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पटना के ग्रामीण इलाकों के किसान बजट से नाखुश, बोले- 'सरकार को नहीं दिख रही खाद के लिए लंबी लाइन'

आम बजट (Union Budget 2022) से पटना के ग्रामीण इलाकों के किसान नाखुश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि इस बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. बिहार के किसान खाद की किल्लत के अलावा और भी कई परेशानियों से जूझते रहते हैं. यह बजट किसानों का नहीं बल्कि कॉरपोरेट घराने का है.

Farmers of rural areas of Patna on union budget 2022
Farmers of rural areas of Patna on union budget 2022
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Published : Feb 2, 2022, 4:39 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 7:24 PM IST

पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट 2022 पेश किया. इस बजट से सभी को काफी उम्मीदें थी. खासकर किसानों (Farmers of rural areas of Patna on union budget 2022) को उम्मीद थी कि, बजट के पिटारे से उनके लिए कुछ सौगात निकलेगी. बजट पर राजधानी पटना समेत ग्रामीण इलाकों में किसान नाखुश हैं. किसानों का कहना है कि, इस बार का बजट किसानों को निराशाजनक करने वाला है.

पढ़ें- Budget 2022 : पीएम मोदी ने कहा- पीपुल फ्रेंडली और आत्मनिर्भर भारत का बजट

किसानों ने बजट पर प्रतिक्रिया ( Bihar Farmers Reaction On Union Budget ) देते हुए कहा कि, सरकार ने इस बार किसानों को बजट में कुछ भी खास नहीं दिया है. इन दिनों खेतों में खाद की भारी किल्लत है. किसान की स्थिति बहुत खराब है. खाद के लिए लाइन पर लगना पड़ रहा है. बजट से हमें काफी उम्मीद थी. लेकिन किसानों के लिए बजट में कुछ भी खास नहीं है.

पढ़ें- आम बजट 2022 पर बोले विशेषज्ञ विद्यार्थी विकास- 'बिहार के लिए नहीं है कुछ भी खास'

मसौढ़ी के बिस्कोमान में हजारों की संख्या में खाद के लिए उमड़ी किसानों की भीड़ में बजट को लेकर नाराजगी देखने को मिली. कृषि उपकरण यंत्र पर मिलने वाली सब्सिडी, किसानों को मिलने वाला मुआवजा, फसल सहायता, फसल सुरक्षा तमाम योजनाओं को लेकर आज भी किसान परेशान हैं. ऐसे में खाद की किल्लत को लेकर हो रही मारामारी के बीच किसानों ने बजट पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि, सरकार ने किसानों के साथ नाइंसाफी की है. यह बजट सिर्फ पूंजीपतियों को खुश करने के लिए लाया गया है, किसानों के लिए कुछ नहीं है.

किसान गौरव सिंह ने कहा कि, हम बजट से संतुष्ट नहीं है. तीन दिनों से खाद के लिए हम सभी लाइन में लगे हुए हैं. खाद खेत में डालेंगे तभी तो फसल होगा. जीडीपी में किसानों का योगदान होगा. बिहार के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर है. ऐसे में इसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. किसानों को प्रोत्साहन की जरूरत है.

वहीं एक अन्य किसान ने कहा कि, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही थीं तब, हम आशान्वित होकर देख रहे थे. लेकिन बजट से हम सभी को घोर निराशा हुई है. यह बजट किसानों, नौजवानों के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेट घरानों के लिए है. इससे हमें कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. बजट में हम किसानों के लिए कुछ भी नहीं था.

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पटना: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट 2022 पेश किया. इस बजट से सभी को काफी उम्मीदें थी. खासकर किसानों (Farmers of rural areas of Patna on union budget 2022) को उम्मीद थी कि, बजट के पिटारे से उनके लिए कुछ सौगात निकलेगी. बजट पर राजधानी पटना समेत ग्रामीण इलाकों में किसान नाखुश हैं. किसानों का कहना है कि, इस बार का बजट किसानों को निराशाजनक करने वाला है.

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किसानों ने बजट पर प्रतिक्रिया ( Bihar Farmers Reaction On Union Budget ) देते हुए कहा कि, सरकार ने इस बार किसानों को बजट में कुछ भी खास नहीं दिया है. इन दिनों खेतों में खाद की भारी किल्लत है. किसान की स्थिति बहुत खराब है. खाद के लिए लाइन पर लगना पड़ रहा है. बजट से हमें काफी उम्मीद थी. लेकिन किसानों के लिए बजट में कुछ भी खास नहीं है.

पढ़ें- आम बजट 2022 पर बोले विशेषज्ञ विद्यार्थी विकास- 'बिहार के लिए नहीं है कुछ भी खास'

मसौढ़ी के बिस्कोमान में हजारों की संख्या में खाद के लिए उमड़ी किसानों की भीड़ में बजट को लेकर नाराजगी देखने को मिली. कृषि उपकरण यंत्र पर मिलने वाली सब्सिडी, किसानों को मिलने वाला मुआवजा, फसल सहायता, फसल सुरक्षा तमाम योजनाओं को लेकर आज भी किसान परेशान हैं. ऐसे में खाद की किल्लत को लेकर हो रही मारामारी के बीच किसानों ने बजट पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि, सरकार ने किसानों के साथ नाइंसाफी की है. यह बजट सिर्फ पूंजीपतियों को खुश करने के लिए लाया गया है, किसानों के लिए कुछ नहीं है.

किसान गौरव सिंह ने कहा कि, हम बजट से संतुष्ट नहीं है. तीन दिनों से खाद के लिए हम सभी लाइन में लगे हुए हैं. खाद खेत में डालेंगे तभी तो फसल होगा. जीडीपी में किसानों का योगदान होगा. बिहार के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर है. ऐसे में इसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. किसानों को प्रोत्साहन की जरूरत है.

वहीं एक अन्य किसान ने कहा कि, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही थीं तब, हम आशान्वित होकर देख रहे थे. लेकिन बजट से हम सभी को घोर निराशा हुई है. यह बजट किसानों, नौजवानों के लिए नहीं बल्कि कॉरपोरेट घरानों के लिए है. इससे हमें कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. बजट में हम किसानों के लिए कुछ भी नहीं था.

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Last Updated : Feb 2, 2022, 7:24 PM IST
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