पटना: राजधानी में कुदरत का अनोखा करिश्मा देखने को मिला है. दरअसल, बक्सर के रहने वाले मो. मोइनुद्दीन के 6 महीने के बेटे मो. इरफान के पेट में गर्भ पल रहा था. उसका इलाज लगातार उसके पिता बक्सर में करवा रहे थे. बावजूद इसके बच्चे का पेट लगातार बड़ा होता जा रहा था. उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी, तो बक्सर के डॉक्टरों ने 20 जनवरी को उसको पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया.
निकाला गया डेढ़ किलो का गर्भ
पीएमसीएच में 20 जनवरी को शिशु वार्ड में एडमिट हुए मो. इरफान को जब डॉक्टरों ने सिटी स्कैन करवाया, तो उसके पेट में ट्यूमर होने की बाते सामने आई. लेकिन जब डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन शुरू किया, तो उसके पेट में गर्भ होने की बात सामने आई. ये बात सामने आते ही डॉक्टरों ने शिशु विभाग के चाइल्ड ओटी में उसका ऑपरेशन शुरू कर दिया. करीब डेढ़ घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद इरफान के पेट से डेढ़ किलो का गर्भ निकाला गया.
निकू-पीकू वार्ड में नहीं है सर्जरी की व्यवस्था
इस पूरे सर्जरी का नेतृत्व कर रहे चाइल्ड विभाग के एचओडी डॉ. अमरेंद्र कुमार ने बताया कि अथक प्रयास के बाद मो. इरफान का सफल ऑपरेशन हुआ है. उन्होंने बताया कि पटना के पीएमसीएच में निकू-पीकू वार्ड तो जरूर बना दिया गया है. लेकिन यहां निकु और पीकू वार्ड के सर्जरी की व्यवस्था नहीं की गई है. पूरी डॉक्टरों की टीम ने स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव से अनुरोध किया है कि पटना के पीएमसीएच में जल्द से जल्द नीकु और पीकू सर्जरी को बनवाया जाए, जिससे जटिल से जटिल ऑपरेशन करने में डॉक्टरों को आसानी हो.
बच्चे के पिता ने सर्जन टीम को दिया धन्यवाद
डॉ. अमरेंद्र ने बताया कि फिलहाल ऑपरेशन के बाद बच्चा स्वस्थ है. हालांकि 48 घंटे के मो. इरफान के लिए काफी महत्वपूर्ण है. 48 घंटे तक फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है. वहीं, डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि इरफान ऑपरेशन के बाद जल्द ही स्वस्थ होकर अपने घर वापस जा सकेगा. इस घटना की जानकारी मिलते ही पटना के पीएमसीएच स्थित शिशु विभाग के ऑपरेशन थिएटर के बाहर अस्पताल में मौजूद लोगों की भीड़ जुट गई. वहीं, मौके पर मौजूद इरफान के पिता नईमुद्दीन ने इस सफल ऑपरेशन के लिए पूरे सर्जन टीम को दिल से धन्यवाद दिया.