पटना: भारत की 130 करोड़ आबादी के सिर पर मंडरा रहे कोरोना संकट से बचने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन कर रखा है. करोड़ों भारतीयों का जीवन सुरक्षित करने के लिए देश में लॅाकडाउन के बाद बने हालात ने वैसे लोगों की जिंदगी को बेपटरी कर दिया है. जो रोजमर्रे के काम से अपना जीवन यापन करते थे. प्रदेश में किसानों को लॉकडाउन से राहत के लिए सरकार ने किसानों के लिए एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, पहले लॉकडाउन के लॉकडाउन के दौरान शुरुआती दिनों में फसल कटाई पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन केंद्र सरकार के निर्देश पर बिहार सरकार ने बिहार के किसानों को लॉक डाउन से अलग कर दिया है.
'किसानों को हो रही थी परेशानी'
इस मामले पर बिहार सरकार में मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन का असर राजधानी समेत पूरे बिहार में है. लॉकडाउन के शुरुआती दौर में किसानों को अपने खेतों मैं से फसल काटने पर पाबंदी लगा दी गई थी. किसानों के फसल खेत में बर्बाद हो रहे थे. किसानों के आय का एकमात्र साधन फसल ही है. इस वजह से केंद्र सरकार के निर्देशानुसार बिहार सरकार ने लॉकडाउन से किसानों को अलग करने का निर्णय लिया. आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि किसानों को मशीन का प्रयोग संभलकर करने का निर्देश दिया गया है. किसान अपने खेतों से फसल को काट सकते हैं और उसे बाजार में विक्रय के लिए भी लेकर जा सकते हैं.
14 अप्रैल को खत्म होगा लॉकडाउन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 13 सौ की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 23 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.