पटना: देश के जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह हमेशा के लिए अपने प्रशंसकों को छोड़कर चले गए. गुरूवार की सुबह उनका निधन पटना के पीएमसीएच में हो गया. मौत के बाद उनके परिजनों ने बिहार और केंद्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया है.
अंतिम दर्शन के लिए कुंडलिया पैलेस में रखा गया पार्थिव शरीर
दरअसल वशिष्ठ नारायण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए अशोक राजपथ स्थित कुंडलिया पैलेस में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था. इस दौरान मौके पर मौजूद वशिष्ठ नारायण सिंह के भाई और समधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक वह जिंदा रहे तब तक उनकी किसी ने मदद नहीं की. यहां तक की बिहार और केंद्र सरकार ने भी कभी कोई सुध नहीं ली. उनकी मौत के बाद भी पीएमसीएच में 2 घंटे तक इंतजार करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस मुहैया करवाया.
नासा ने भी माना लोहा
वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म साल 1942 में हुआ था. उनके सिद्धांतों का लोहा नासा ने भी माना था. उनकी भूलने की बीमारी के बाद से वह लगातार अपने घर से गायब ही रहे. महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के जीवन का सफर 14 नवंबर को खत्म हो गया.