोभित करते रहे.

1974 आंदोलन के अग्रणी नेताओं में थे शुमारः नरेंद्र सिंह 1974 आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार रहे. वे 1973 में पहली बार पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे. तब रामजतन शर्मा अध्यक्ष थे। दूसरी बार 1974 में लालू प्रसाद अध्यक्ष और नरेंद्र सिंह महासचिव निर्वाचित हुए. 74 आंदोलन के क्रांतिकारी नेता नरेंद्र सिंह के खून में ही क्रांति और समाजवाद समाहित था. यहां यह बताना लाजिमी है कि उनके पिता श्री कृष्ण सिंह भी अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारी आंदोलन के अगुआ रहे थे. आजादी के बाद उन्होंने समाजवाद को अपनाया और आखिरी क्षण तक समाजवादी विचारों को स्थापित करने को लेकर लड़ते रहे.

पटनाः बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह (Former Agriculture Minister Narendra Singh passed away) का पटना में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वो जमुई के भोड़ के रहने वाले थे. पटना के अपोलो हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे बिहार सरकार में स्वास्थ्य और कृषि मंत्री रह चुके थे. उनका जन्म 23 नवंबर 1947 को हुआ था. उनका अंतिम संस्कार जमुई के पकरी स्थित किऊल नदी तट पर होगा. सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः लालू यादव पारस हॉस्पिटल से डिस्चार्ज, सीढ़ी से गिरने के कारण कंधे की हड्डी में माइनर फ्रेक्चर

बिहार के कई नेताओं ने व्यक्त किया शोकः नरेंद्र सिंह के निधन पर सीएम नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह (Awadhesh Narayan Singh), पूर्व सीएम जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi), जेडीयू सासंद वशिष्ट नारायण सिंह, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री लेसी सिंह, मंत्री श्रवण कुमार, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी, स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे और शिक्षा मंत्री विजय चौधरी सहित कई नेताओं उनकी मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है. वहींस जेडीयू कार्यालय में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली दी गई.

सीएम नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा- "अपने पुराने साथी तथा मंत्रिमंडल के पूर्व सहयोगी श्री नरेन्द्र सिंह जी के निधन से मर्माहत हूं. वे 1974 के जे०पी० आंदोलन के प्रखर सेनानी थे. उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बेहद दुःख पहुंचा है. वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे"

  • अपने पुराने साथी तथा मंत्रिमंडल के पूर्व सहयोगी श्री नरेन्द्र सिंह जी के निधन से मर्माहत हूं। वे 1974 के जे०पी० आंदोलन के प्रखर सेनानी थे। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत रूप से बेहद दुःख पहुंचा है। वे अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। (1/2)

    — Nitish Kumar (@NitishKumar) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम नीतीश ने दी श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 पोलो रोड पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन से उन्हें व्यक्तिगत दुख पहुंचा है. पोलो रोड से पार्थिव शरीर को लेकर जेडीयू कार्यालय लाया गया और वहां पर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी.

हम संरक्षक जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, "मेरे दुख-सुख के साथी बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन की सूचना से स्तब्ध हूं. नरेन्द्र भाई जैसा योद्धा सदियों में जन्म लेतें हैं. आप इतनी जल्दी चले जाओगे ये सोचा नहीं था,आपकी कमी हमेशा खलेगी. श्रद्धांजलि "

  • मेरे दुख-सुख के साथी बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के निधन की सूचना से स्तब्ध हूं।
    नरेन्द्र भाई जैसा योद्धा सदियों में जन्म लेतें हैं।
    आप इतनी जल्दी चले जाओगे ये सोचा नहीं था,आपकी कमी हमेशा खलेगी।
    श्रधांजलि।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लिखा- "पूर्व मंत्री समाजवादी नेता श्री नरेंद्र सिंह जी के निधन की खबर से अत्यंत दुःखी हूँ. मुझे हमेशा उनका स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा. वो गलत-सही को कहने से नहीं चुकते थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें. भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि"

  • पूर्व मंत्री समाजवादी नेता श्री नरेंद्र सिंह जी के निधन की खबर से अत्यंत दुःखी हूँ। मुझे हमेशा उनका स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। वो गलत-सही को कहने से नहीं चुकते थे।

    ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि! https://t.co/f6a6x4Xoik

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नेताओं ने दिया परिजनों को सांत्वनाः बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भी बिहार के लिए इसे एक बड़ी क्षति बताया है. श्रवण कुमार ने कहा कि वो 1974 आंदोलन के अग्रणी नेता थे, इस दुख की घड़ी में हम लोग उनके परिवार के साथ है. वहीं मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि उनके निधन से प्रदेश और देश ने एक कुशल राजनेता खो दिया है. नरेंद्र सिंह का जाना प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति के साथ-साथ उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है. नरेंद्र सिंह के साथ उनका व्यक्तिगत रिश्ता था और वह उनके अभिभावक तुल्य थे. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि नरेंद्र सिंह जेपी आंदोलन के सच्चे सिपाही थे, उनके निधन से बिहार की क्षति हुई है भाजपा नेता भी मर्म आहत हैं. लंबे समय तक नरेंद्र सिंह एनडीए का हिस्सा रहे. मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि नरेंद्र सिंह को मोक्ष मिले और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

एम्स में हुआ था लीवर का सफल ऑपरेशनः आपको बता दें कि बीते 29 मार्च को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का सफल ऑपरेशन हुआ था. उन्हें लीवर के ऊपर गांठ की समस्या थी. खुद उनके बेटे और बिहार सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा था कि पूर्व मंत्री निरंतर अपने राजनीतिक-सामाजिक दायित्व के समक्ष अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते रहे, तब सेहत ने साथ छोड़ दिया. उन्हें लीवर के ऊपर गांठ की समस्या थी.

सांस फूलने से भी रहते थे परेशानः पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से बीमार थे. 2 साल पहले भी काली मंदिर में दर्शन करने के दौरान गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. मंदिर में ही गिर गए और सांस फूलने लगी. तब उन्हें जमुई सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया था. उसके बाद भी छोटी-बड़ी समस्या आती रही. आपको बता दें कि जमुई से आने वाले नरेंद्र सिंह लालू प्रसाद के बचपन के दोस्त थे और वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी करीबी माने जाते थे.

बिहार की राजनीति के मजबूत स्तंभ के नरेंद्र सिंहः पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह सिर्फ जमुई ही नहीं बल्कि बिहार की राजनीति के मजबूत स्तंभ थे. इस बात को उन्होंने 2005 में लोजपा से बगावत कर नीतीश कुमार की सरकार गठन में अहम भूमिका निभाकर साबित किया था. बगावती तेवर और जनहित के सवालों पर अधिकारियों के साथ कड़क अंदाज में पेश आना उनकी पहचान थी. तीन दशक तक जमुई की राजनीति की एक धूरी बने रहे नरेंद्र सिंह ने 21 फरवरी 1991 में जमुई को जिला का दर्जा दिला कर जमुई के विकास का जो सिलसिला शुरू किया, उसको लेकर आखिरी सांस तक चिंतित रहे. हाल के दिनों किसानों एवं मजदूरों के सवाल पर वे बिहार और दिल्ली की वर्तमान सरकार से खफा चल रहे थे.

1985 में पहली बार चुने गए थे विधायकः पूर्व मंत्री व स्वतंत्रता सेनानी समाजवादी नेता श्रीकृष्ण के पुत्र नरेंद्र सिंह पहली बार 1985 में कांग्रेस की टिकट पर चकाई विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए थे. 1990 में दूसरी बार निर्वाचित होकर लालू प्रसाद की सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ. हालांकि बगावती तेवर के कारण वे बहुत ज्यादा दिनों तक मंत्रिमंडल में नहीं टिक सके और त्यागपत्र देकर लालू सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. 2000 के विधानसभा चुनाव में वे एक साथ दो विधानसभा क्षेत्र जमुई और चकाई से विधायक चुने गए बाद में उन्होंने जमुई से इस्तीफा देकर सुशील कुमार सिंह उर्फ हीरा जी को विधायक बनाने में महती भूमिका निभाई थी. 2005 में नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बने और 2015 में जीतन राम मांझी सरकार चलने तक मंत्री पद को सुशोभित करते रहे.

1974 आंदोलन के अग्रणी नेताओं में थे शुमारः नरेंद्र सिंह 1974 आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार रहे. वे 1973 में पहली बार पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव चुने गए थे. तब रामजतन शर्मा अध्यक्ष थे। दूसरी बार 1974 में लालू प्रसाद अध्यक्ष और नरेंद्र सिंह महासचिव निर्वाचित हुए. 74 आंदोलन के क्रांतिकारी नेता नरेंद्र सिंह के खून में ही क्रांति और समाजवाद समाहित था. यहां यह बताना लाजिमी है कि उनके पिता श्री कृष्ण सिंह भी अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारी आंदोलन के अगुआ रहे थे. आजादी के बाद उन्होंने समाजवाद को अपनाया और आखिरी क्षण तक समाजवादी विचारों को स्थापित करने को लेकर लड़ते रहे.

Last Updated : Jul 4, 2022, 3:37 PM IST
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