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Kisan Andolan News: पटना में किसान संगठनों ने मनाया लोकतंत्र का काला दिवस - Farmers bill

कृषि कानून के खिलाफ पटना में किसान संगठनों ने आंदोलन शरू कर दिया है. किसान नेताओं ने इसे लोकतंत्र का काला दिवस(Black Day) कहा और प्रदर्शन किया. आंदोलन के दौरान भारतीय किसान महासभा व ट्रेड यूनियन (एक्टू) के नेताओं ने बिल को वापस लेने की मांग की.

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Published : May 27, 2021, 8:01 AM IST

पटना: कृषि कानून को रद्द करने के लिए 6 महीने से किसान संगठन आंदलोन कर रहे हैं. बुधवार को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरा हो गए है. जिसके बाद किसान भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मना रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आवाहन पर राजधानी पटना में भी किसान संगठन व मजदूर संगठन ने भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मनाया. किसान संगठन व मजदूर संगठनों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मनाया. पटना में अखिल भारतीय किसान महासभा व ट्रेड यूनियन (एक्टू) के नेताओं ने अपने कार्यालय के बाहर हाथों में काला झंडा लेकर और औरत सर पर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें- CPI 25 मई को करेगी राज्यव्यापी प्रदर्शन, टीकाकरण अभियान तेजी लाने की है मांग

कृषि कानून रद्द करने की मांग

'हमारी सरकार से मांग है कि तीनों कृषि कानून को सरकार रद्द करे, चार श्रम कोड कानून को वापस ले, 12 घंटा कार्य दिवस आदेश रद्द करे, देश के हर एक व्यक्ति को 3 माह के अंदर फ्री वैक्सीन दे, हमने अब ठान लिया है, यह आंदोलन रुकने वाला नहीं अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम आने वाले समय में सभी लोगों को एकजुट कर सरकार को हिलाने का काम करेंगे.' : राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान महासभा

'सरकार ने लोगों को मरता छोड़ इस संकट का इस्तेमाल पूंजी पतियों के कमाई के अवसर में किया है. जिस कारण बेरोजगारी, भुखमरी ,महंगाई बढ़ गई है. 6 महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है, लेकिन आज तक सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया है.' : राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान महासभा

किसान महासभा ने किया प्रदर्शन
किसान महासभा ने किया प्रदर्शन

ये भी पढ़ें- किसान संगठन व ट्रेड यूनियन के समर्थन आए वामदल, बुधवार को मनाया काला दिवस

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

'सरकार हर चीज का निजीकरण करना चाहती है. धीरे-धीरे कर भी रही है और अब कृषि क्षेत्र को भी कारपोरेट के हवाले सौंपना चाहती है. देश के लोग यह समझ चुके हैं, कि देश की तबाही का मतलब मोदी सरकार है. इसलिए हमलोग लोकतंत्र का काला दिवस के रूप में मना रहे हैं और मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 मई 2014 को मोदी सरकार ने अपना कार्यभार संभाला था. जनता से जो वादा किया था, वो आज तक पूरा नहीं हुआ. मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश महामारी में फंस गया है.' : राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान महासभा

पटना: कृषि कानून को रद्द करने के लिए 6 महीने से किसान संगठन आंदलोन कर रहे हैं. बुधवार को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरा हो गए है. जिसके बाद किसान भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मना रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आवाहन पर राजधानी पटना में भी किसान संगठन व मजदूर संगठन ने भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मनाया. किसान संगठन व मजदूर संगठनों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस मनाया. पटना में अखिल भारतीय किसान महासभा व ट्रेड यूनियन (एक्टू) के नेताओं ने अपने कार्यालय के बाहर हाथों में काला झंडा लेकर और औरत सर पर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

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कृषि कानून रद्द करने की मांग

'हमारी सरकार से मांग है कि तीनों कृषि कानून को सरकार रद्द करे, चार श्रम कोड कानून को वापस ले, 12 घंटा कार्य दिवस आदेश रद्द करे, देश के हर एक व्यक्ति को 3 माह के अंदर फ्री वैक्सीन दे, हमने अब ठान लिया है, यह आंदोलन रुकने वाला नहीं अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम आने वाले समय में सभी लोगों को एकजुट कर सरकार को हिलाने का काम करेंगे.' : राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान महासभा

'सरकार ने लोगों को मरता छोड़ इस संकट का इस्तेमाल पूंजी पतियों के कमाई के अवसर में किया है. जिस कारण बेरोजगारी, भुखमरी ,महंगाई बढ़ गई है. 6 महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है, लेकिन आज तक सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया है.' : राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान महासभा

किसान महासभा ने किया प्रदर्शन
किसान महासभा ने किया प्रदर्शन

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केंद्र सरकार पर साधा निशाना

'सरकार हर चीज का निजीकरण करना चाहती है. धीरे-धीरे कर भी रही है और अब कृषि क्षेत्र को भी कारपोरेट के हवाले सौंपना चाहती है. देश के लोग यह समझ चुके हैं, कि देश की तबाही का मतलब मोदी सरकार है. इसलिए हमलोग लोकतंत्र का काला दिवस के रूप में मना रहे हैं और मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 मई 2014 को मोदी सरकार ने अपना कार्यभार संभाला था. जनता से जो वादा किया था, वो आज तक पूरा नहीं हुआ. मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश महामारी में फंस गया है.' : राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय किसान महासभा

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