पटना: एक तरफ देश की राजधानी किसान अपनी मांगों के समर्थन में कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी ओर राजधानी पटना में गुरुवार को दर्जनों किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में एडीएम कार्यालय के समक्ष बैठकर अपनी आवाज बुलंद की है. हालांकि, हिंदी भवन स्थित पटना समाहरणालय के तीसरे फ्लोर पर कार्यालय कक्ष के बाहर बैठे किसानों को गांधी मैदान थाने की पुलिस और एआरबी की टीम ने बाहर का रास्ता दिखाया.
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किसान अपने मांगों लेकर अड़े
दरअसल, पटना के हिंदी भवन स्थित एडीएम कार्यालय पहुंचे किसानों की जब मुलाकात एडीएम से नहीं हुई तो मौके पर मौजूद कई दर्जन किसान अपनी मांगों को मनवाने के समर्थन में अड़ गए. मौके पर मौजूद दुल्हन बाजार के सीही पंचायत किसान राजीव बताते हैं कि आज से डेढ़ महीने पहले उनके खेतों के धान पैक्स अध्यक्ष के द्वारा बताए गए गोदामो या राइस मिलों में जमा करवा दिए गए. डेढ़ महीने तक पैक्स अध्यक्ष के द्वारा लगातार जमा कराए गए. धान के पैसे का आश्वासन ही मिलता रहा और आज डेढ़ महीने गुजरने के बाद 146 किसानों में 74 किसानों को छोड़कर सभी किसानों को उनके धान के पैसे दे दिए गए. आखिर इन 74 किसानों के पेमेंट को पैक्स अध्यक्ष के द्वारा क्यों रोका गया. इसका वाजिब जवाब भी पैक्स अध्यक्ष नहीं दे रहे.
वापस नहीं ले जाएंगे धान
दुल्हन बाजार से आए किसान कहते हैं कि डेढ़ महीने के बाद जब किसानों को उनके धन वापस लेने के आदेश जारी हुए तो अब हालात यह है कि उसी धान के पैसे से किसी ने बेटी की शादी सोच रखी थी. पिछले साल धान की खेती ना के बराबर होने से उसकी भरपाई करना चाहते थे. इस साल जब किसानों ने जी तोड़ मेहनत करके धान उपजाए तो अब पैक्स अध्यक्ष किसानों के धान को डेढ़ माह तक गोदाम में हो और राइस मिलों में रखने के बाद वापस ले जाने की बात कहते हैं.
राजीव कहते हैं कि चाहे अंजाम कुछ भी हो हम अपने धान राइस मिल और गोदामों से वापस नहीं ले जाएंगे.